घर में घुसकर धारदार हथियार से हत्या करने के आरोपी को न्यायालय प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश कुनकुरी अजीत कुमार राजभानु ने सुनाई अजीवन कारावास के साथ अर्थदण्ड की सजा

घर में घुसकर धारदार हथियार से हत्या करने के आरोपी को न्यायालय प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश कुनकुरी अजीत कुमार राजभानु ने सुनाई अजीवन कारावास के साथ अर्थदण्ड की सजा

October 19, 2022 Off By Samdarshi News

समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, कुनकुरी

प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश कुनकुरी श्री अजीत कुमार राजभानु के न्यायालय में हत्या के आरोपी को विभिन्न धाराओं में आरोपी को विभिन्न धाराओं में दोष सिद्ध होने पर आजीवन कारावास सहित अलग अलग धाराओं के लिये अलग से सुनाई गई सजा के साथ लगाया गया अर्थदण्ड।

न्यायालय श्री अजीत कुमार राजभानु, प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश कुनकुरी, जिला जशपुर (छ०ग०) के न्यायालय में सत्र प्रकरण क्रमांक 05/2021 आरक्षी केन्द्र कुनकुरी के अपराध क्रमांक 72/2020 के आरोपी राजू राम पर भारतीय दण्ड संहिता की धारा 450, 307, 302 के अन्तर्गत आरोप था कि उसने दिनांक 12.09.2020 को रात्रि 11ः30 बजे ग्राम लोधमा गिरडुलडीह थाना कुनकुरी, जिला जशपुर (छ.ग.) स्थित मृतक तिलेश्वर राम के घर में आजीवन कारावास से दण्डनीय अपराध घटित करने की नियत से अवैधानिक रूप से प्रवेश कर गृह अतिचार किया एवं तिलेश्वर राम को लोहे की टांगी से मारते समय आहता कलावती बाई द्वारा बीच-बचाव किये जाते समय, उसी टांगी से उसके सिर एवं चेहरा में कई बार मारकर उसकी हत्या का प्रयास किया और आरोपी के कृत्य से यदि आहता की मृत्यु हो जाती तो वह, आहता का हत्या का दोषी होता तथा तिलेश्वर राम के सिर को धारदार हथियार लोहे की टांगी से साशय मारकर उसकी मृत्यु कारित कर हत्या कारित किया।

प्रकरण का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि दिनांक 13.09.2020 को सूचनाकर्ता जय प्रकाश राम ने पुलिस थाना कुनकुरी में इस आशय की मौखिक रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि दिनांक 12.09.2020 को वह खाना खाकर रात में अपने घर में सोया था. लगभग 11.45 बजे रात तिलेश्वर की लड़की कुमारी शकुंतला बाई, इसके घर आकर जगा कर बतायी कि उसके पिता का मर्डर हो गया है तब वह उसके घर जाकर देखा तो तिलेश्वर राम कच्चा मकान के परछी में बेहोश पड़ा था. उसके सिर में गहरा चोट लगकर खून निकल रहा था एवं वह थोड़ा-थोड़ा सा ले रहा था. यहीं पर कलावती बाई भी बिस्तर पर पड़ी थी. उसके सिर में भी गहरा चोट लगकर खून निकल रहा था, वह होश में थी तब वह शकुतला के साथ सुखदेव राम के घर गया और उसे जगा कर घटना की जानकारी दिया और उसके इको वाहन को मांगा तो वह चाबी दिया, तो वह स्वयं चलाकर तिलेबर के घर के पास ले गया और तिलेबर एवं कलावती को तिलेश्वर की पत्नी और बच्चों के साथ मिलकर वाहन में बैठाकर होलीकास अस्पताल कुनकुरी लाया। तिलेश्वर राम बेहोश था और कलायती थोड़ा होश में थी, जिससे पूछताछ करने पर बतायी कि राजू राम ने घर में घुस कर सोते समय लोहे की टागी जैसा हथियार से ताबडतोड़ तिलेश्वर राम के सिर में प्रहार किया है तथा कलावती के हल करने पर उसे भी हत्या करने की नियत से सिर में कई बार मारा है। थोड़ी देर बाद कलावती भी बेहोश हो गयी है, लगभग 02ः15 बजे रात अस्पताल के डॉक्टर ने बताया कि तिलेश्वर राम की मृत्यु हो गयी है। राजू राम की पत्नी कलावती बाई अस्पताल में भर्ती है।

राजू राम की पत्नी कलावती से चार बच्चे हैं तथा तिलेश्वर राम के भी पांच बजे हैं। लगभग दो माह पहले तिलेश्वर राम ने राजू राम की पत्नी कलावती से प्रेम संबंध होकर पत्नी बनाकर अपने घर ले गया था और दोनों साथ में रहते थे। राजू राम ने इस बारे में दो बार गांव में बैठक भी कराया था। इसके बाद भी कलावती को तिलेश्वर राम ने पत्नी बनाकर अपने घर में रखा था, इसी से नाराज होकर दिनांक 12.09 2020 को लगभग 11ः30 बजे रात घर में घुसकर किसी टांगी जैसे हथियार से मारपीट किया है, जिससे तिलेश्वर राम की मृत्यु हो गयी है।

आरोपी राजू राम पर दिनांक 20.01.2021 को धारा 450, 307, 302 भारतीय दण्ड संहिता का आरोप लगने के बाद प्रकरण में निम्न प्रश्नों पर न्यायालय द्वारा विचारण किया गया।

1) क्या, तिलेश्वर राम की मृत्यु सदोष मानव वध होकर हत्या है ?

