जशपुर कलेक्टर ने जिले के सभी शासकीय उच्च एवं उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों के प्राचार्याे की ली बैठक: बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने एवं उनका सर्वांगीण विकास करने के दिए निर्देश

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बच्चों को भविष्य की चुनोतियों के लिए करें तैयार- कलेक्टर

बच्चों के शैक्षणिक के साथ साथ शारिरिक,मानसिक व नैतिक विकास पर भी विशेष ध्यान देने के लिए कहा

शिक्षक अपने अनुभवों को बच्चों के विकास में करें उपयोग

समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, जशपुर

कलेक्टर रितेश कुमार अग्रवाल ने आज मंत्रणा सभाकक्ष में जिले के सभी शासकीय उच्च एवं उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों के प्राचार्याे की बैठक ली। उन्होंने सभी प्राचार्याे को शैक्षणिक सत्र में बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने एवं उनका सर्वांगीण विकास के लिए विशेष प्रयास करने एवं विस्तृत कार्ययोजना तैयार कर कार्य करने के निर्देश दिए। इस अवसर पर जिला शिक्षा अधिकारी श्री जे के प्रसाद सहित सभी स्वामी आत्मानंद, संकल्प एवं उच्च एवं उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के प्राचार्य उपस्थित थे।

कलेक्टर ने सभी विद्यालयों में बच्चों की भर्ती एवं कक्षाओं के संचालन के सम्बंध में विस्तार से जानकारी ली। उन्होंने कहा कि सभी विद्यालयों में बच्चों की शत प्रतिशत उपस्थिति सुनिश्चित करने हेतु प्राचार्यों को निर्देश दिए साथ ही जल्द से जल्द बच्चों की भर्ती प्रक्रिया पूर्ण कर लिए जाने की बात कही। इस हेतु उन्होंने शिक्षकों को सरपंच सचिव के साथ मिलकर गांव का भ्रमण करने एवं पालकों को जागरूक करने के निर्देश दिए। जिससे बच्चों की पढ़ाई में किसी प्रकार का नुकसान न हो।

कलेक्टर ने सभी प्राचार्याे को विद्यालय में शिक्षकों एवं विद्यार्थियों से अनुशासन का पालन कराने के लिए कहा। साथ ही शिक्षकों द्वारा किसी प्रकार की लापरवाही न बरतने के निर्देश दिए। सभी शिक्षक नियमित रूप से विद्यालय आकर अध्यापन कार्य करें। उन्होंने कहा कि बिना सूचना या अकारण अनुपस्थित रहने पर  दंडात्मक कार्यवाही की जाएगी।

कलेक्टर ने सभी प्राचार्याे को इस शैक्षणिक सत्र  में सभी विद्यालयों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करने के लिए निर्देशित किया। गत वर्ष की तुलना में इस वर्ष बच्चों के परीक्षा परिणाम बेहतर लाने की बात कही। उन्होंने कहा कि सभी विषय शिक्षक कक्षा में आने से पहले अपने विषय की पूरी तैयारी करें, जिससे वे बच्चों को विषय वस्तु के बारे में आसानी से समझा सकें। साथ ही सभी प्राचार्याे को शिक्षको की कक्षाओं का औचक निरीक्षण करने एवं बच्चों से पाठ्यक्रम के बारे में सुझाव लेने के लिए निर्देशित किया।

कलेक्टर ने प्राचायो को शिक्षा सत्र में समय प्रबंधन पर जोर दिया। उन्होंने  निर्धारित समयावधि में पाठ्यक्रम पूर्ण कराने की बात कही। साथ ही अतिरिक्त कक्षा संचालित करने के लिए कहा। बच्चों को नियमित गृह कार्य प्रदान कर उनका मूल्यांकन करने के लिए कहा जिससे बच्चों का आकलन हो सके। उन्होंने नियमित रूप से बच्चों का अभ्यास टेस्ट लेने की हिदायत दी।  कमजोर बच्चों के चिन्हांकन कर उन पर विशेष ध्यान देने की बात कही। रोचनात्मक कक्षा का आयोजन करने एवं नई नई तकनीकों के माध्यम से बच्चों को सिखाने का प्रयास करने की बात कही। उन्होंने कहा कि बच्चों के व्यवहार में परिवर्तन लाना ही हमारा मुख्य उद्देश्य है।

श्री अग्रवाल ने बच्चों के शैक्षणिक के साथ साथ शारिरिक, मानसिक व नैतिक विकास पर भी विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए। इस हेतु सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता, खेल कूद, साहित्यिक सहित ने गतिविधियों का आयोजन करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सभी शिक्षक बच्चों के व्यक्तित्व विकास के लिए गंभीरता से ध्यान दे। इस हेतु सभी को व्यक्तिगत रुचि लेकर कार्य करने की बात कही।

कलेक्टर ने बच्चों को भविष्य की चुनोतियों के लिए तैयार करने हेतु प्राचार्याे को निर्देशित किया। इस हेतु बच्चों को कैरियर मार्गदर्शन एवं काउंसिलिंग प्रदान करने की बात कही। जिससे बच्चे अपने भविष्य के प्रति सजग हो। उन्होंने कहा की सभी शिक्षक अपने अनुभवों को बच्चों के विकास में उपयोग करें। साथ ही प्राचार्याे को विद्यालयों में कुपोषण एवं एनिमिया मुक्ति के लिए चलाए जा रहे अभियान में भी भागीदारी निभाने के लिए निर्देश दिए।

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