महाप्रबंधक आलोक कुमार की अध्यक्षता में बाल तस्करी (Child trafficking) जैसे जघन्य अपराध पर प्रभावी रोक लगाए जाने के उपायों पर दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे मुख्यालय में सेमीनार का किया गया आयोजन

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दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे में आरपीएफ द्वारा चलाए जा रहे ऑपरेशन नन्हें फरिश्ते के तहत पिछले 3 वर्षों में अपने परिजनो से बिछुड़े हुए 538 बच्चों को रेस्क्यू किया गया

समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, बिलासपुर/रायपुर

आलोक कुमार, महाप्रबंधक, दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे की अध्यक्षता में आज दिनांक 21 जुलाई, 2022 को दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे मुख्यालय स्थित सभागार में बाल तस्करी (Child trafficking) जैसे जघन्य अपराध पर प्रभावी रोक लगाए जाने  के उपायों पर एक सेमीनार का आयोजन किया गया ।

इस सेमिनार में अमिय नंदन सिन्हा, महानिरीक्षक- सह-प्रधान मुख्य सुरक्षा आयुक्त, रेलवे सुरक्षा बल, दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे बिलासपुर, श्रीमती हमीदा सिद्दीकी, उपमहाधिवक्ता, डॉ सतीश श्रीवास्तव, मनोचिकित्सक, विभाग प्रमुख, राज्य मानसिक अस्पताल सेंदरी, श्री आशिम मुखर्जी, अध्यक्ष, सीडब्ल्यूसी/बिलासपुर, श्रीमती स्नेहिल साहू, सीएसपी सिटी, कोतवाली बिलासपुर, श्री संदीप शर्मा,अध्यक्ष/समर्पित/स्वयंसेवी संस्था, श्रीमती पार्वती वर्मा, डीसीपीओ, बिलासपुर, श्री संजय नामदेव, जिला समन्वयक/कोटपा, श्री बबन प्रकाश, बीबीए / एसईसीआर / समन्वयक की गरिमामयी उपस्थिती रही ।

सेमिनार में अपने उदबोधन में श्री आलोक कुमार, महाप्रबंधक, दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे ने कहा कि मानव तस्करी, विशेष रूप से महिलाओं और बच्चों की, यौन शोषण, वेश्यावृत्ति, जबरन मजदूरी, जबरन विवाह, घरेलू दासता, भीख मंगाना, अंग प्रत्यारोपण, नशीली दवाओं के व्यापार के बीच धकेलना आदि एक संगठित अपराध है और यह मानवाधिकार का सबसे घिनौना उल्लंघन है । देश का प्रमुख परिवहन नेटवर्क होने के कारण भारतीय रेल का उपयोग मानव तस्करों द्वारा पीड़ितों के परिवहन के लिए किया जा रहा है, जिस पर रोक लगाने हेतु दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे में प्रभावी कदम उठाए जा रहे है । आगे उन्होने कहा कि रेलवे बोर्ड के निर्देशानुसार दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के सभी महत्वपूर्ण स्टेशनों पर फरवरी 2022 से (AHTU) एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट्स गठित की गई है । दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे में आरपीएफ द्वारा चलाए जा रहे ऑपरेशन नन्हें फरिश्ते के तहत पिछले 3 वर्षों में अपने परिजनों से बिछुड़े हुए 538 बच्चों को रेस्क्यू किया गया है ।

सेमीनार मे वक्ताओं ने बताया कि मानव तस्करी के साथ ही बाल तस्करी (Child trafficking)  विश्व मे  एक गंभीर व संवेदनशील सामाजिक समस्या बनकर उभर रही है । मादक पदार्थों व हथियारों की तस्करी के बाद यह दुनिया मे सबसे बड़ा संगठित अपराध है । किसी भी बच्चे को बरगलाकर, बल प्रयोग कर, डराकर, धोखा देकर हिंसक तरीकों से बंधक बना कर रखना तस्करी के अंतर्गत आता है । सभ्य सामाज में मानव होकर मानव की तस्करी/मानव का अवैध व्यापार चाहे वो जिस भी रूप में हो, जिसके लिए भी हो बहुत बड़ा कलंक है, एक सामाजिक बुराई है तथा अपराध है । वक्ताओं द्वारा फील्ड के बल अधिकारियों व बल सदस्यों को रेलवे के माध्यम से बाल तस्करी (Child trafficking)  की रोकथाम के उपाय के संबंध में महत्वपूर्ण एवं उपयोगी जानकारी/दिशा-निर्देश दिया गया ।

इस अवसर पर रेलवे सुरक्षा बल के अधिकारीगण एवं बड़ी संख्या में बल सदस्य उपस्थित थे ।

अंत में ऐसे अपराध की रोकथाम हेतु हम रेलवे सुरक्षा बल परिवार, रेलवे सुरक्षा बल के निर्धारित मूल कर्तव्यों का पालन करते हुए रेलों के माध्यम से बाल तस्करी की रोकथाम करने का प्रयास करेंगे के संबोधन के साथ बाल तस्करी के संबंध में आयोजित सेमीनार का समापन किया गया ।    

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