जून महीने में केंद्र ने छत्तीसगढ़ को निर्धारित मात्रा का आधा खाद भी नहीं दिया, केंद्र सरकार अन्याय कर रही भाजपा के सांसद गूंगे बने हुए – मोहन मरकाम

June 10, 2022 Off By Samdarshi News

समदर्शी न्यूज ब्यूरो, रायपुर

कांग्रेस ने कहा कि भाजपाई मोदी सरकार के छत्तीसगढ़ विरोधी कारनामे पर पर्दा डालने खाद को लेकर गलत बयानी कर रहे है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि भाजपा की मोदी सरकार राज्य के किसानों की आवश्यकता के अनुरूप खाद की आपूर्ति नही कर रही। भाजपाई मोदी सरकार से राज्य में खाद की आपूर्ति करने की मांग करने के बजाय केंद्र की चाटुकारिता कर रहे। भाजपाई राज्य के किसानों के हितों से बढ़कर अपना खुद का हित है खुद के नम्बर मोदी के दरबार मे कम न होने पाए इसलिए वे मोदी सरकार के द्वारा राज्य में पर्याय रसायनिक खाद की आपूर्ति नही करने का भी बचाव कर रहे हैं।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि राज्य सरकार ने केंद्र से खरीफ के लिए लगभग 13.70 लाख मीट्रिक टन विभिन्न रासायनिक खादों को राज्य को आपूर्ति करने की मांग की थी,यूरिया 6.50 लाख टन, डीएपी 3 लाख टन, पोटाश 80 हजार टन, एनपीके 1.10 लाख टन एवं सुपर फास्फेट 2.30 लाख टन शामिल है। जिसकी केंद्र सरकार ने स्वीकृति भी दिया था। केंद्र ने राज्य को खाद देने का जो पैमाना निर्धारित किया उसका पालन नहीं कर रही। माह अप्रैल एवं मई 2022 में राज्य को यूरिया की कुल आपूर्ति 3.29 लाख टन होनी थी, लेकिन केवल 2.20 लाख टन यूरिया ही प्राप्त हुआ। यूरिया के वितरण का संपूर्ण नियंत्रण भारत सरकार के उर्वरक मंत्रालय द्वारा किया जाता है। यूरिया की उपलब्धता खरीफ के लक्ष्य के विरूद्ध 62 प्रतिशत है। इसी प्रकार राज्य में एनपीके की उपलब्धता खरीफ के लक्ष्य के विरूद्ध 30 प्रतिशत, डीएपी की उपलब्धता 39 प्रतिशत, पोटाश की उपलब्धता 35 प्रतिशत है। छत्तीसगढ़ में धान एवं अन्य खरीफ फसलों की बोवाई का काम जून में शुरू हो जाता है। जून में राज्य में रासायनिक खादों की मांग अधिक रहती है। जून के शुरू में केंद्र द्वारा राज्य के कोटे की आपूर्ति न होने से राज्य में खाद का संकट पैदा हो गया। आगामी दिनों में समय पर उर्वरक न मिलने से इनकी कमी हो सकती है। राज्य सरकार द्वारा रासायनिक उर्वरकों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के प्रयास किए जा रहे हैं। इस संकट के लिए मोदी सरकार का छत्तीसगढ़ विरोधी रवैय्या जिम्मेदार है। छत्तीसगढ़ के अधिसंख्यक किसान सिर्फ धान की खेती करते है यहां पर उर्वरक की कमी होने पर किसानों परेशानी में है जबकि जिन राज्यो में किसान बहुफसली खेती करते है उनके खरीफ के खातू में कटौती की भरपाई बाद में हो सकती है लेकिन मोदी सरकार ने राजनैतिक कारणों से उन राज्यो की आपूर्ति नहीं रोका लेकिन छत्तीसगढ़ की आपूर्ति कम कर दिया।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने खाद संकट पर राजनीति कर रही भाजपा पर प्रहार करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ के भाजपा सांसद अपनी चुप्पी कब तोड़ेंगे? राज्य के साथ लगातार केंद्र सरकार अन्याय कर रही भाजपा के सांसद गूंगे बने हुए। राज्य की जनता ने उन्हें क्या सिर्फ वेतन भत्ते और सांसदी के रुतबे के लिए चुन कर दिल्ली भेजा है। मोदी की चाटुकारिता इनके लिए जनता जनार्दन से बड़ी हो गयी है।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि मोदी सरकार का चरित्र ही किसान विरोधी है। पूर्व की रमन सरकार के समय भी मांगनुसार खाद नहीं मिलता था। खरीफ सीजन 2015 में उर्वरक प्रदायक कम्पनियों द्वारा राज्य की डिमांड 11 लाख मीट्रिक टन के विरुद्ध 9.81 लाख मेट्रिक टन उर्वरकों की आपूर्ति की गई थी, जो कि डिमांड का 89 प्रतिशत थी। इसी तरह खरीफ 2016 सीजन में 10.40 लाख मेट्रिक टन रासायनिक उर्वरकों की डिमांड के 8.25 लाख मेट्रिक टन उर्वरक प्रदाय किया गया था, जो डिमांड का 79 प्रतिशत था। खरीफ सीजन 2017 में उर्वरकों की मांग का 72 प्रतिशत, खरीफ सीजन 2018 मांग का 73 प्रतिशत, खरीफ सीजन 2019 में मांग का 80 प्रतिशत तथा खरीफ सीजन 2020 में 11.30 लाख मेट्रिक टन की मांग के विरूद्ध छत्तीसगढ़ राज्य को 10.04 लाख मेट्रिक टन उर्वरक मिला था, जो कि मांग का 89 प्रतिशत था। जबकि उस दौरान धान बोने वाले किसान कम थे, आज संख्या 22 लाख से अधिक है।