पौष्टिक व्यंजन बनाकर किया सुपोषण के प्रति किया जागरूक, ‘रेडी टू ईट’ से विभिन्न प्रकार के आहार बनाने का बताया तरीका,
September 16, 2022तिरंगा भोजन यानि पौष्टिक तीन रंग का भोजन दाल-चावल, हरी सब्जी खाने पर दिया गया जोर
रैली निकालकर स्वच्छता का भी दिया संदेश
समदर्शी न्यूज ब्यूरो, बिलासपुर
लोगों को सुपोषित आहार से स्वास्थ्य व्यवहार को विकसित करने के लिए राष्ट्रीय पोषण माह का आयोजन किया जा रहा है। 3 सितंबर से शुरू हुए इस पोषण माह में पोषण के प्रति जागरूकता लाने के लिए विविध आयोजन किए जा रहे हैं। इसी क्रम में ईमलीपारा आंगनबाड़ी केन्द्र में ‘व्यंजन बनाओ प्रतियोगिता’ का आयोजन किया गया। अनूठी पहल करते हुए केन्द्र में रेडी टू ईट से विभिन्न प्रकार के पौष्टिक आहार तैयार कर महिलाओं ने एक ओर जहां अपनी पाक-कला का प्रदर्शन किया। वहीं दूसरी ओर सुपोषण के प्रति उपस्थित शिशुवती माताओं और गर्भवती महिलाओं को जागरूक भी किया।
इस मौके पर जन-जागरूकता के लिए रैली भी निकाली गई। जिसमें बच्चों एवं महिलाओं ने हाथों में तख्ती लेकर पौष्टिक आहार जीवन का आधार, जीवन के लिए है वरदान, आओ शुरू करें पोषण अभियान, हम सब के लिए है उपहार, पोषण बिना जीवन बेकार आदि के नारे लगाए। साथ ही लोगों को स्वच्छता का ध्यान रखकर बीमारियों से बचने, गर्म भोजन करने तथा पौष्टिक आहार सब्जी, दाल-चावल, रोटी खाने के लिए प्रेरित भी किया।
इस संबंध में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सह केन्द्र प्रमुख गीतांजलि पांडेय ने बताया – “पौष्टिक आहार कई बीमारियों से बचाता है और यह स्वस्थ जीवन की कुंजी है। आंगनबाड़ी केन्द्र में हम शिशुवती माताओं और गर्भवती महिलाओं को पौष्टिक आहार के बारे में सही जानकारी देते हैं। जिससे वह अपने बच्चों को सुपोषित आहार दें। पोषण माह के दौरान भी रचनात्कम तरीके से पौष्टिक आहार के प्रति जागरूकता लाने को कार्यक्रम किए जाते हैं। इस बार पोषण माह कोविड नियमों के पालन के साथ ही विभिन्न विभागों की सामूहिक सहभागिता के माध्यम से मनाया जा रहा है। इसी क्रम में रोजाना कई कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं।
हर वर्ष विशेष थीम पर पोषण माह मनाया जाता है। इस वर्ष भी महिला एवं स्वस्थ बच्चा एवं शिक्षा- पोषण भी पढ़ाई भी, जेंडर संवेदी जल संरक्षण एवं प्रबंधन महिलाओं एवं बच्चों हेतु परंपरागत आहार की थीम पर यह आयोजित हो रहा है। पोषण माह के दौरान वजन त्योहार में छूटे हुए बच्चों का वजन एवं ऊंचाई मापन, ग्राम स्तर पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और मितानिन द्वारा पोषण संदेशों पर आधारित नारा लेखन, गंभीर एवं मध्यम कुपोषित बच्चों को चिन्हांकित कर उनके पोषण देखभाल संबंधित परिचर्चा भी होगी। महिला स्वास्थ्य विषय पर कार्यशाला तथा आंगनबाड़ी और स्कूल स्तर पर खेल-खेल में पोषण ज्ञान एवं स्वच्छता कार्यक्रम भी आयोजित हो रहे हैं। ग्राम पंचायतों में जल संरक्षण विषय पर जागरूकता कार्यक्रम एवं रैली निकाली जाएगी। कार्यक्रम में जेबा अली, नाजदा बेगम, इफरत आरा एवं चिंतामणी आदि ने सक्रिय योगदान दिया।
तिरंगा भोजन पोषण के लिए जरूरी-
इस दौरान उपस्थित महिलाओं द्वारा आंगनबाड़ी केन्द्रों में दिए जाने वाले रेडी टू ईट से विभिन्न प्रकार के व्यंजन जैसे पौष्टिक चीला, रे़डी टू ईट हलवा, बरफी, लड्डू, खिचड़ी, मोटा रोटी, पुलाव आदि बनाकर प्रदर्शित किया गया। इस दौरान तिरंगा भोजन यानि पौष्टिक तीन रंग का भोजन दाल-चावल, हरी सब्जी खाने पर जोर दिया गया। इसके साथ ही पोषण के लिए दूध, अंडा, पालक, गाजर, मूली का सेवन करने, बाहर का भोजन नहीं करने की सलाह भी दी गई।