रासायनिक खाद के कृत्रिम संकट को दूर करे छत्तीसगढ़ सरकार – द्विवेदी

Advertisements
Advertisements

सहकारी सोसायटीयों में रासायनिक उर्वरक कम और निजी विक्रेताओं के पास ज्यादा है ऐसा क्यों ?

समदर्शी न्यूज ब्यूरो, रायपुर

भारतीय जनता पार्टी सहकारिता प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक शशिकांत द्विवेदी ने सहकारी समितियों में रासायनिक उर्वरकों की कमी पर किसानों को हो रही परेशानी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि राज्य सरकार हमेशा केंद्र सरकार पर रासायनिक उर्वरकों की कमी का ठीकरा फोड़ रही है। जबकि इसके उलट हकीकत यह है कि केंद्र सरकार द्वारा रासायनिक उर्वरकों का लक्ष्य के अनुरूप आवंटन दिया गया है, लेकिन राज्य सरकार द्वारा रासायनिक उर्वरकों का सहकारी सोसायटीयों का आवंटन कम कर दिया गया और निजी विक्रेताओं को लाभ पहुंचाने की नीयत से ज्यादा आबंटन दे दिया गया। किसानों को सोसाइटी में खाद नहीं मिलने के कारण निजी विक्रेताओं से ज्यादा कीमत पर रासायनिक उर्वरक लेने के लिए मजबूर कर दिया गया।

श्री द्विवेदी ने आंकड़ों सहित बताया कि रासायनिक उर्वरक का लक्ष्य इस वर्ष सहकारी संस्थाओं का 855000 मी0टन एवं निजी विक्रेताओं के लिए 515000 मी०टन है। इस प्रकार कुल 13लाख 70हजार मी0टन लक्ष्य है। सहकारी संस्थाओं और निजी विक्रेताओं का पूर्व  के वर्षों में आवंटन 70% और 30% अनुपात रहता था, किंतु इस वर्ष सहकारी संस्थाओं का लक्ष्य 62% और निजी विक्रेताओं का 38% कर दिया गया है। यदि खाद की कमी थी तो निजी विक्रेताओं का अनुपात क्यों बढ़ाया गया ? श्री द्विवेदी ने बताया कि सहकारी संस्थाओं में 20 जुलाई 2022 तक 582861 टन का भंडारण हुआ है और निजी विक्रेताओं को 520139 मि0 टन इस प्रकार कुल 11 लाख तीन हजार मैट्रिक टन रासायनिक उर्वरक का भंडारण हुआ है। जिसमें सहकारी संस्थाओं को लक्ष्य का मात्र 53% आवंटन हुआ और निजी विक्रेताओं को लाभ दिलाने के लिए 47% का आवंटन हुआ है, जो सरासर गलत है। श्री द्विवेदी ने आपत्ति दर्ज करते हुए कहा कि प्रदेश के लगभग शत-प्रतिशत किसान सहकारी संस्थाओं से जुड़े हैं, खाद लेते रहते हैं। लेकिन राज्य सरकार निजी विक्रेताओं से मिलीभगत कर उन्हें लक्ष्य को 38% कर दिया लेकिन आवंटन अभी तक की स्थिति के हिसाब से सहकारी संस्थाओं को मात्र 53 % का आवंटन दिया गया और निजी विक्रेताओं को 47% परसेंट का आवंटन किया गया है, जो किसानों के साथ धोखा है।

इस प्रकार राज्य सरकार निजी विक्रेताओं को लाभ पहुंचाने की नीयत से काम कर रही है और  किसान खाद के लिए दर-दर भटक रहा है। राजनांदगाँव के परिप्रेक्ष्य में देखा जाए तो खरीफ 2022 का लक्ष्य 104800 मी0टन है। जिसमें सहकारी संस्थाओं का 65 हजार मैट्रिक टन और निजी विक्रेताओं के लिए 39800 मि0टन है। इस प्रकार राजनांदगांव जिले का भी अनुपात में निजी संस्थाओं को 38%परसेंट और सहकारी संस्थाओं को 62%परसेंट है। इस प्रकार पूरे प्रदेश में राज्य सरकार द्वारा निजी विक्रेताओ को लाभ पहुंचाने के लिए रासायनिक उर्वरक का ज्यादा आवंटन किया जा रहा है। जबकि केंद्र सरकार द्वारा किसी भी प्रकार की खाद की कमी नहीं की गई है। गत दिनों मुख्यमंत्री की समीक्षा बैठक में  राज्य सरकार के जिम्मेदार अधिकारियों के द्वारा लक्ष्य विरुद्ध 81% खाद का भंडारण हो चुका बताया गया है। तब मैं पूछना चाहता हूं ऐसी स्थिति में खाद की कमी क्यों ? इसका एक ही कारण है कि निजी विक्रेताओं को अनाप-शनाप खाद दी जा रही है और सहकारी संस्थाओं में खाद का भंडारण कम किया जा रहा है। जिसका भारतीय जनता पार्टी सहकारिता प्रकोष्ठ इसका पुरजोर विरोध करता है।

Advertisements
Advertisements
error: Content is protected !!