HEALTH NEWS : अच्छी सेहत के लिए खूब खाईए मुनगा, इसके जड़ से लेकर फूल, पत्तियों और फली में है अनेक औषधीय गुण, प्रतिरोधक क्षमता और पोषण बढ़ाने में मुनगा है काफी लाभदायक
May 24, 2022समदर्शी न्यूज ब्यूरो, रायपुर
छत्तीसगढ़ में सब्जी के रूप में लोकप्रिय मुनगा अनेक गुणों की खान है। मुनगा के बारे में विज्ञान में प्रमाणित किया गया है कि इसके पेड़ का हर अंग स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है। मुनगा (सहजन) लम्बी फलियों वाली एक सब्जी का पेड़ है। स्थानीय बोलियों में मुनगा को सहजना, सुजना, सैजन या सहजन के नाम से भी जाना जाता है। इसका वैज्ञानिक नाम मोरिंगा ओलिफेरा है। मुनगा के जड़, फूल, पत्तियों और फलियों का आयुर्वेद में विस्तार से औषधीय और उपयोगी गुण बताए गए हैं। इसके फूल और फली दोनों का सब्जी में प्रयोग किया जाता है।
मुनगा न केवल स्वादिष्ट है, बल्कि पौष्टिकता से भरपूर भी है। मुनगा में आयरन, विटामिन-सी विटामिन-ए के साथ-साथ पोषक खनिज तत्व भी पाए जाते हैं जो शरीर को पर्याप्त उर्जा प्रदान करते हैं। मुनगा की पत्तियों में प्रोटीन और विटामिन-बी-6, विटामिन-सी, विटामिन-ए और विटामिन-ई होता है। इसमें आयरन, मैग्नीशियम, कैल्शियम, पोटेशियम और जिंक जैसे मिनरल भी पाए जाते हैं। शरीर में खून की कमी जिसे हम एनीमिया कहते हैं, उसे ठीक करने में मुनगा को कारगर माना गया है। मुनगा महिलाओं का कुपोषण दूर करने में भी कारगर है।
शासकीय आयुर्वेदिक कालेज, रायपुर के सह-प्राध्यापक डॉ. संजय शुक्ला ने बताया कि आयुर्वेद में मुनगा की छाल, पत्ती, फूल, जड़ ,फल का रस व इनसे बने पाउडर का उपयोग किया जाता है। मुनगा में दूध की तुलना में चार गुना अधिक कैल्शियम और दोगुना प्रोटीन पाया जाता है। मुनगा का रस सुबह-शाम पीने से उच्च रक्त चाप में लाभ मिलता है। पत्तियों के रस का सेवन करने से मोटापा कम होता है। छाल से बने काढ़ा से कुल्ला करने पर दांतों के कीड़े से राहत और दर्द में आराम होता है। कोमल पत्तों का उपयोग साग बनाकर खाने से कब्ज की समस्या में लाभ होता है। सेंधा नमक और हींग के साथ जड़ का काढ़ा बनाकर पीने से मिर्गी के रोग में लाभ होता है। इसकी पत्तियों को पीसकर लगाने से घाव और सूजन ठीक होती है। शरीर में बनी पुरानी गांठ या फोड़े में भी मुनगा के जड़ के साथ अजवाइन, हींग और सोंठ मिलाकर काढ़ा बनाकर पीने से लाभ मिलता है।
डॉ. शुक्ला ने बताया कि मुनगा का काढ़ा पैरों व जोड़ों के दर्द, लकवा, दमा, सूजन, पथरी में लाभकारी है। मुनगा की गोंद को जोड़ों के दर्द व दमा में लाभदायक माना गया है। मुनगा की सूखी पत्तियों के चूर्ण का नियमित सेवन करना स्वास्थ्यवर्धक होता है। मुनगा के फल और पत्तियों को सब्जी और दाल में डालकर बना सकते हैं। इसमें पोषक तत्व पर्याप्त मात्रा में पाए जाते हैं। रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए यह सबसे सस्ता उपाय है। ज्यादा उम्र के लोगों को मुनगा अवश्य ही खाना चाहिए।
मुनगा में एंटी-बैक्टीरियल गुण होते है एवं यह शरीर को कई तरह के संक्रमण से सुरक्षित रखने में मददगार है। सर्दी-खांसी और बलगम से छुटकारा पाने के लिए इसका इस्तेमाल आयुर्वेदिक औषधि के रूप में होता है। इसमें मौजूद विटामिन-सी रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करने में मददगार है। मुनगा खून की बीमारी को दूर करने में भी मदद करता है। खून साफ होने से चेहरे में भी निखार आता है। इसका सूप पाचन तंत्र को भी मजबूत बनता है। इसमें मौजूद फाइबर्स कब्ज की समस्या दूर करते हैं। दमा की शिकायत में भी मुनगा का सूप फायदेमंद माना गया है। मुनगा का औषधि के रूप में प्रयोग किसी आयुर्वेद विशेषज्ञ के परामर्श और मार्गदर्शन में ही करना चाहिए।