खैरागढ़ विधानसभा उप चुनाव : भाजपा को खैरागढ़ में बड़ी हार के बाद भाजपा नें निलंबन की कार्यवाही की..देखें किनका हुआ निलंबन

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समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, राजनांदगांव

भाजपा की कड़ी मेहनत के बाद भी करारी हार का अब धीरे- धीरे खुलासा होने लगा है। काफी विरोध के बाद खैरागढ़ के चुनाव संचालक बनाये गए खूबचंद पारख के साले, छुईखदान निवासी रावल चंद कोचर ने ही अपने साथियों के साथ मिलकर भाजपा के साथ गद्दारी कर दी और नतीजा यह हुआ कि कड़ी मेहनत के बाद भी भाजपा को खैरागढ़ में बड़ी हार का सामना करना पड़ा ।

कुछ महीने पहले सम्पन्न हुए खैरागढ़ विधानसभा उप चुनाव में कांग्रेस भाजपा के लिए प्रतिष्ठा का प्रश्न था, कांग्रेस की ओर से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल मोर्चा सम्हाले हुए थे । भाजपा का चुनाव पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह के नेतृत्व में लड़ा गया था। जिला भाजपा के नही चाहने के बाद भी खैरागढ़ विधानसभा के परमानेंट चुनाव संचालक खूबचंद पारख को बनाया गया। जिसका हर स्तर पर विरोध भी हुआ। कार्यकर्ताओं ने यह आरोप भी लगाए की क्या चुनाव संचालक खैरागढ़ में चुनाव हराने के लिए बनाया जाता है। आखिरकार चुनाव संचालक खूबचंद पारख के साले के निलंबन के साथ ही इस तरह के आरोपों पर मुहर लगती दिख रही है। भाजपा की करारी हार की जिम्मेदारी भी तो तय होनी चाहिए। निलंबन मात्र से कब तक काम चलेगा।

इन लोगों को किया गया निलंबित

भाजपा द्वारा निलंबित किए गए कार्यकताओं में रामा साहू, केशव साहू, राकेश ठाकुर, रावल कोचर, लुकेश्वरी जंघेल है। बता दे कि जिस तरह से भाजपा निलंबन की कार्यवाही की है,  उससे भाजपा को मजबूती प्रदान होगी और भितरघात करने वालो को करारा जवाब भी मिलेगा। भाजपा को ऐसे और कार्यकर्ताओं को कड़ी हिदायत देनी चाहिए जो अपने रिश्तेदारों को पार्टी से जोड़ते हैं और भीतरघात कराते हैं।

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