कलेक्टर की अध्यक्षता एवं वाटर वॉरियर श्री मसाजी की उपस्थिति में जल संरक्षण एवं संवर्धन विषय पर जिला स्तरीय कार्यशाला का किया गया आयोजन

July 15, 2022 Off By Samdarshi News

कार्यशाला में जल संरक्षण एवं पेयजल संकट निवारण के लिए वर्षा जल के संचयन के महत्व पर दिया गया बल

जल जीवन का मुख्य आधार, बिना जल के जीवन संभव नही – कलेक्टर

भूमिगत जल स्तर को बढ़ाने के लिए वर्षा जल का अधिक से अधिक सरंक्षण आवश्यक- अयप्पा मसाजी

समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, जशपुर

कलेक्टर व अध्यक्ष जिला जल स्वच्छता मिशन श्री रितेश कुमार अग्रवाल की अध्यक्षता एवं फांडडर वाटर लिटरसी फांउडेशन व वाटर वॉरियर श्री अयप्पा मसाजी की उपस्थिति में आज जशपुर के निर्वाणा होटल में जल संरक्षण एवं संवर्धन विषय पर जिला स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में जल संरक्षण एवं पेयजल संकट के निवारण के लिए वर्षा जल के संचयन के महत्व पर बल दिया गया। साथ ही जल संरक्षण के लिए जनभागीदारी सुनिश्चित करने के उपायों पर विस्तार से चर्चा की गयी। इस अवसर पर कार्यपालन अभियंता पीएचई श्री एच.के. सिंडे,  ईई लोक निर्माण विभाग श्री सी एस कोमरे, उप संचालक कृषि श्री एम आर भगत, सभी जनपद सीईओ, एसएडीओ सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी कर्मचारी उपस्थित थे।

कार्यशाला को संबोधित करते हुए कलेक्टर ने बताया कि जल जीवन का आधार है। बिना जल के जीवन संभव नही है। उन्होंने बताया कि  जल के दो प्रमुख स्त्रोत है भू-गर्भ जल एवं वर्षा का जल।  वर्षा जल के सरंक्षण से ही भूजल स्तर को बढ़ाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि आने वाले समय मे जल संकट से बचने के लिए सभी को सजग रहने की आवश्यकता है। इस हेतु सभी लोगो की सहभागिता आवश्यक है। भूमिगत जल पर हमारी निर्भरता बढ़ती जा रही है तो दूसरी ओर पर्याप्त वर्षा न होने के कारण भू जल स्तर सतत गिरता जा रहा है। वर्षा जल संचयन एवं वर्षा जल सरंक्षण के उपायों को समुदाय स्तर पर लागू  करना होगा। 

कलेक्टर ने सभी अधिकारियों से एक एक कर जल सरंक्षण के लिए उनके द्वारा अपनाए जाने वाले कार्याे की जानकारी ली। उन्होंने सभी अधिकारियों को इस हेतु विस्तृत कार्य योजना तैयार करने एवं ग्रामीणों को जल सरंक्षण के लिए प्रोत्साहित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सभी अधिकारी अपने क्षेत्रों में वृहद स्तर पर पौधरोपण करे साथ ही पंचायतो में अधिक से अधिक जल आवर्धन संरचनाओं का निर्माण किया जाए। नदी नालों के पुनरोद्धार हेतु  श्रमदान व जनसहयोग से साफ सफाई कराए। साथ ही व्यक्तिगत रूप से जल के दुरुपयोग पर कमी लाए। कलेक्टर ने कहा कि सभी को शुध्द पेयजल उपलब्ध कराना सरकार और शासन के मुख्य दायित्व है। इसलिए जल जीवन मिशन की भूमिका महत्वपूर्ण है। इस हेतु सभी का सहयोग आवश्यक है।

इस दौरान श्री अयप्पा ने कहा कि जल है तो वर्षा जल के संचयन से ही आने वाला कल है। उन्होंने बताया कि उनका मुख्य ध्येय भारत मे आगामी वर्षाे में पानी की पर्याप्त उपलब्धता कराना है। वर्षा जल के संचयन से ही यह कार्य सम्भव है। श्री अयप्पा ने बताया कि वर्तमान में भू-जल गिरावट का मुख्य कारण वर्षा की अनिश्चितता है। भू जल स्तर की गिरती स्थिति हम सभी मानवों के लिए ही नही अपितु पशु पक्षी एवं पर्यावरण के लिए भी बड़ी चिंता का विषय है। इन सबके सरंक्षण का उत्तरदायित्व मनुष्य का ही है। इसलिए जल संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए हमें पर्यावरण सरंक्षण भी करना होगा। उन्होंने जल सरंक्षण कार्य मे प्रशासन एवं समुदाय को साथ मिलकर कार्य करने पे मुख्य रूप से जोर दिया। उन्होंने वाटर हार्वेस्टिंग की उपयोगिता को विस्तार से समझाया। उन्होंने कहा कि भूमिगत जल स्तर को  बढ़ाने के लिए वर्षा जल का अधिक से अधिक सरंक्षण आवश्यक है। इस हेतु हर घर में पानी सरंक्षण के लिए रिचार्ज पीट सुनिश्चित की जानी चाहिए। साथ ही घरेलू कार्याे में उपयोग की जाने वाले पानी का भी रिसाईकल कर उसे दोबारा उपयोग में लेना चाहिए। श्री अयप्पा ने कार्यशाला में उपस्थित सभी अधिकारियों को जल सरंक्षण एवं संचयन हेतु अपनाएं जाने वाले तकनीकों की भी जानकारी दी। साथ ही अधिकारियों को जन सहयोग से क्रियान्वित करने की बात कही।