वनांचल विकास खण्ड नगरी में मुख्यमंत्री शाला सुरक्षा प्रशिक्षण कार्यशाला सम्पन्न

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तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला के प्रथम चरण में विभिन्न प्रकार की जानकारी दे कर किया गया जागरूक

समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, धमतरी/नगरी

वनांचल स्थित आदिवासी विकासखंड नगरी अंतर्गत संचालित प्राथमिक विद्यालय व माध्यमिक विद्यालय के शिक्षकों एवं संकुल शैक्षिक समन्वयकों का मुख्यमंत्री शाला सुरक्षा व व्यक्तिगत सुरक्षा पर तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला के प्रथम चरण का 1 जून 2022 को एसडीओपी मयंक रणसिंह एवं बीईओ सतीश प्रकाश सिंह की उपस्थिति में सफलतापूर्वक समापन हुआ। प्रशिक्षण कार्यशाला के समापन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अनुविभागीय अधिकारी पुलिस मयंक रणसिंह ने शाला सुरक्षा एवं छात्र-छात्राओं की व्यक्तिगत सुरक्षा के टिप्स दिए। उन्होंने छात्र-छात्राओं विशेषत: बालिका सुरक्षा के लिये बनाये गए क़ानून की जानकारी दी। इस अवसर पर विकास खण्ड शिक्षा अधिकारी सतीश प्रकाश सिंह ने नए शिक्षा सत्र के प्रारंभ होते ही मुख्यमंत्री शाला सुरक्षा एवं छात्र-छात्राओं की व्यक्तिगत सुरक्षा को लेकर जारी किये गए निर्देशों का पालन करते हुए शाला संचालित करने के निर्देश दिए।

बीईओ श्री सिंह ने संकुल शैक्षिक समन्वयकों एवं शिक्षकों को प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य, हमारे क्षेत्र में होने वाले प्राकृतिक आपदा और विपदा के बारे में शिक्षक, बच्चे व पालकों को पूर्ण रूप से पूर्व जानकारी प्रदान करने तथा जागरूकता लाने के लिये आवश्यक पहल करने को कहा, ताकि किसी दुर्घटना से पहले सुरक्षा उपाय संभव हो सके। उन्होंने आपदा प्रबंधन की पूर्व तैयारी व कार्य योजना तैयारी कर स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा और आपदा प्रबंधन आदि के लिए पहले से तैयार रहने के लिए मुख्यमंत्री शाला सुरक्षा योजना के अंतर्गत बच्चों की सुरक्षा के लिए स्कूलों में सुरक्षित मानक तैयार करने हेतु निर्देशित किये|

मुख्यमंत्री शाला सुरक्षा प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य प्राकृतिक आपदा की पूरी जानकारी और विपदा की परिस्थिति को पूर्व से ही चिन्हांकित कर उस पर पूर्व तैयारी से, विभिन्न बचाव के तरीकों से विद्यालयीन बच्चों को जागरूक कर भयमुक्त वातावरण में अपने विद्यालय में शिक्षा ग्रहण करने के लिए शैक्षणिक वातावरण बनाया जा सके। किसी प्रकार की आपदा के लिए तत्पर रहकर निरंतर शिक्षण कार्य संचालित रहे। किसी प्रकार की आपदाओं के कारण शिक्षण कार्य प्रभावित ना हो सके। प्रशिक्षण के प्रमुख उद्देश्यों में इसकी पूर्व तैयारी किया जाना सम्मिलित हैं।

मुख्यमंत्री शाला सुरक्षा प्रशिक्षण के प्रथम दिवस में शाला आपदा प्रबंधन की योजना बनाना, प्राथमिक फर्स्ट एड कैसे किया जाता है, आपदा के समय स्कूल स्तर पर सर्च और तात्कालिक बचाव कैसे करना है, इसकी जानकारी दी गई। स्कूल स्तर पर माकड्रिल कैसे करते है, इसको भी सिखाया गया। आपदा के साथ-साथ मौसम परिवर्तन, बाल संरक्षण, स्वच्छता एवं स्वास्थ्य, कुपोषण के विषयों में भी जानकारी दी गई। तीन दिवसीय प्रशिक्षण सह कार्यशाला में व्यक्तिगत सुरक्षा , शाला सुरक्षा तथा आपदा प्रबंधन के विषय में शिक्षकों एवं संकुल शैक्षिक समन्वयकों को विस्तृत जानकारी प्रदान की गई। इस जानकारी से वे अपने शाला में एवं आसपास के परिवेश में संभावित आपदाएं जैसे- बाढ़, सुखा, सड़क-दुर्घटना,आकाशीय बिजली गिरना, सांप, बिच्छू के डंक से बचाव तथा भूकंप आदि से सुरक्षा का पहचान कर विद्यार्थियों को सुरक्षित रख सकते है|

द्वितीय दिवस के प्रशिक्षण में शाला प्रबंधन समिति गठन कैसे करना है, स्थानीय शिक्षण का चयन, स्कूल स्तर पर आपदा से बचाव और उसकी पहचान, प्राथमिक शाला का फर्स्ट एड माकड्रिल और सुरक्षा की जानकारी एवं शासकीय भवनों का संरचनात्मक ढांचा एवं गैर संरचनात्मक ढांचा पर चर्चा किया गया| डा.जैन तथा सुश्री लास्की मरकाम एवं उनके सहयोगी दल ने दुर्घटना की स्थिति में प्राथमिक उपचार के रूप में सी.पी.आर. दिए जाने की विस्तृत जानकारी दी।

प्रशिक्षण के तीसरे दिवस में एकीकृत बाल संरक्षण योजना के अंतर्गत जानकारी दी गयी। प्रशिक्षण कार्यशाला के समापन पर एस.डी.ओ.पी. नगरी मयंक रणसिंह के द्वारा पाक्सो एक्ट के अंतर्गत बाल लैंगिक अपराध के बारे में विस्तार से जानकारी दी गयी| तीन दिवसीय मुख्यमंत्री शाला सुरक्षा प्रशिक्षण की मॉनिटरिंग एस.सी.ई.आर.टी. रायपुर की सहायक प्राध्यापक डा. विद्यावती चंद्राकर के द्वारा की गई। कार्यशाला के द्वितीय दिवस डॉ विद्यावती चन्द्राकर सहायक प्राध्यापक एवं यूनिसेफ के समन्वयक राहुल विश्वकर्मा के द्वारा प्रशिक्षणार्थियों को शाला सुरक्षा के बारे में विस्तार से जानकारी दी गयी| प्रशिक्षण कार्यशाला के समापन कार्यक्रम में पत्रकार जीवन लाल नाहटा के द्वारा शिक्षकों को शाला सुरक्षा एवं बच्चों की सुरक्षा के लिये प्रेरित किया गया। कार्यक्रम में मास्टर ट्रेनर मनोज कुमार साहू- व्याख्याता एल बी, सहायक विकासखंड शिक्षा अधिकारी महेश्वरी ध्रुव, डाइट संकाय सदस्य जोहन नेताम, बीआरसी बी.एम.साहू, संकुल शैक्षिक समन्वयक तथा शिक्षक-शिक्षिकाएं उपस्थित थे |

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