2) क्या, आरोपी ने दिनांक 12.09.2020 को रात्रि 11ः30 बजे ग्राम लोधमा गिरडुलडीह, थाना कुनकुरी, जिला जयपुर (छ.ग.) स्थित मृतक तिलेश्वर राम के घर में आजीवन कारावास से दण्डनीय अपराध घटित करने की नियत से अवैधानिक रूप से प्रवेश कर गृह अतिचार किया ?

3) क्या, आरोपी ने आरोपित दिनांक, समय व स्थान पर तिलेश्वर राम को लोहे की टांगी से मारते समय आहता कलावती बाई द्वारा बीच-बचाव किये जाते समय, उसी टांगी से उसके सिर एवं चेहरा में कई बार मारकर उसकी हत्या का प्रयास किया और उसके (आरोपी के) कृत्य से यदि आहता की जाती तो वह, आहता का हत्या का दोषी होता ? मृत्यु हो जाता तो वह, आहता का हत्या का दोषी होता ?

14) क्या, आरोपी ने आरोपित दिनांक, समय व स्थान पर तिलेबर राम के सिर को धारदार हथियार लोहे की टांगी से मारकर उसकी मृत्यु कारित कर हत्या कारित किया ?

प्रकरण में निर्धारित प्रश्नों पर विचारण करने के उपरांत न्यायालय द्वारा निकाला गया निष्कर्ष

मामले में अभियोजन के द्वारा प्रस्तुत उपरोक्त साक्ष्य से राह दर्शित होता है कि आरोपी के द्वारा मृतक तिलेश्वर एवं आहत कलावती के घर में आजीवन कारावास से दण्डनीय अपराध (हत्या) कारित करने के आशय से रात्रि में अवैध रूप से प्रवेश कर गृह अतिचार कारित किया गया था एवं तिलेबर राम की मृत्यु कारित करने के आशय से धारदार हथियार कुल्हाड़ी (कुदाली) का प्रयोग कर संपातिक वार कर हत्या कारित किया गया था एवं आहत कलावती की हत्या कारित करने के आशय से उपहति कारित किया गया था।

तदनुसार अभियोजन, आरोपी के विरूद्ध विचाराधीन आरोप अंतर्गत धारा 450 307, 302 भारतीय दण्ड संहिता का आरोप संदेह से परे प्रमाणित करने में सफल रहा है। अतः आरोपी राजू राम को धारा 450, 307, 302 भारतीय दण्ड संहिता के आरोप में दोषसिद्ध पाया गया।

न्यायालय द्वारा आरोपी को सुनाई गई सजा

उभय पक्षों को दण्ड के प्रश्न पर सुने जाने के उपरांत अभिलेख के परिशीलन के उपरांत यह दर्शित है कि अभियुक्त के द्वारा रात्रि में घर में प्रवेश कर सोते हुए मृतक तिलेश्वर एवं कलावती पर घातक वार कर चोट पहुंचायी गयी, जिससे तिलेश्वर की मृत्यु हो गयीं एवं कलावती घायल हो गयी थी, जो गंभीर प्रकृति का अपराध है एवं सामाजिक व्यवस्था के लिए चुनौती है तथा क्षमा योग्य नहीं है।

मामले की गंभीरता पर विचार करते हुए आरोपी राजूराम पिता विशेश्वर राम, उम्र 38 वर्ष, साकिन लोधमा (गिरडुलडी), थाना कुनकुरी, जिला जशपुर (छ.ग.) को धारा 450 भारतीय दण्ड संहिता के अपराध में 10 (दस) वर्ष के सश्रम कारावास एवं 1,000/- (एक हजार) रुपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया है। अर्थदण्ड की राशि अदा करने में व्यतिक्रम किये जाने पर आरोपी को 01 (एक) वर्ष का सामान्य कारावास पृथक रूप् से भुगतना होगा। धारा 307 भारतीय दण्ड संहिता के अपराध में 10 (दस) वर्ष के सश्रम कारावास एवं 1,000/- (एक हजार) रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया है। अर्थदण्ड की राशि अदा करने में व्यतिक्रम किये जाने पर आरोपी को 01 (एक) वर्ष का सामान्य कारावास पृथक से भुगतना होगा। धारा 302 भारतीय दण्ड संहिता के अपराध में आजीवन कारावास एवं 2,000/- (दो हजार रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया है। अर्थदण्ड की राशि अदा करने में व्यतिक्रम किये जाने पर आरोपी को 5 (पांच) वर्ष का सामान्य कारावास पृथक से भुगतना होगा। सभी सजायें साथ-साथ चलेंगी।

छत्तीसगढ़ शासन की ओर से प्रकरण में अपर लोक अभियोजक श्रीमती श्यामा महानंद ने पैरवी की।