विधिक जागरूकता एवं कानून अधिकार संबंधी प्रशिक्षण सह कार्यशाला का आयोजन, पुलिस अधिकारियों को दी गई उनके अधिकारों के संरक्षण की जानकारी

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समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, कोरबा

माननीय श्री डी0एल0 कटकवार,  जिला न्यायाधीश एवं अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कोरबा के मागदर्शन एवं निर्देशानुसार माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा क्रिमीनल अपील नंबर 135/2010 बुद्धदेव कर्मस्कर विरूद्ध पश्चिम बंगाल राज्य में पारित आदेश दिनांक 19.05.2022 के परिपालन में सेक्स वर्कर के अधिकारों एवं उन्हें जागरूक करने के प्रयोजन से जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कोरबा एवं महिला बाल विकास विभाग/एड्स नियंत्रण विभाग जिला – कोरबा के संयुक्त तत्वाधान में सेक्स वर्करों व महिलाओं हेतु विधिक जागरूकता एवं कानून अधिकार संबंधी प्रशिक्षण सह कार्यशाला का आयोजन होटल विनायक रेसींडेसी में आयोजित किया गया है। जिसमें मुख्य अतिथि कु. संघपुष्पा भतपहरी, प्रथम अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश कोरबा थी। उनके द्वारा अपने उद्बोधन में कहा गया कि जहाॅं नारी निवास करती है वहाॅं देवता का वास होता हैं। आजादी की लड़ाई रानी लक्ष्मी बाई ने 1857 में लड़ाई लड़ी वह अपने छोटे से बच्चे को लेकर अंग्रेजो से डटकर मुकाबला किया जिसे हम आज भी याद करते है। हमारे देश में महिलाओं का गौरवशाली इतिहास रहा है। संविधान ने हमें सभी को समानता का अधिकार किया गया है। पुरूष महिला को समान काम के बदले समान वेतन पाने का अधिकार दिया गया है। कोई भी महिला 18 वर्ष से अधिक है और वे सेक्स वर्कर के रूप में कार्य कर रही है तो उसे उसका कार्य माना जावेगा उसे किसी भी प्रकार से घृणा की नजर से नहीं देखना चाहिये और न ही अपमानित किया जाना है। माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशानुसार सभी आम नागरिकों,  पुलिस, डाॅक्टर एवं मीडिया की नैतिक जिम्मेदारी है। उनके पहचान भी गोपनीय रखनी है, उन्हें एक महिला की तरह जीवन यापन करने का अधिकार दिया है।

उक्त अवसर पर रिसोर्स पर्सन के रूप श्रीमती प्रतिक्षा अग्रवाल, अति. व्यवहार न्यायाधीश वर्ग-एक कोरबा, श्रीमती शीतल निकुंज, सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कोरबा, डाॅ. जात्रा, जिला अधिवक्ता संघ कोरबा के उपाध्यक्ष उत्तरा राठौर, महिला संरक्षण अधिकारी, रजनी मारिया, एवं पुलिस विभाग के थाना प्रभारी/चैकी प्रभारी, एन.जी.ओ. मितानिन, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं पैरालीगल वाॅलीण्टियर्स उपस्थित थे।  

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