रेस्क्यू ऑपरेशन : एक ही बात मेरे जेहन में कि राहुल को बाहर निकालना है

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समदर्शी न्यूज ब्यूरो, रायपुर

जांजगीर-चांपा जिले के पिहरीद गांव में बोर में फंसे 11 वर्षीय बच्चे राहुल की जान जिसने बचाई उसका नाम है अजरूल। अजरूल ने राहुल को बचाने में अपनी जान की भी परवाह नहीं की। जब मुख्यमंत्री ने अजरूल से बातचीत करते हुए उससे पुछा कि आपको डर नहीं लगा तो उसने कहा मुझे सबसे पहले बच्चे की जान बचाने की फिक्र थी। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अजरूल को मुख्यमंत्री निवास पर आज आयोजित कार्यक्रम में सम्मानित किया और राज्योत्सव में पुनः सम्मानित करने की घोषणा की।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अजरूल की साहस की सराहना करते हुए कहा कि अजरूल ने राहुल की जान बचाने के लिए अपनी जान जोखिम में डाल दी, उसकी जितनी भी तारीफ की जाए उतनी कम है।

राहुल को निकालने में प्रशासन का पूरा अमला लगा हुआ था। 104 घंटे के इस रेस्क्यू अभियान को अंतिम परिणाम तक पहुंचाने में अजरूल हक की महत्वपूर्ण भूमिका थी। अजरूल रायपुर स्मार्ट सिटी में सीवरेज सिस्टम में कार्यरत है। जब रेस्क्यू टीम ने खुदाई पूर्ण कर टर्नल बना कर राहुल के करीब पहुंच गए तब उस समय राहुल को बाहर निकालने का निर्णय लिया और यह जिम्मा अजरूल हक को दिया गया। अजरूल को सेफ्टी बेल्ट पहनाकर मुंह के बल नीचे उतारा गया।

अजरूल ने बताया कि – जब वे नीचे उतरे तो देखा कि राहुल गड्ढे में लेटा हुआ है। तब मैने राहुल को उठाया और उसे सेफ्टी बेल्ट पहनाया और उसे बाहर निकाल लाया। जब मैं गड्ढे में उतरा तो उस समय मेरी जेहन में एक ही बात थी कि मेरी जान भले ही चली जाए पर बच्चे की जान बच जाए। इसी सोच ने मुझे प्रेरणा दी और मुझे किसी प्रकार का डर नहीं लगा और मैं राहुल को बचा पाया।

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