बगीचा विकासखण्ड के ग्राम सरधापाठ में विशेष पिछड़ी जनजाति पहाड़ी कोरवा के सदस्यों की मृत्यु के संबंध में जिला प्रशासन का वक्तव्य आया सामने, दी गई पूरी जानकारी

October 20, 2021 Off By Samdarshi News

अब तक कुल 44 स्वास्थ्य शिविर लगाये गये है और निरंतर स्वास्थ्य शिविर आयोजित किए जा रहे हैं

समदर्शी न्यूज ब्यूरो,

जशपुर. आदिम जाति विभाग के सहायक आयुक्त से प्राप्त जानकारी के अनुसार बगीचा विकासखण्ड के ग्राम सरधापाठ में विशेष पिछड़ी जनजाति पहाड़ी कोरवा के 15 दिन में 8 पहाड़ी कोरवा की मौत के संबंध में तथ्य सही नहीं है। वास्तविक तथ्य यह है कि जिले के विशेष पिछड़ी जनजाति पहाड़ी कोरवा बाहुल्य बगीचा विकास खण्ड के ग्राम सरधापाठ में मौसमी बीमारी, उल्टी-दस्त, पेट दर्द से जनजातीय परिवार के 3 सदस्यों की मृत्यु हुई है। 1 सदस्य की मृत्यु लकवा से तथा 1 की मृत्यु वृद्धावस्था के कारण प्राकृतिक रूप से हुई है। जनजातीय परिवार के मृत सदस्यों में जेहला उम्र 76 और सुरती उम्र 70 का उल्टी दस्त से, परमिला उम्र 22 का पेट दर्द से, शनियो उम्र 65 का लकवा और पिरकी उम्र 70 की बुढ़ापा से मृत्यु हुई है।

जनजातीय परिवार के सदस्यों की मृत्यु को जिला प्रशासन द्वारा गंभीरता से लिया जा रहा है, तत्परतापूर्वक कार्यवाही सुनिश्चित की गई है। अब तक जिले के विकासखण्ड बगीचा में 30, पत्थलगाँव में 2, कांसाबेल में 5, कुनकुरी में 4, दुलदुला में 1, मनोरा में 2 कुल 44 स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन किया गया है। इन शिविरों के माध्यम से जनजातीय परिवार के प्रत्येक सदस्य का सघन चिकित्सकीय परीक्षण कराया गया है और आवश्यक चिकित्सकीय सलाह उपचार के साथ औषधियाँ वितरण कराई जा रही है।16 अक्टूबर 2021 से निरंतर स्वास्थ्य शिविर आयोजित किए जा रहे हैं। 

ग्राम-सरधापाठ में कृषि विभाग द्वारा मिट्टी परीक्षण किया गया है। मृदा परीक्षण की अब तक की जाँच में रिपोर्ट सामान्य पाई गई है। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा पेयजल की गुणवत्ता जाँच की गई है। पेयजल गुणवत्ता की जाँच में भी रिपोर्ट सामान्य पाई गई है। स्थानीय स्तर पर पूरा स्वास्थ्य अमला सक्रिय है। स्वास्थ्य शिविरों में विशेष पिछड़ी जनजाति पहाड़ी कोरवा परिवार के सदस्यों का नियमित स्वास्थ्य परीक्षण, उपचार, औषधि वितरण के साथ जन जागरूकता अभियान भी चलाये जा रहे हैं। ग्राम पंचायत एवं ग्राम के कोटवार से मुनादी कराने के साथ ग्रामीणों को पेयजल के लिए पानी उबालकर छानकर पीने, महुआ निर्मित शराब के सेवन से दूर रहने, किसी भी तरह का मदिरा या नशापान से बचने, चावल की सड़न से निर्मित हड़िया का सेवन नहीं करने, बासी भोजन नहीं खाने की सलाह दी जा रही है। उल्टी दस्त की शिकायत होने पर, तत्काल ओआरएस घोल का सेवन प्रारंभ करते हुए, चिकित्सा शिविर में उपस्थित मेडिकल टीम को सूचित कर, त्वरित उपचार की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। जन जागरूकता अभियान में मितानीन, आंगनबाड़ी कार्यकर्त्ता, स्वास्थ्य कार्यकर्ता, पटवारी, सचिव, कोटवार आदि को भी कार्य पर लगाया गया हैं।