लंपी स्कीन रोग से बचाव हेतु पशुपालकों से सावधानी बरतने की अपील

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समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, जशपुर

पशु चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि राजस्थान एवं गुजरात में गौवंशीय पशुओं में लंपी स्कीन रोग के फैलने के सूचना प्राप्त हुई हैै। लंपी स्कीन रोग के राज्य में प्रवेश को रोकने, नियंत्रण करने एवं फेलाव को रोकने हेतु पशु पालकों को सर्तकता बरतने की आवश्यकता है।

उन्होंने पशु पालकों को जानकारी देते हुए कहा है कि सभी पशु पालक अपने स्वस्थ पशुओं को रोग से ग्रषित हो चुके पशुओं से बिलकुल अलग रखें। लंपी स्कीन रोग विषाणु जनित संक्रमण रोग है जो रोगी पशु से स्वस्थ पशुओं में छुने तथा मच्छर एवं मख्खियों के माध्यम सें फैलता है।  इस रोग में बुखार के साथ पूरे शरीर में छोटे-छोटे गुठली बन जाते है, जो बाद में घाव में तब्दील हो जाती है। इस रोग के संक्रमण से दुधारू पशुओं की उत्पादान क्षमता, भारवाहक पशुओं की कार्य क्षमता एवं कम उम्र के पशुओं की शाररिक विकास पर विपरीत प्रभाव पड़ता है, जिससे पशु पालकों को आर्थिक हानि उठानी पड़ती हैं।

उन्होंने कहा कि रोग के नियंत्रण हेतु सर्वप्रथम दूसरें जगह के पशुओं का आवागमन रोकना एवं वेक्टर नियंत्रण हेतु (मच्छर, मख्खी एवं किलनी) दवाईयों का छिड़काव करना। उन्होंने पशुपालकों से अपील की है कि उपरोक्त में से कोई भी लक्षण पायें जाने पर अपने नजदीकी पशु चिकित्सालय-औषधालय में सूचना दें। सावधानियॉ बरतने की आवश्यकता है ताकि लंपी स्कीन रोग से बचा एवं फेलाव को रोका जा सकता है।

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