पुलिस अधीक्षक कार्यालय के सभाकक्ष में महिला विरुद्ध अपराध एवं विवेचना के संबंध में एक दिवसीय कार्यशाला का किया गया आयोजन, विवेचना में होने वाली त्रुटियों के संबंध में विस्तृत रूप से कराया गया अवगत

पीडितों को अंतरिम राहत, क्षतिपूर्ति हेतु त्वरित कार्यवाही करने एवं उसकी प्रक्रिया के संबंध में दी गई गहन जानकारी,

समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, जांजगीर-चांपा

कार्यशाला में मुख्य अतिथि के रूप में श्री रामखिलावन रिगरी- विशेष सत्र न्यायाधीश जांजगीर, अध्यक्षता श्री विजय अग्रवाल, पुलिस अधीक्षक एवं विशिष्ट अतिथि गितेश कौशिक, सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की गरिमामयी उपस्थिति में दिनांक 28 मई 22 को आयोजन किया गया। श्री रामखिलावन रिगरी- माननीय विशेष सत्र न्यायाधीश ने अपने उद्बोधन में लैंगिक अपराध बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 के लागू करने का मुख्य उद्देश्य बालक/बालिकाओं जिसकी उम्र 18 वर्ष से कम है उसकी निजता के अधिकारों का संरक्षण करना, अधिनियम के काफी समय से लागू होने के पश्चात् भी उद्देश्य की पूर्ति नहीं होना तथा भविष्य में इस अधिनियम को लागू करने वाली संस्थायें जैसे पुलिस, न्यायालय को बच्चों की शिकायत प्राप्त होने के बाद से न्यायालय निर्णय आते तक अनुसंधान एवं ट्रायल के हर स्तर पर बच्चे के निजता एवं पहचान को सुनिश्चत करना, साथ ही विवेचना में होने वाली त्रुटियों के संबंध में विस्तृत जानकारी दी गई।

पुलिस अधीक्षक विजय अग्रवाल द्वारा अपने उद्बोधन में मुख्य अतिथि महोदय का आभार व्यक्त करते हुए समस्त पुलिस अधिकारी/कर्मचारियों को मुख्य अतिथि द्वारा बताये गये विवेचना संबंधी जानकारियां शब्दशः पालन कर त्रुटिरहित विवेचना करने के निर्देश दिए।  कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि श्री गितेश कौशिक द्वारा महिलाओं के लैंगिक प्रकरणों में विशेष जरूरत मंद पीडितों को अंतरिम राहत क्षतिपूर्ती हेतु त्वरित कार्यवाही करने एवं उसकी प्रक्रिया के संबंध में जानकारी दी गई। श्री सुरेश साहू जिला अभियोजन अधिकारी एवं बालकृष्ण मिश्रा अपर लोक अभियोजन अधिकारी द्वारा लैंगिक अपराध से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 के विभिन्न प्रावधानों की जानकारी दी गई।

श्री राजेन्द्र कश्यप महिला एवं बाल विकास अधिकारी एवं श्रीमती अनुपमा कंवर संरक्षण अधिकार महिला एवं बाल विकास ने घरेलू हिंसा से महिलओं का संरक्षण अधिनियम के विषय में विस्तृत जानकारी दी गई तथा घरेलु हिंसा से पीड़ित महिलाओं को सीधे महिला एवं बाल विकास विभाग भेजने की राय दी दिये। श्रीमती नम्रता पटेल, अध्यक्ष बाल कल्याण समिति जांजगीर ने लैंगिक अपराध से बालकों का संरक्षण अधिकार, किशोर न्याय अधिनियम नियमों की विस्तृत जानकारी देते हुए बच्चों के अधिकारों का संरक्षण करते हुए मित्रता, ममतापूर्ण व्यवहार करने की राय दी गई।

श्री सुरेश जायसवाल सदस्य किशोर न्याय बोर्ड ने विधि विरूद्ध बालकों के किशोर न्याय अधिनियम के अंतर्गत प्राप्त अधिकारों, प्रावधानों की जानकारी देते हुए केवल जघन्य अपराधकारित करने पर ही उनके विरूद्ध प्रथम सूचना पत्र दर्ज कर गिरफ्तारी की कार्यवाही किये जाने की सलाह दी।

सुश्री एच.निशा खान केन्द्र प्रशासक सखी वन स्टाप सेंटर जांजगीर द्वारा कई मामलों में सखी वन सेंटर को काम करने के लिए पुलिस की सहायता की आवश्यकता होती है। सखी वन सेंटर को काम करने के लिए जब पुलिस की जरूरत हो तो पुलिस विभाग से समुचित सहयोग मिलने के संबंध में अपनी राय प्रकट की। कार्यक्रम के समापन के अवसर पर श्रीमती पद्मश्री तंवर, अनुविभागीय अधिकारी पुलिस चांपा द्वारा अतिथियों को स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित कर आभार व्यक्त किया गया। कार्यक्रम का सफल संचालन श्रीमती पद्मश्री तंवर, अनुविभागीय अधिकारी पुलिस चांपा एवं निरीक्षक सुनीता नाग म.वि.अ.अ.सेल द्वारा किया गया। कार्यक्रम में जिले के सभी थाना/चैकियों से आये अधिकारी/महिला कर्मचारीगण उपस्थित रहें।

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