“जैविक खेती को अलग-अलग पैच की बजाय क्लस्टर में कराया जाए” : मुख्यमंत्री ने कृषि विभाग की समीक्षा के दौरान दिए निर्देश

“जैविक खेती को अलग-अलग पैच की बजाय क्लस्टर में कराया जाए” : मुख्यमंत्री ने कृषि विभाग की समीक्षा के दौरान दिए निर्देश

October 9, 2022 Off By Samdarshi News

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का जैविक खेती को प्रोत्साहित करने पर जोर,सी-मार्ट के जरिये ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मिलेगी अधिक मजबूती”

समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, रायपुर

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राज्य में रासायनिक खाद पर निर्भरता को खत्म करने और जैविक खेती को प्रोत्साहित करने पर जोर दिया है। इसके लिए जैविक खेती को अलग-अलग पैच में कराने के बजाय क्लस्टर में कराने की बात उन्होंने कही है। मुख्यमंत्री ने कलेक्टर कॉन्फ्रेंस के दूसरे दिन सचिव स्तर के अधिकारियों से विभिन्न विभागों की योजनाओं के क्रियान्वयन पर जानकारी लेते हुए विभागीय समीक्षा की। इस दौरान मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कृषि विकास एवं किसान कल्याण तथा जैव प्रौद्योगिकी विभाग और ग्रामोद्योग विभाग की समीक्षा भी की।

कृषि विकास एवं किसान कल्याण तथा जैव प्रौद्योगिकी विभाग की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा कि गर्मी में धान की फसल के लिए बांधों से पानी नहीं देना चाहिए, ताकि जुलाई के समय के लिए पानी बांधों में रहे। गर्मी के सीजन में दलहन-तिलहन को प्रोत्साहित किया जाए। वहीं मुख्यमंत्री ने धान के अलावा दूसरी फसलों में भी वर्मी कम्पोस्ट के इस्तेमाल को प्रोत्साहित करने को कहा। उन्होंने कहा कि राज्य में किसानों को वर्मी कम्पोस्ट उपलब्ध कराते रहें और वर्मी कम्पोस्ट के उपयोग के लिए किसानों को प्रेरित करें। इससे कृषि के लिए रासायनिक खाद पर निर्भरता खत्म होगी और जैविक खेती को बढ़ावा मिलेगा। जैविक खेती को अलग-अलग पैच की बजाय क्लस्टर में कराने के निर्देश मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को दिए हैं। इधर गौठान निर्माण को लेकर मुख्यमंत्री ने कहा कि, बड़े आश्रित गांवों में भी गौठान का निर्माण होना चाहिए। गौठान समितियों को निर्देशित करते हुए उन्होंने कहा कि, बहुत से किसानों ने लोन लिया है, लेकिन उन किसानों को वर्मी कम्पोस्ट नहीं मिला है। ऐसे किसानों के पास वर्मी कम्पोस्ट पहुंचना सुनिश्चित किया जाए। 

मांग के अनुरूप बने कार्ययोजना :

मुख्यमंत्री श्री बघेल ने ग्रामोद्योग विभाग की समीक्षा के दौरान कहा कि, छत्तीसगढ़ में ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए ग्रामीण उत्पादों को प्रोत्साहित करना और उन्हें बाजार मुहैया कराना जरूरी है। छत्तीसगढ़ सरकार ने इसी उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए सी-मार्ट (छत्तीसगढ़-मार्ट) की शुरुआत की है। सी-मार्ट के माध्यम से ग्रामीण उत्पादों को एक छत के नीचे बाजार मुहैया कराया जा रहा है। जहां एक हजार से अधिक तरह के ग्रामीण उत्पाद बिक्री के लिए उपलब्ध हैं। कम समय में ही सी-मार्ट के माध्यम से 20 करोड़ रुपये से अधिक के उत्पादों की खरीदी बिक्री हो चुकी है। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि जिन उत्पादों की ज्यादा मांग हो, उसके उत्पादन के लिए कार्ययोजना तैयार करें। ऐसे उत्पाद जिनकी मांग दूसरे शहरों से लेकर दूसरे राज्यों से भी है, उनकी उपलब्धता वहां भी सुनिश्चित होना चाहिए।

मल्टीएक्टिविटी सेंटर होगा रीपा :

पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि राज्य सरकार रूरल इंडस्ट्रियल पार्क (रीपा) का निर्माण करा रही है, जहां मल्टीएक्टिविटी होंगे। रीपा के माध्यम से ग्रामीण स्तर पर लघु व मध्यम वर्ग के उद्योग भी संचालित किए जाएंगे, जिससे ग्रामीणों को आजीविकामूलक गतिविधियों से जोड़ा जा सके। इसके लिए रूरल इंडस्ट्रियल पार्क (रीपा) का शेड बड़ा होना चाहिए, ताकि वहां मल्टीएक्टिविटी संचालित की जा सके। मुख्यमंत्री ने बताया कि, गोधन न्याय योजना के लिए निर्मित ‘गौठान मैप पोर्टल’ के माध्यम से ही रीपा की मॉनिटरिंग की जाएगी। वहीं उन्होंने कहा कि, गोबर से निर्मित पेंट के उत्पादन पर विशेष तौर से ध्यान दिया जाना चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि, शासकीय इमारतों की रंगाई-पोताई के लिए गोबर से निर्मित पेंट का इस्तेमाल हो। उन्होंने कहा कि, इसके लिए गोबर पेंट उत्पादन को बढ़ावा दें ताकि डिमांड पूरी हो सके।