कांग्रेस के जंगल राज में कांग्रेसी ही सुरक्षित नहीं, कांग्रेस के नरवा में बड़ी मछलियां खा रही हैं छोटी मछलियों को – डॉ. कृष्णमूर्ति बांधी

कांग्रेस के जंगल राज में कांग्रेसी ही सुरक्षित नहीं, कांग्रेस के नरवा में बड़ी मछलियां खा रही हैं छोटी मछलियों को – डॉ. कृष्णमूर्ति बांधी

October 6, 2022 Off By Samdarshi News

कांग्रेस नेताओं से प्रताड़ित हो कर कांग्रेसी कार्यकर्ता का फांसी लगाना बेहद शर्मनाक – भाजपा

समदर्शी न्यूज ब्यूरो, रायपुर

प्रदेश भाजपा प्रवक्ता व छत्तीसगढ़ शासन ने पूर्व मंत्री डॉ.कृष्णमूर्ति बांधी ने बिलासपुर में एक कांग्रेस कार्यकर्ता द्वारा कांग्रेसी नेताओं की प्रताड़ना से त्रस्त होकर खुदकुशी करने की घटना पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि अब तक कांग्रेस के गुंडे, माफियाराज में नदी, नाला, स्कूल परिसर, श्‍मशान घाट तालाब की खाली जमीन पर कब्जा हो रहा है, रेत से लेकर शराब तस्करी हो रही है,  हत्या, लूट, बलात्कार की वारदातों की बाढ़ आ गई है, लेकिन अब यह मामला साबित कर रहा है कि बाड़ ही खेत खाने लगी है। कांग्रेसी ही कांग्रेसी की मौत का कारण बन रहे हैं। कांग्रेस के लोग अपनी ही पार्टी के लोगों को नहीं बख्श रहे। भूपेश बघेल की सरकार में यहां ऐसा जंगल राज चल रहा है, जिसमें छोटे-छोटे सियासी जीवों को सियार निगल रहे हैं। कांग्रेस के नरवा में बड़ी मछलियां छोटी मछलियों को खा रही हैं।

प्रदेश भाजपा प्रवक्ता डॉ. कृष्णमूर्ति बांधी ने कहा कि कांग्रेस के राज में कांग्रेस के कार्यकर्ता ही सुरक्षित नहीं हैं तो आम जनता कैसे सुरक्षित रहने की सोच सकती है। भूपेश बघेल सरकार ने कांग्रेस पोषित अपराधियों को खुली छूट दे रखी है कि वे अपने पराए में भेद किये बिना हर किसी के साथ जो चाहें, कर सकते हैं। बिलासपुर में कांग्रेस कार्यकर्ता रज्जब अली ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। उसके सुसाइड नोट में दो कांग्रेस नेताओं पर आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री से परिवार की सुरक्षा की गुहार लगाना यह खुलासा कर रहा है कि जान देने वाले को यह अहसास है कि उसकी मौत के जिम्मेदार कांग्रेस नेताओं का कुछ नहीं बिगड़ने वाला, बस उसका परिवार बच जाए, यही बहुत है।

प्रदेश भाजपा प्रवक्ता डॉ. कृष्णमूर्ति बांधी ने कहा कि कांग्रेस यह कैसी सरकार चला रही है, जिसमें कानून व्यवस्था दम तोड़ चुकी है। अपराधी बेखौफ हैं। राजधानी से लेकर न्यायधानी तक अपराधियों का तांडव चल रहा है। प्रदेश में ऐसी कोई जगह बाकी नहीं बची, जहां लोग निर्भय होकर जी सकें। ऐसी अराजक सरकार को एक क्षण भी बने रहने का हक नहीं है। इस जंगल राज का अंत बेहद जरूरी हो गया है।