जशपुर जिले के गौठान की गंगा स्व-सहायता समूह की महिलाएं हल्दी मसाला पिसाई व पीडीएस संचालन कर बन रही है आत्मनिर्भर

July 18, 2022 Off By Samdarshi News

हल्दी मसाला का विक्रय से 6 हजार व पीडीएस संचालन से 1 लाख  65 हजार की हुई आमदनी

अब परिवार के हर छोटे-बडे कार्य में अपना सहयोग दे रही है महिलाएं

जिला प्रशासन एवं छत्तीसगढ़ शासन को गौठान में विभिन्न गतिविधियों का संचालन करने हेतु दिया धन्यवाद

समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, जशपुर

जिले में महिलाओं को सशक्त बनाने एवं उन्हें आर्थिक रूप से मजबूत करने जिला प्रशासन द्वारा स्व-सहायता समूह से जोड़कर उन्हें गोठान में ही विभिन्न गतिविधियों के तहत् आत्मनिर्भर बनाया जा रहा है। इसी कड़ी में दुलदुला विकासखंड के ग्राम बंगुरकेला गोठान की मां गंगा स्व-सहायता समूह की महिलाओं को जिला प्रशासन द्वारा हल्दी पिसाई मशीन प्रदान किया गया। जिसके उपरांत गंगा स्व-सहायता समूह की महिलाओं तीन माह में हल्दी, मशाला धनिया की पिसाई कर 6 हजार रुपए आमदनी अर्जित कर चुकी है। साथ ही समूह की महिलाएं पीडीएस संचालन का कार्य भी कर रही है। जिससे उन्होंने अब तक 1 लाख 65 हजार 70 रुपए की आमदनी अर्जित कर ली है।

समूह की महिलाओं ने बताया कि अब तक 240 किलो हल्दी, मिर्च, मशाला और धनिया का पिसाई किया गया है। जिसमें कुल 11950 रुपए का विक्रय महिलाओं द्वारा किया गया है। जिससे उन्हें 6 हजार का लाभ प्राप्त हुआ है। समूह की महिलाओं ने बताया कि उनके समूह में 10 महिलाएं है। जो कि 04 मार्च 2022 से कार्य कर अपने परिवार को आर्थिक रूप से मदद कर रही है। उन्होंने कहा कि प्रशासन द्वारा महिलाओं को आगे बढ़ाने के लिए विशेष रूप से कार्य किया जा रहा है। जिसका उन्हें सीधा लाभ मिल रहा है। महिलाओं ने कहा कि आज वे खुद आत्मनिर्भर बन रही है। परिवार के हर छोटे-बड़े के कार्य के लिए होने वाले खर्च में अपनी भी भागीदारी सुनिश्चित कर पा रही है। महिलाओं ने कहा कि गोठान में विभिन्न योजनाओं का संचालन कर महिलाओं रोजागर से जोड़ा गया है। यह अत्यंत सराहनीय कार्य है। सभी महिलाओं ने इस जनकल्याणकारी योजना संचालन के लिए छत्तीसगढ़ शासन एवं जिला प्रशासन को सहृदय धन्यवाद दिया।

दुलदुला ब्लॉक की क्षेत्रीय समन्वयक शीला कुजूर ने बताया कि जिला प्रशासन द्वारा समूह की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए सतत प्रयास किया जा रहा है। इसी कड़ी में उद्यान विभाग द्वारा समूह को 60 हजार की लागत वाली मसाला पिसाई मशीन उपलब्ध कराया गया है। साथ ही महिलाओं को प्रशिक्षण भी प्रदान किया गया। समूह द्वारा बनाए जा रहे मसालों को सीमार्ट, स्थानीय हाट-बाजार में विक्रय किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि प्रशासन द्वारा महिलाओं को आगे बढ़ने हेतु निरंतर प्रोत्साहित किया जा रहा है। महिलाएं भी पूरी उत्साह के साथ कार्यो में अपनी सहभागिता निभा रही है।