सेहत : बरसात में जैपनीज इन्सेफेलाइटिस से रहें सावधान : क्यूलेक्स मच्छर के काटने से फैलता है जापानी बुखार

Advertisements
Advertisements

समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, रायपुर

बरसात का मौसम शुरू होते ही मच्छर के काटने से होने वाली बीमारियां तेजी से फैलती हैं। इनमें डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया और जापानी बुखार (जैपनीज इन्सेफेलाइटिस) प्रमुख हैं। जापानी बुखार ‘फ्लेविवायरस’ से संक्रमित मच्छरों के काटने से फैलता है। यह संक्रामक बुखार नहीं है। यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में नहीं फैलता है। इसमें  मरीज को तेज बुखार आता है। अचानक होने वाले तेज बुखार के साथ गर्दन में अकड़न, कमजोरी और बुखार आने पर घबराहट इसके शुरूआती लक्षण हैं। अक्सर इस बुखार में रोग की पहचान नहीं हो पाती क्योंकि ये सभी लक्षण ज्यादातर सभी तरह के बुखारों में भी पाए जाते हैं। जापानी बुखार एक जानलेवा बीमारी है। यह एक ऐसी गंभीर बीमारी है जिसमें दिमाग में सूजन आने लगती है जिससे केन्द्रीय तंत्रिका तंत्र प्रभावित होता है। इसके लिए आपातकालीन इलाज की जरूरत होती है।

जापानी बुखार कैसे फैलता है?

जब क्यूलेक्स प्रजाति का कोई मच्छर रोग से ग्रसित सूअर या जंगली पक्षियों का रक्त चूसता है, तो उस रोग का वायरस मच्छर में पहुंच जाता है। जब यह संक्रमित मच्छर किसी स्वस्थ्य व्यक्ति को काटता है तो वह व्यक्ति भी इस रोग की चपेट में आ जाता है। संक्रमण के शिकार व्यक्ति में इस रोग के लक्षण 5 से 15 दिनों के बीच देखने को मिलते हैं जिसे ‘इंक्युबेशन पीरियड’ कहते हैं। यह बीमारी अगस्त, सितंबर और अक्टूबर माह में ज्यादा फैलता है और एक से 14 साल की उम्र के बच्चों को अपनी चपेट में लेता है। इस बीमारी का शिकार कोई भी हो सकता है। लेकिन सबसे ज्यादा खतरा बच्चों और बुजुर्गों को होता है।

संचालक, महामारी नियंत्रण डॉ. सुभाष मिश्रा ने बताया कि जापानी बुखार अधिकांशतः ग्रामीण इलाकों में अधिक होता है जहां धान की खेती अधिक होती है। ऐसा माना जाता है कि ‘फ्लेविवायरस’ धान के खेतों में पनपते हैं। खेतों में तेजी से पनपने वाले ‘‘क्यूलेक्स‘’ संक्रमित मच्छरों के काटने से यह आदमी में फैल जाता है ।

जापानी बुखार से बचाव

जापानी बुखार से बचाव के लिए आवश्यक है कि जब भी आपके क्षेत्र में जापानी मस्तिष्क ज्वर का टीकाकरण हो रहा हो तो एक से 15 वर्ष तक के सभी बच्चों को टीका अवश्य लगवाएं। यदि कोई बच्चा छूट जाए तो अपने क्षेत्र के निकटतम स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर स्वास्थ्य कर्मचारी से मिलकर इसका टीका जरूर लगवाएं। यह टीका सभी स्वास्थ्य केंद्रों में निःशुल्क लगाया जाता है। अपने क्षेत्र में घरों के आसपास मच्छरों को पनपने से रोकने का प्रयास करें व खासकर बच्चों को मच्छरों के काटने से बचाएं। इसके लिए बच्चों को शाम होने के पहले से ही पूरी बांह के कपड़े पहनाना चाहिए। बच्चों को कीटनाशक उपचारित मच्छरदानी के अंदर ही सुलाएं। जापानी बुखार के शुरुआती लक्षण दिखाई देने पर अपने नज़दीकी स्वास्थ्य केंद्र में जाकर चिकित्सकीय परामर्श अवश्य लें।

Advertisements
Advertisements
error: Content is protected !!