आजाक विभाग में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगाने के लिये आजाक विभाग के कर्मचारी संघ ने विभाग को लिखा पत्र

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पूर्व में वर्षो से कार्यरत कर्मचारियों को आकस्मिक निधि के रिक्त पदों पर समायोजित करने की मांग की

सागर जोशी, समदर्शी न्यूज ब्यूरो

जशपुर. आदिम जाति कल्याण विभाग कर्मचारी संघ छत्तीसगढ़ जिला शाखा जशपुर के अध्यक्ष रामधन साय के नेतृत्व में सहायक आयुक्त आदिवासी विकास जशपुर को पत्र क्रमांक 28 देकर आदिम जाति कल्याण विकाश विभाग जशपुर में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगाने की मांग की गई है।

दिये गये पत्र में विभाग द्वारा संचालित छात्रावास आश्रमों एवं कार्यालयों में आदेशित कलेक्टर दर चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों, रसोईया, जलवाहक, चौकीदार, पूर्णकालीन स्वीकपर, अंशकालीन स्वीपर, दैनिक मजदूर एवं भृत्यकर्मी पद के रूप में लगभग छः सौ कर्मचारी विगत 10 से लेकर 18 वर्षो से कार्यरत है। उसके उपरांत भी विभाग द्वारा बिना आदेश के अवैध रूप से दैनिक मजदूर रखे जा रहे है जिनकी संख्या 150 से भी उपर बताई जा रही है।

इन मजदूरों के आड़ में पूर्व से आदेशित कर्मचारियों को अधिकारियों के द्वारा डराया धमकाया जाता है और इन्ही मजदूरों के कारण आदेशित कर्मचारियों को समय पर वेतन भुगतान नही किया जा रहा है, जबकि इस संबंध में बगीचा ब्लॉक से कलेक्टर दर पर कार्यरत चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों द्वारा गत दिनांक 24 मार्च 2021 को एक आवेदन भी दिया जा चुका है।

ज्ञापन में मांग की गई है कि जबतक पूर्व से कार्यरत आदेशित कलेक्टर दर दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को आकस्मिक निधि के रिक्त पदों पर समायोजन के द्वारा नियमित नही किया जाता है तब तक किसी भी प्रकार की भर्ती प्रक्रिया न की जाये। विभाग में मजदूरी प्रथा बंद की जाये और वर्ष 2017 के पूर्व नियुक्त कर्मचारियों को सेवा से न निकाला जाये और कर्मचारियों को अनावश्यक रूप से परेशान न किया जाये। जशपुर जिला के अन्तर्गत विभागीय छात्रावास आश्रमों के कार्य हेतु शासन द्वारा आदेशित कर्मचारियों से कार्य लिया जाये।

आठ दस महिनों तक वेतन भुगतान नही होने के कारण कई आदेशित कर्मचारी सेवा से वंचित है, जिसमें अधिकतर पहाड़ी कोरवा एवं विरहोर जाति के है। आज ये कर्मचारी भी अपने कार्य पर आना चाहते है इन आदेशित कर्मचारियों को भी पुनः कार्य में लिया जाये। इसी प्रकार विभाग में कार्य करते हुए किसी कर्मचारी का आकस्मिक निधन हो जाने पर उसके स्थान पर उसी के पद पर उसके परिजनों को अनुकम्पा के रूप में नियुक्त कर कर्मचारी की कमी को दूर किया जाये।  

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