नए आश्रम भवन में बालिकाओं के प्रवेश पर ग्रामीणों में उत्साह, वनांचल की बालिकाओं के शिक्षा के लिए मिली माड़ क्षेत्र के हर्राकोड़ेर में 50 सीटर बालिका आश्रम की सौगात

Advertisements
Advertisements

समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, जगदलपुर

बस्तर जिले के लोहंडीगुड़ा विकासखंड के माड़ क्षेत्र का गांव हर्राकोड़ेर गांव में बालिका शिक्षा को नया आयाम देने के लिए 50 सीटर बालिका आश्रम की सौगात मिली। सोमवार को जब अपने नए आश्रम में प्रवेश कर रही थीं तब उन बालिकाओं के साथ ही पालकों में भी खुशी की लहर दिखाई दी। माड़ के प्रवेश द्वार पर इंद्रावती नदी के तट पर बसा हर्राकोड़ेर अपनी सुरम्यता के लिए बरबस ही आकर्षित करता है। इस क्षेत्र की संवेदनशीलता के कारण कई समस्याएं भी हैं। शिक्षा के माध्यम से इन समस्याओं के समाधान के लिए शासन द्वारा निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। बालिकाओं के शिक्षा पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। इसी कड़ी में बालिकाओं को आवासीय शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए बालिका आश्रम भवन बनाने का निर्णय भी लिया गया। क्षेत्र की संवेदनशीलता के कारण इस बालिका आश्रम के बनाने में भी बाधाएं आईं, किंतु शासन-प्रशासन के दृढ़ संकल्प के कारण इस भवन का निर्माण पूरा कर लिया गया। सोमवार को ग्राम के पुजारी, पटेल सहित ग्रामवासियों ने पारंपरिक विधि-विधान के साथ पूजा-अर्चना कर बालिकाओं का प्रवेश आश्रम में कराया। बालिका आश्रम के बनने से ग्रामीणों को इस बात की राहत है कि यहां पढ़ने वाली सभी बालिकाएं सुरक्षित वातावरण में रहकर शिक्षा ग्रहण करेंगी और भविष्य में इस क्षेत्र की उन्नति में अपने ज्ञान का योगदान देंगी।

हर्राकोड़ेर में आश्रम भवन के निर्माण को शीघ्र पूर्ण कराने के लिए कलेक्टर श्री चंदन कुमार द्वारा भी विशेष प्रयास  किया गया था। उन्होंने पिछले सप्ताह आदिवासी विकास विभाग के कार्यों की समीक्षा बैठक में इस बात पर विशेष जोर दिया था, कि वनांचल में निर्माणाधीन आश्रम छात्रावासों का निर्माण शीघ्र पूर्ण कर लिया जाए, जिससे क्षेत्र के विद्यार्थियों को इसका लाभ मिल सके। हर्राकोड़ेर में नवनिर्मित आश्रम में बालिकाओं के प्रवेश के अवसर पर अनुविभागीय दंडाधिकारी श्री एमएन चंद्रा भी उपस्थित थे और वे भी ग्रामीणों की इस खुशी के पल में शामिल हुए।

Advertisements
Advertisements
error: Content is protected !!