समाज में जागरूकता लाने, सुपोषित व स्वस्थ समाज बनाने एवं शिक्षा की अलख जगाने में महिला एवं बाल विकास विभाग की भूमिका महत्वपूर्ण – कलेक्टर
September 8, 2022विभागीय योजनाओं का हो प्रभावी क्रियान्वयन
स्वीकृत सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों को संबंधित निर्माण एजेंसियों को शीघ्र पूर्ण करने के दिये निर्देश
कोरोना टीकाकरण में भी रहे सहभागिता
कलेक्टर ने की महिला एवं बाल विकास विभाग की योजनाओं एवं गतिविधियों की समीक्षा
समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, राजनांदगांव
कलेक्टर डोमन सिंह ने आज कलेक्टोरेट सभाकक्ष में महिला एवं बाल विकास विभाग के परियोजना अधिकारियों और पर्यवेक्षकों की बैठक लेकर विभागीय योजनाओं और कार्यों की गहन समीक्षा की। कलेक्टर ने कहा कि महिला बाल विकास विभाग सामाजिक उत्तरदायित्व के निर्वहन में अपनी सार्थक भूमिका का निर्वहन कर रहा है। विभाग सामाजिक सरोकारों को मूर्त रूप प्रदान करता है। महिला बाल विकास विभाग समाज में जागरूकता लाने, सुपोषित व स्वस्थ समाज बनाने और शिक्षा की अलख जगाने की दिशा में बेहतरीन कार्य कर रहा है। उन्होंने कहा कि महिला एवं बच्चों से जुड़े हुए होने के कारण विभाग की महत्ता और बढ़ जाती है। इस दिशा में सभी को निरंतर अपनी जवाबदेही का निर्वहन करना है।
कलेक्टर ने महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं के क्रियान्वयन और प्रगति की व्यापक समीक्षा की। कलेक्टर ने कहा कि गर्भवती माताओं, शिशुवती माताओं, एनीमिक महिलाओं, किशोरी बालिकाओं और कुपोषित बच्चों के स्वास्थ्य सुधार की दिशा में सभी जवाबदारीपूर्वक कार्य करें। बैठक में मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान, प्रधानमंत्री मातृवंदन योजना, कौशल्या मातृत्व वंदना योजना, नोनी सुरक्षा योजना के साथ ही अन्य योजनाओं की समीक्षा की। उन्होंने बैठक में कहा कि आंगनबाड़ी केंद्र के माध्यम से बच्चों एवं किशोरी बालिकाओं एवं महिलाओं को गर्म भोजन प्रदाय करें। साथ ही समय-समय पर स्वास्थ्य व हिमोग्लोबिन की भी जांच की व्यवस्था करें। कलेक्टर ने कहा कि सुपोषण अभियान में गुणवत्ता में किसी भी प्रकार का समझौता ना करें।
उन्होंने आंगनबाड़ी केन्द्रों की आवश्यकता और संसाधनों की भी जानकारी ली। उन्होंने कहा कि सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों के लिए बर्तन और जरूरी सामग्री की उपलब्धता की जाएगी। पर्यवेक्षकों के द्वारा सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों के लिए बैठक व्यवस्था हेतु दरी की मांग किए जाने पर उन्होंने सभी ग्राम पंचायतों के सचिवों को आंगनबाड़ी केन्द्रों के लिए दरी उपलब्ध कराने निर्देशित किया है। इसी तरह नगरीय निकायों के अधिकारियों को निकाय क्षेत्र के अंतर्गत संचालित आंगनबाड़ी केंद्रों के लिए दरी की व्यवस्था सुनिश्चित करने निर्देशित किया है। बैठक में कलेक्टर ने भवन विहीन आंगनबाड़ी केंद्रों की जानकारी लेकर स्वीकृत आंगनबाड़ी केन्द्रों के निर्माण कार्यों में तेजी लाने निर्देशित किया है। उन्होंने निर्माण एजेंसियों को सभी स्वीकृत आंगनबाड़ी केन्द्रों को शीघ्र प्रारंभ कर अविलंब पूर्ण कराने के निर्देश दिए हैं। आंगनबाड़ी केंद्रों के निर्माण कार्य में लापरवाही और प्रारंभ नहीं कराने की दिशा में संबंधित एजेंसी के खिलाफ कड़ी कार्यवाही करने के स्पष्ट चेतावनी उन्होंने दी है।
कलेक्टर ने बैठक में कोरोना काल में महिला एवं बाल विकास विभाग की महती भूमिका की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि मैदानी स्तर पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका ने मानवीय संवेदना के साथ ही सराहनीय कार्य किया है। इन कर्मचारियों ने अपनी खुद की जान की परवाह न करते हुए अनेक लोगों की जान बचाने में सार्थक भूमिका का निर्वहन किया है। उन्होंने कहा कि यह विभाग के लिए काफी गौरवपूर्ण और प्रशंसनीय है। कलेक्टर ने कोरोना टीकाकरण के कार्य में भी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं को अग्रणी भूमिका के साथ कार्य करने कहा है। उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता मैदानी स्तर पर ग्रामीणों से और लोगों से जुड़े हुए होते हैं। लोगों के सीधे संपर्क में होते हैं और लोगों के बीच एक विश्वसनीय माहौल बना रहता है। जिससे इनके द्वारा लोगों को कोरोनावायरस के टीकाकरण के लिए सुझाव दिए जाने पर लोग स्वस्फूर्त होकर बिना किसी भय व शंका के टीकाकरण के लिए तैयार होंगे। उन्होंने कहा कि विभाग की विश्वसनीयता ही निश्चित परिणाम हासिल करती है। कलेक्टर ने बैठक में महिला बाल विकास विभाग के अधिकारियों के द्वारा पूर्व में चलाए गए सुपोषण अभियान के भुगतान राशि नहीं होने की जानकारी देने पर उन्होंने 1 सप्ताह के भीतर सभी प्रकार के लंबित भुगतान करने के निर्देश दिए हैं। इसके लिए उन्होंने संबंधित अधिकारियों को सभी प्रकार के प्रस्ताव और देयक प्रस्तुत कर, राशि भुगतान के लिए कार्यवाही करने कहा है। इस अवसर पर महिला एवं बाल विकास अधिकारी श्री जाम्बुलकर, सीडीपीओ सुश्री रीना ठाकुर एवं अन्य परियोजना अधिकारी एवं पर्यवेक्षक उपस्थित रहे।