जशपुर जिले में मानसून के दौरान प्राकृतिक आपदा से बचाव एवं राहत व्यवस्था के लिए शासन ने जारी किए दिशा-निर्देश

May 12, 2022 Off By Samdarshi News

समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, जशपुर

आगामी मानसून में अतिवर्षा से उत्पन्न आपदा की स्थिति में लोगों को राहत एवं बचाव के लिए आवश्यक व्यवस्था की तैयारियों के संबंध में सभी जिला कलेक्टरों को शासन ने व्यापक दिशा-निर्देश जारी किए हैं। राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव ने कलेक्टरों को पत्र लिखकर आगामी मानसून को देखते हुए अभी से व्यापक तैयारियां की जाएं। आपदा प्रबंधन हेतु तैयार एक्शन प्लान पर पुनः विस्तृत चर्चा करें और सभी तथ्यों को यथा समय अद्यतन कर लें। वर्षा मापक केन्द्रों पर स्थापित वर्षामापक यंत्रों का उचित संधारण कर लिया जाए। नवगठित तहसीलों और जिन तहसीलों में वर्षा मापक यंत्र नहीं लगाये गये है, वहां वर्षामापक यंत्र तत्काल स्थापित किया जाए। जिला स्तर पर नियंत्रण कक्ष स्थापित करने के साथ ही इसे एक जून 2022 से प्रारंभ किया जाए, जो 24 घंटा कार्य करेगा।

कंट्रोल रूम की जानकारी सभी ग्राम पंचायतों तथा आम नागरिको को भी उपलब्ध करायें एवं इसका विभिन्न माध्यमों के जरिये प्रचार किया जाए। पहुंच विहीन क्षेत्रों में पर्याप्त मात्रा में खाद्य सामग्री, नमक, केरोसीन, जीवन रक्षक दवाईयां आदि का भंडारण कर लिया जाए। कुंओं, हैण्डपम्प आदि शुद्धिकरण कर लिया जाए। ऐसे क्षेत्रों की पहचान कर ली जाये जहां प्रतिवर्ष बाढ़ आती है. ऐसे क्षेत्र के लोगों को आवश्यकता पड़ने पर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने व उनको ठहराने के लिए राहत कैम्प आदि की सम्पूर्ण योजना तैयार कर ली जावें तथा उन क्षेत्रों की लगातार निगरानी रखी जाए।

आपदा की स्थिति में संचालित राहत शिविरों के लिये निर्धारित मापदण्डों के अनुसार कार्य करने के निर्देश अधिकारियों को दिए गए है। बाढ़ से बचाव संबंधी जो भी उपकरण जिलों में उपलब्ध हो उनकी दुरुस्ती आदि कराकर तुरंत उपयोग हेतु तैयार रखा जाए। जहां मोटर बोट उपलब्ध है वहां यह सुनिश्चित किया जाए कि मांग आने पर बोट्स तथा प्रशिक्षित जवानों को तुरंत रवाना किया जा सके। नगरीय क्षेत्रों में बाढ़ की स्थिति प्रायः नाले व नालियों के अवरुद्ध हो जाने के कारण होती है अतः यह सुनिश्चित कर लिया जाये कि संबंधित नगर निगम, नगर पालिकाओं और नगर पंचायतों द्वारा वर्षा के पूर्व शहर के तमाम नालों नालियों की सफाई पूर्ण कर ली जाए।  शहरों के भीतर बाढ़ वाले क्षेत्रों में पोर्टेबल डिवाटरिंग पंपो की व्यवस्था की जाये। असुरक्षित पेड़ों की कटाई करना और सूचना पटल होर्डिग आदि सुरक्षित करने की कार्यवाही कर ली जाए। जिन जिलों में बड़ी नदी बहती है वे जिले नदी के जलस्तर पर बराबर नजर रखें और जलस्तर के खतरे के निशान पर पहुंचने की संभावना होने पर इसकी पूर्व सूचना राज्य स्तरीय कन्ट्रोल रूम तथा निचले जिलों को लगातार देने की व्यवस्था करें तथा तत्काल सुरक्षा उपाय की जाए। जलाशयों से जल छोड़ने पर विशेष ध्यान रखा जाए। जलाशयों में नियमित रुप से निकासी के प्रयास किये जाए ताकि बाढ़ की स्थिति को और बिगड़ने से रोका जा सके तथा बांधों का जलस्तर बढ़ने पर जल निकासी हेतु निचले जिलों एवं सीमावर्ती राज्यों को 12 घंटे पूर्व सूचना दी जाये। कोविड-19 महामारी को ध्यान में रखते हुए बाढ़, चक्रवात, आपदा प्रबंधन के समय आवश्यक सावधानियां और उपाय किया जाये। राहत शिविरों में कोविड-19 के बचाव सावधानी के संबंध में समुचित व्यवस्था सुनिश्चत की जाए। बाढ़ की स्थिति एवं उससे हुई क्षति की नियमित जानकारी प्रतिदिन सन्धारित किया जाए और राज्य राहत आयुक्त के कार्यालय के दूरभाष क्रमांक- 91-771-2223471, फैक्स नम्बर- $91-771-2223472 पर निर्धारित प्रारूप में प्रतिदिन दर्ज करायी जाए। इसके अतिरिक्त आवश्यकता अनुसार विभाग के ई-मेल बहतमसपम/िहउंपस.बवउ(सीजीरिलिफएटदरेटजीमेलडॉटकॉम) पर दी जा सकती है। सभी जिला एवं तहसील स्तर पर बाढ़ नियंत्रण अधिकारी नियुक्त करने के निर्देश दिए गए है। कलेक्टरों को बाढ़ की स्थिति में बचाव सामग्री की आवश्यकता होने पर राज्य आपदा प्रबंधन बल, महानिदेशक नगर सेना एवं नागरिक सुरक्षा छत्तीसगढ़ मुख्यालय रायपुर से सम्पर्क करने एवं राहत कार्यों हेतु आवश्यक मेनूअल पालन करने के निर्देश राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव ने दिए है।