भाजपा के आतंकियों संबंधों पर पीसीसी अध्यक्ष मोहन मरकाम के सवाल : आतंकवादियों से नाता है यह रिश्ता क्या कहलाता है?

भाजपा के आतंकियों संबंधों पर पीसीसी अध्यक्ष मोहन मरकाम के सवाल : आतंकवादियों से नाता है यह रिश्ता क्या कहलाता है?

July 5, 2022 Off By Samdarshi News

समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, रायपुर

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि पिछले एक सप्ताह में घटी दो घटनाओं ने भाजपा के चाल,चरित्र और चेहरा को बेनकाब कर दिया है। पहले उदयपुर हत्याकांड में शामिल एक आरोपी बीजेपी का कार्यकर्ता निकला। उसके बाद जम्मू-कश्मीर में पकड़े गए लश्कर-ए-तैयबा के दो आतंकवादियों में से एक “तालिब हुसैन शाह“ बीजेपी का पदाधिकारी निकला जिसकी देश के गृह मंत्री के साथ तक तस्वीर है। जब ये पकड़ा गया तब पवित्र अमरनाथ यात्रा के लिए जा रहे श्रद्धालुओं पर हमले की योजना बना रहा था। नूपुर शर्मा भी भाजपा की और रियाज़ अटारी भी भाजपा का है। तालिब हुसैन भी भाजपा का? खुद को देशभक्त होने का दावा करने वालों ने अपने दामन में सांप ही सांप छुपा रखे है।

राष्ट्रवाद की बात करने वालों की यही असली हकीकत है और ये कोई पहला या दूसरा मौका नहीं है जब भाजपा के नेता या कार्यकर्ता आतंकी गतिविधियों में लिप्त पाए गए हैं। ऐसी कई घटनाएं हैं।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि क़रीब दो साल पहले जम्मू कश्मीर में एक ऐसा ही मामला सामने आया था। जब आतंकियों को हथियार मुहैया कराने के आरोप में बीजेपी के पूर्व नेता एवं सरपंच “तारिक़ अहमद मीर“ को गिरफ्तार किया गया था। अहमद पर हिजबुल कमांडर नवेद बाबू को हथियार देने का आरोप था जो आतंकियों की मदद करने वाले डीएसपी दविंदर सिंह के साथ गिरफ्तार हुआ था। एनआईए ने साफ तौर पर कहा भी था कि “तारिक़ अहमद मीर“ दविंदर सिंह का सहयोगी है। यदि दविंदर सिंह के मामले की ढंग से जांच होती तो दूध का दूध और पानी का पानी हो जाता लेकिन जांच बीच में ही रोक दी गई।

साल 2017 में मध्य प्रदेश एटीएस की टीम ने अवैध टेलीफोन एक्सचेंज का पर्दाफाश करते हुए आईएसआई के 11 संदिग्धों को गिरफ्तार किया था। इनमें एक बीजेपी आईटी सेल का सदस्य ध्रुव सक्सेना भी शामिल था। जिसकी राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ तस्वीर वायरल हुई थी।

इसके 2 साल बाद मध्यप्रदेश में बजरंग दल के एक नेता बलराम सिंह की गिरफ्तारी टेरर फंडिंग के आरोप में हुई थी।

वर्ष 2017 में एनआईए की विशेष अदालत ने आतंकियों को आर्थिक मदद देने के आरोप में असम के भाजपा नेता “निरंजन होजाई“ को उम्र कैद की सजा सुनाई थी। इन्हें एक हजार करोड़ के वित्तीय घोटाले एवं टेरर फंडिंग मामले में दोषी पाया गया था। इनकी फंडिंग से मिले पैसों से आतंकवादी हथियार आदि खरीदते थे जिसका इस्तेमाल देश की सेवा में लगे हमारे सुरक्षाबलों के खिलाफ होता था।

फरवरी 2019 में असम में छह भाजपा नेताओं तपन बर्मन, दिपज्योति ठकुरिया, सोरोज्योति बैश्य, पुलक बर्मन, मोजामिल अली और मून अली को आतंकवादी संगठन आईएसआईएस का झंडा लगाने के आरोप में पकड़ा गया था। झंडे में JOIN ISIS लिखा हुआ।

इतना ही नहीं बीजेपी सत्ता के लिए अपराध सिद्ध आतंकवादी को भी टिकट देने से नहीं चुकी है। इसी भारतीय जनता पार्टी ने मसूद अजहर के शागिर्द “मोहम्मद फारुख खान“ को स्थानीय चुनाव में श्रीनगर के वार्ड नंबर 33 से टिकट दिया था। जो जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट एवं हरकत उल मुजाहिदीन का सदस्य रह चुका है। भाजपा राष्ट्रवाद की आड़ में देश को खोखला करने का खेल-खेल रही है।