तीसरी बार वन होम वन ट्री महाअभियान : 6 जुलाई को घरों को हरियाली से गुलजार करने का बड़ा अभियान, कलेक्टर ने दिये अधिकारियों को निर्देश, घरों में रोपने लोगों को उपलब्ध कराएं पौधे

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समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, दुर्ग

घरों को हरियाली से गुलजार करने का वन होम वन ट्री महा अभियान इस साल भी 6 जुलाई को आयोजित किया जाएगा। इस तरह जिले में मनाया जाने वाला हरियाली का यह सबसे बड़ा अभियान लगातार तीसरी बार आयोजित किया जाएगा। कलेक्टर डा. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने आज अधिकारियों से इस महाअभियान को सफल बनाने युद्धस्तर पर कार्य करने के निर्देश दिये। कलेक्टर ने कहा कि अपने वातावरण को बेहतर करने के लिए सुंदर बनाने के लिए पौधरोपण बेहद जरूरी है। दुर्ग जिले के नागरिक इस मायने में बहुत उत्साही हैं और उन्होंने पिछले दो सालों से लगातार अपने घरों में पौधे रोपे हैं और उन्हें सहेजा है। जिन लोगों ने अपने घरों में पौधे लगाये हैं वे अब बड़े हो गये हैं।

बैठक में अपर कलेक्टर श्री अरविंद एक्का, श्रीमती पद्मिनी भोई, जिला पंचायत सीईओ श्री अश्विनी देवांगन, डीएफओ श्री शशि कुमार, नगर निगम भिलाई आयुक्त श्री प्रकाश सर्वे सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे। नगरीय निकायों में और फारेस्ट की नर्सरी में उपलब्ध होंगे पौधे, घर पहुंच सेवा भी होगी उपलब्ध- कलेक्टर ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि नगरीय निकायों के सभी जोन कार्यालयों में पौधे उपलब्ध कराए जाएंगे जहां से लोग अपने लिए पौधे ले जा सकेंगे। इसके साथ ही फारेस्ट नर्सरी से भी लोग पौधे ले सकेंगे। इसके साथ ही वन विभाग द्वारा फोन करने पर भी पौधे उपलब्ध कराए जाने की सुविधा दी जाएगी।

फलदार पौधे अधिक संख्या में रखने के निर्देश- कलेक्टर ने कहा कि लोगों की रुचि फलदार पौधों में अधिक होती है। इसके लिए फलदार पौधे अधिक संख्या में तैयार रखें। उन्होंने कहा कि इसके लिए अगले एक हफ्ते में तैयारी कर लें। हार्टिकल्चर और फारेस्ट विभाग अगले एक हफ्ते में महा अभियान में लगने वाले पौधों की संख्या का आंकलन कर लें। विभागों से इसकी जानकारी मंगा लें तथा एनजीओ, औद्योगिक समूह आदि जो पौधा लगाना चाहते हैं उनकी भी जानकारी ले लें।

हर ग्राम पंचायत में हो प्लानिंग, प्रमुख सड़कों के किनारे हो प्लांटेशन- कलेक्टर ने जिला पंचायत सीईओ श्री अश्विनी देवांगन से हर ग्राम पंचायत में पौधरोपण की प्लानिंग करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ियों में भी मुनगा जैसे पौधों का रोपण किया जाए। इसके साथ ही उन्होंने ऐसी सड़कों में भी प्लांटेशन के निर्देश दिये जिनके किनारे अब तक प्लांटेशन नहीं हो पाया है।

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