जशपुर जिले के बालाछापर गौठान की महिलाएं गौठान मे आजीविका गतिविधियों से जुड़कर ग्रामीण उद्यमिता को दे रही नई पहचान

जशपुर जिले के बालाछापर गौठान की महिलाएं गौठान मे आजीविका गतिविधियों से जुड़कर ग्रामीण उद्यमिता को दे रही नई पहचान

October 1, 2022 Off By Samdarshi News

गौठान में मुर्गी पालन, जैविक खाद निर्माण, साग सब्जी उत्पादन सहित कर रही अन्य गतिविधियां

बालाछापर गौठान की सहेली स्वसहायता समूह की महिलाओं को मुर्गी पालन से अब तक 32 हजार से अधिक का हुआ आय

महिलाओं ने रोजगार से जोड़ने एवं आत्मनिर्भर बनाने हेतु प्रदेश सरकार एवं जिला प्रशासन को दिया धन्यवाद

समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, जशपुर

प्रदेश सरकार द्वारा ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करने के लिए गौठानों को ग्रामीण औद्योगिक केन्द्र के रूप में विकसित किया जा रहा है। गौठानों में गोबर खरीदी के साथ ही जैविक खाद निर्माण, मुर्गी-बकरी पालन, साग सब्जी उत्पादन, मछली पालन सहित अन्य आजीविका संबंधी गतिविधियों का संचालन किया जा रहा है, जिससे समूह की महिलाओं को अतिरिक्त रोजगार उपलब्ध हो रहा है। रोजगार मिलने से महिला समूह आर्थिक रूप से सशक्त होकर आगे बढ़ रही है। आज महिलाएं इन गौठानों के माध्यम से विभिन्न गतिविधियों से जुड़कर आत्मनिर्भर बन रही है। 

इसी कड़ी में जशपुर विकासखंड के बालाछापर गौठान में महिला समूह को रोजगार देने के उद्देश्य से विभिन्न रोजगार मूलक गतिविधियां संचालित किया जा रहा है। जिसमें मुख्य रुप से मुर्गी पालन, साग सब्जी का उत्पादन जैसे अन्य गतिविधियां शामिल है। गौठान में पहले केवल गोबर खरीदी एवं जैविक खाद निर्माण का कार्य किया जाता था। जिससे महिलाओं को अधिक लाभ नहीं होता था। इस हेतु जिला प्रशासन द्वारा महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए गौठानों में आजीविका शेड का निर्माण कर समूह की महिलाओं को गौठान जोड़ा गया। बालाछापर गौठान से जुड़ी सहेली सहायता समूह की महिलाओं को पशुपालन विभाग द्वारा मुर्गी पालन के लिए कड़कनाथ, देशी मुर्गी व बायलर मुर्गी के चूजें प्रदान किए गए है। साथ ही महिलाओं को मुर्गियों के उचित रख रखाव एवं बिमारियों से बचाव हेतु आवश्यक प्रशिक्षण भी प्रदान किया गया। महिला समूह द्वारा चूजों का नियमित देखभाल एवं समय से दाना-पानी खिलाने से चूजों का अच्छा विकास हुआ है। महिलाओं ने बताया कि उन्हें अब तक 32,550 रूपए मुर्गियों के विक्रय से आय हुई है। उनके द्वारा कड़कनाथ के 15 नग, एवं 63 नग देशी मुर्गी का विक्रय किया है। साथ ही अभी उनके पास गौठान में 500 नग चूजे, एवं कड़कनाथ, देशी सहित अन्य मुर्गी विक्रय के लिए उपलब्ध है। जिनका रख रखाव उनके द्वारा किया जा रहा है। विकसित होने पर इनका मुर्गियों को स्थानीय बाजार में बेचा जाएगा। मुर्गियों द्वारा दिए जाने वाले अंडे का भी विभिन्न विभागों एवं स्थानीय बाजारों में विक्रय किया जाएगा। जिससे समूह को अच्छी आमदनी प्राप्त होगी।

साथ ही समूह द्वारा गौठान में साग सब्जी उत्पादन, तेल पिराई, जैविक कीटनाशक निर्माण सहित अन्य आजीविका संवर्धन कार्य किए जा रहे हैं। जिसमें महिलाएं गौठान से निरंतर जुड़ रही है एवं साथ ही अन्य महिलाओं को प्रोत्साहित करने का भी कार्य भी कर रही है। महिलाओं ने बताया कि विभाग द्वारा समय समय पर मुर्गियों का जांच एवं आवश्यकतानुसार टीका करण भी किया जाता है। उन्होंने बताया कि पहले वे सभी महिलाएं अपने घरेलू कार्य के साथ खेतों में कार्य करती थी जिससे उन्हें अधिक लाभ नहीं होता था। परंतु सरकार की गौठान योजना उनकी जीवन में बदलाव लेकर आया है। अब वे अपने घरेलू कार्य के साथ ही गौठान में अनेक गतिविधियों से जुड़कर योजना का लाभ ले रही है। इससे उन्हें आर्थिक स्थिति में सुधार हो रहा है। और उनका जीवन स्तर बेहतर हो रहा है। समूह की महिलाओं को रोजगार उपलब्ध करा आत्मनिर्भर बनाने हेतु प्रदेश सरकार एवं जिला प्रशासन का आभार व्यक्त करते हुए धन्यवाद दिया है।