समर कैंम्प का बालिकाओं ने लाभ उठाया, विशेष पिछड़ी जनजाति पहाड़ी कोरवा की छात्रा सुगंती बाई और कांति बाई बना रही बांस से आकर्षक कलाकृति

समर कैम्प की अवधि 10 जून तक बढ़ाया गया

समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, जशपुर

जिला प्रशासन द्वारा बच्चों एवं नवयुवकों में व्यक्तिगत और कौशल विकास के उद्देश्यांे की पूर्ति के लिए ग्रीष्मकालीन बाल अभिरूचि शिविर के लिये जिले के सभी विकास खण्डों में 12 से 20 वर्ष आयु समूह के छात्र-छात्राओं एवं युवाओं के लिये 16 से 30 मई तक विभिन्न विधाओं में समर कैम्प का आयोजन किया गया था।

समर कैम्प में हम किसी से कम नहीं की तर्ज पर, विशेष पिछड़ी जनजाति- “पहाड़ी कोरवा“ के बच्चे भी विभिन्न विधाओं में बढ़-चढ़ कर हिस्सा ले रहे हैं। जनजातीय परिवार से छात्रा-कुमारी सुगन्ति बाई, पिता श्री शीतल राम, निवासी सामबार एवं कुमारी कांति बाई, पिता श्री मनसाय राम, निवासी हर्राडीपा के द्वारा कम्प्यूटर प्रशिक्षण में भाग लिया गया है। इन पहाड़ी कोरवा छात्राओं ने बांस कला में भी अपना कौशल दिखाया और बांस से आकर्षक कलाकृतियाँ तैयार की हैं। बच्चों एवं युवाओं विशेषकर पहाड़ी कोरवा बच्चों के उत्साह को देखते हुए कलेक्टर रितेश अग्रवाल के द्वारा समर कैम्प की अवधि 10 जून 2022 तक बढ़ा दी गई है।

समर कैम्प की अवधि बढ़ाये जाने से समर कैम्प में सम्मिलित होने वाले बच्चे एवं युवा काफी उत्साहित हैं, जिससे वे अपने विधा में निपुण हो जायेंगे। समर कैम्प में बच्चे योगाभ्यास, एरोबिक्स, कैलीग्राफी, पेंटिंग, रंगोली, चित्रकला, कुकिंग, थर्माकोल आर्ट, कम्प्यूटर, मिट्टी कला, कबाड़ से जुगाड़, नृत्य, वादन-गायन तो सीख ही रहे हैं। साथ ही जिले में लुप्त हो रही पारंपरिक विधा- मिट्टी कला, बांस शिल्प, काष्ट शिल्प भी सीख रहे हैं। समर कैम्प में बच्चों को सीखने-सीखाने के माहौल को प्रोत्साहित करने के अतिरिक्त अकादमिक कौषलों के साथ, स्व-रूचि आजीविका एवं मानसिक कौषलों के विकास का एक समन्वित औसर उपल्ब्ध करा रहा है।

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