भारतीय जनता पार्टी और नेता प्रतिपक्ष को बयान देने के पहले आत्मअवलोकन करना चाहिए, राज्यसभा के मामले में बोलने का नैतिक हक नहीं – सुशील आनंद शुक्ला

May 30, 2022 Off By Samdarshi News

समदर्शी न्यूज ब्यूरो, रायपुर

कांग्रेस संचार प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि राजीव शुक्ल और रंजीत रंजन को कांग्रेस आलाकमान ने छत्तीसगढ़ से राज्यसभा का प्रत्याशी बनाया है। दोनों ही बड़े योग्य और अनुभवी कांग्रेस के समर्पित कार्यकर्ता है। देश की राजनीति में बड़े नाम है। इनके राज्यसभा में चयन से छत्तीसगढ़ ही नहीं बल्कि देश के आम आदमी की आवाज तथा देश की प्रबुद्ध आवाज राज्यसभा में गूंजेगी। छत्तीसगढ़ के सभी कांग्रेसजन इस निर्णय से प्रसन्नचित है। भारतीय जनता पार्टी और नेता प्रतिपक्ष को बयान देने के पहले आत्मअवलोकन करना चाहिए कि छत्तीसगढ़ में राज्यसभा के दो-दो सदस्यों का चयन होने जा रहा है, भारतीय जनता पार्टी कहां पर खड़ी है? जनता ने उनको इस लायक भी नहीं छोड़ा है कि वे राज्यसभा के बारे में सोच भी सके। भाजपाई छत्तीसगढ़ के प्रतिनिधित्व पर घड़ियाली आंसू न बहाये। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार में है। सरकार के रूप में कांग्रेस के नेता छत्तीसगढ़ के लोगों की सेवा कर रहे है। भूपेश बघेल और उनके मंत्रिमंडल में ठेठ छत्तीसगढ़िया लोग बैठे है। 15 सालों तक सरकार में जो छत्तीसगढ़ियों की उपेक्षा होती थी वह स्थिति अब नहीं है।

कांग्रेस संचार प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि भाजपा अपने अस्तित्व को बचाये रखने के लिये संघर्ष कर रही है। राज्यसभा, लोकसभा क्षेत्र की सीमा के बाहर होती है। यदि ऐसी स्थिति है तो गुजरात से जाकर बनारस में नरेंद्र मोदी क्यों चुनाव लड़े थे? भारतीय जनता पार्टी को इसका जवाब देना चाहिए। स्मृति ईरानी गुजरात से जाकर अमेठी में चुनाव क्यों लड़ी थी? राज्यसभा में, लोकसभा में अपने राजनैतिक परिस्थितियों के अनुसार से पार्टियां निर्णय करती है। भाजपा ने भी 9 से अधिक नेताओं को दूसरे राज्यों से राज्यसभा भेजा है। भाजपा केंद्र सरकार के चार मंत्री अपने राज्यों के बजाय दूसरे राज्यों से आते है। विदेश मंत्री जयशंकर, धर्मेन्द्र प्रधान, एमजे अकबर जैसे नेता दूसरे राज्यों से राज्यसभा गये है। इसमें अनावश्यक बयानबाजी भारतीय जनता पार्टी की ओछी मानसिकता को दर्शाता है।

कांग्रेस संचार प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि मुद्दाविहीन भाजपा छत्तीसगढ़ में भूसे के ढेर में सूई की तरह मुद्दे खोज रही है। इसी कशमकश में भाजपा खुद की उंगलियों को घायल कर बैठ है। जन सरोकार से दूर भाजपा दिखावटी मुद्दों को उछालने में लगी है जिसके कारण जनता भाजपा को बार-बार बुरी तरह खारिज कर रही है।