मूंगफली की खेती से एक सीजन में कमाए 1 लाख से अधिक का मुनाफा-किसान विरेन्द्र भगत
समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, जशपुर
किसानों को आर्थिक रूप से संबल बनाने तथा नई फसल लेने हेतु कृषि विभाग के द्वारा निरंतर विभिन्न प्रशिक्षण एवं कार्यशाला का आयोजन कर किसानो को आधुनिक खेती से जोड़ा जा रहा है। जिससे किसान की फलस में बढ़ोतरी हो सके और वे अपने आमदनी को दोगुनी कर सके। कृषि विभाग के विभिन्न प्रयासों से लाभांवित मनोरा विकासखंड के ग्राम अलोरी निवासी किसान विरेन्द्र भगत ने प्रशिक्षण एवं कृषि विभाग के सलाह से आधुनिक खेती कर 1 लाख 340 रुपए की आमदनी अर्जित की। किसान विरेंद्र भगत ने कहा कि उनके पास कुल 0.610 हैक्टेयर जमीन है। जिसमें वह धान की खेती करते थे। जिससे साल में सिर्फ एक भी फसल पर निर्भर रहना पड़ता था। परंतु उन्होंने धान की ख्ेाती के उपरांत तिलहन की खेती करना भी प्रारंभ कर दिया। जिससे उन्हें अब अच्छा मुनाफा होने लगा है।
किसान विरेंन्द्र ने बताया कि उन्होंने हाल ही में अपने खेत में मूंगफली की खेती की। उन्होंने बताया कि धान के खेती से उनका गुजारा बहुत मुश्किल से हो पाता था। परंतु अब तिलहन की खेती करने से उनकी सारी चिन्ताएं समाप्त होने लगी है। उन्होंने बताया कि 30 हजार रुपए की लागत से मुंगफली की खेती किए थे। जिससे उन्हें लगभग एक साल में 1 लाख 340 रुपए की आमदनी हुई है। उन्होंने बताया कि समय-समय पर कृषि विभाग द्वारा प्रदाय प्रशिक्षण के तरीकों से उन्होंने पोषक अहपने फसल में खाद एवं दवाई का छिड़काव किया। जिससे उनका फसल की उपज अधिक मात्रा में हुई।
उन्होंने ने बताया कि जब वे पुर्व में परंपरागत विधि से खेती करते थे तो उन्हे मेहनत के अनुसार फसल की उपज नहीं मिल पाती थी। परंतु पशिक्षण के उपरांत उन्होंने आधुनिक तकनिकी का उपयोग कर वे बहुत संतुष्ट हो गए है। किसान विरेन्द्र ने कहा कि प्रशिक्षण के उपरांत जब खेती की उपज अच्छी आई तो वे अधिक प्रोत्साहित हुए। अब वे और ज्यादा उत्साह के साथ खेती करेंगे। उन्होंने बताया कि आगामी वर्ष वे अधिक क्षेत्र में दलहन एवं तिलहन की खेती करेंगे। साथ ही अपने आस पास के किसानों को भी अन्य फसल लेने के लिए प्रोत्साहित करेंगे। इसी प्रकार सिरिमकेला निवासी अल्फोस केरकेटृटा के द्वारा भी प्रशिक्षण प्राप्त कर तिलहन की खेती का लाभ उठाया। जिससे उन्हें भी अच्छा मुनाफा देखने को मिला है। जिससे किसान अल्फोस व उनके परिवार बहुत खुश है। अल्फोस का कहना है कि अब वे अपने खेत में दोहरी फसल का लाभ अवश्य उठाएगं। जिससे उन्हें आर्थिक रूप से अधिक आमदनी हा सके। साथ ही उन्होंने उक्त प्रशिक्षण के लिए जिला प्रशासन एवं कृषि विभाग के अधिकारियों को धन्यवाद दिया।