मेले में गुब्बारा बेचने आये दो भाईयों को मारपीट कर गंभीर चोंट पहुंचाने वाले चार आरोपियों को गिरफ्तार कर भेजा गया न्यायिक अभिरक्षा में, मेला शुल्क वसूली की बात पर हुई था आपसी विवाद

June 4, 2022 Off By Samdarshi News

आरोपियों के विरुद्ध थाना जैजैपुर में अपराध क्रमांक 63 / 22 धारा 307, 327, 294, 506, 323,34 भादवि पंजीबद्ध

समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, जांजगीर-चांपा

पुलिस द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार मामले का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि प्रार्थी भरत केंवट उम्र 22 वर्ष निवासी मलनी ने दिनांक 17 अप्रैल 22 को थाना जैजैपुर में रिपोर्ट दर्ज कराया था कि दिनांक 8 अप्रैल 22 को अपने बड़े भाई लक्ष्मण केंवट, सन्तराम केवट एवं अन्य लोगों के साथ गुब्बारा बेचने ग्राम भोथिया मनका दाई मंदिर मेला गये थे. रात्रि करीबन 10:00 बजे के आसपास ग्राम भोथिया मनका दाई मंदिर के समिति के सदस्य मयादास चंद्रा, राम कुमार चंद्रा, पितर चंद्रा एवं मेहर चंद्रा जो मेला के दुकानदारों से मेला-शुल्क वसूली कर रहे थे, पास आकर मेला वसूली 100/- रुपए मांगने पर प्रार्थी और संतराम केंवट ने अभी बिक्री नहीं किये है बोलकर 50/रू ले लो कहा. इसी बात पर चारों एक राय होकर अश्लील गाली-गलौज कर जान से मारने की धमकी देते हुए हाथ मुक्का से मारपीट किये, जिससे प्रार्थी को गाल एवं कमर में तथा संतराम केंवट निवासी मलनी के सिर के पिछले हिस्से एवं पेट में गंभीर चोट लगी. प्रार्थी की रिपोर्ट पर आरोपियों के विरुद अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

आहत संतराम केंवट की स्थिति गम्भीर होने से जिला कोरबा के अस्पताल में भर्ती होकर ईलाज कराया गया. प्रकरण में विवेचना के दौरान आरोपियों के विरूद्ध धारा 307,327 भादवि जोड़ी गई। आरोपियों के उसके घर मे छुपे होने की सूचना प्राप्त होने पर तत्काल जैजैपुर पुलिस द्वारा आरोपियों के घर दबिश देकर गिरफ्तार कर पुलिस अभिरक्षा में लेकर पूछताछ करने पर आरोपियों द्वारा घटना कारित करना स्वीकार करने पर न्यायालय में पेश किया गया. आरोपीगण मयादास चंद्रा उम्र 45 वर्ष,   राम कुमार चंद्रा उम्र 34 वर्ष, पितर लाल चंद्रा उम्र 43 वर्ष,  मेहर साय चंद्रा उम्र 31 वर्ष सभी निवासी भोथिया को दिनांक 4 जून 2022 को न्यायिक अभिरक्षा में भेजा गया. आरोपियों को गिरफ्तार करने एवं विवेचना कार्यवाही में उपनिरीक्षक गोपाल सतपथी, सहायक उपनिरीक्षक संतोष तिवारी, प्रधान आरक्षक संतोष कश्यप, आरक्षक प्रहलाद सोनवानी एवं कंचन सिदार का सराहनीय योगदान रहा