कुम्हड़ाकोट में नवाखाई पर्व में शामिल हुई राज्यपाल सुश्री उइके

October 16, 2021 Off By Samdarshi News

समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो

जगदलपुर, राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके अपने बस्तर प्रवास के दौरान आज विश्व प्रसिद्ध बस्तर दशहरा पर्व के बाहर रैनी रस्म के अंतर्गत कुम्हड़ाकोट में आयोजित नवाखाई पर्व में शामिल हुईं। उन्होंने कुम्हडाकोट जगदलपुर में बस्तर के माटी पुजारी  कमलचंद भंजदेव एवं उनके परिजनों के साथ देवी-देवताओं की विधि-विधान के साथ पूजा-अर्चना के बाद सिंगार लाड़ी में बैठकर  दोना में नये चावल से बने अन्न खा कर नवाखाई रस्म  में सहभागिता निभाई। इस दौरान राजमाता कृष्णा  कुमारी देवी एवम उनके परिजनों के अलावा बस्तर सांसद एवं बस्तर दशहरा समिति के अध्यक्ष दीपक बैज, संसदीय सचिव रेखचंद जैन, दन्तेवाड़ा विधायक श्रीमती देवती कर्मा, संभाग आयुक्त जीआर चुरेन्द्र, आईजी सुंदरराज पी., मुख्य वन संरक्षक मोहम्मद शाहिद, कलेक्टर रजत बंसल, पुलिस अधीक्षक जितेंद्र मीणा सहित जनप्रतिनिधियों एवम दशहरा समिति से जुड़े लोगों के अलावा बढ़ी संख्या में आम नागरिकगण उपस्थित थे।

उल्लेखनीय है कि 75 दिनों तक चलने वाला बस्तर दशहरा पर्व सामाजिक समसरता के अनुपम उदाहरणों से से एक है। इस महापर्व को बस्तर के विभिन्न समुदायों की सहभागिता से निभाया जाता रहा है। किलेपाल क्षेत्र के माड़िया जनजाति द्वारा परंपरा के अनुसार प्रतिवर्ष विजय रथ को चुराकर कुम्हड़ाकोट में रखा जाता है रथ को खोजे जाने के बाद राजपरिवार पूरे लाव-लश्कर के साथ कुम्हड़ाकोट पहुंचता है। यहां राजपरिवार द्वारा रथ की वापसी के लिए मान-मनौव्वल किया जाता है। माड़िया समुदाय द्वारा इसके लिए साथ मिलकर नवाखाई की शर्त रखी जाती है, जिसे राजपरिवार द्वारा सहर्ष स्वीकार कर लिया जाता है। फिर यहां नवाखाई की रस्म धूमधाम के साथ पूरी करने पर माड़िया समुदाय द्वारा रथ को वापस राजमहल पहुंचा दिया जाता है।