मार्निंग वॉक पर निकली महिला से दुष्कर्म के आरोपी को 6 वर्ष के कठोर कारावस के साथ अर्थदण्ड की सजा, न्यायाधीश श्री अजीत कुमार राजभानू प्रथम अपर सत्र न्यायालय ने दिया फैसला

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अर्थदण्ड न अदा करने पर आरोपी को भुगतना होगा अतिरिक्त सामान्य कारावास की सजा

समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, कुनकुरी

प्रथम अपर सत्र न्यायालय के न्यायाधीश श्री अजीत कुमार राजभानू ने दुष्कर्म के आरोपी को तीन वर्ष के कठोर कारावास के साथ अर्थदण्ड की सजा सुनाई है। प्रकरण में शाशन की ओर से श्रीमती श्यामा महानंद ने पैरवी की।

न्यायालय, श्री अजीत कुमार राजभानू, प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश कुनकुरी जिला जशपुर (छ.ग.) के न्यायालय में आरोपी अर्जुन यादव पर भारतीय दण्ड संहिता 1860 की धारा 354 (क) (प). 323, 376/511 के तहत आरोप था कि उसने दिनांक 12.07.2018 को सुबह 05ः00 बजे स्थान नारायणपुर जाने वाली मेन रोड के पास एन. एच. 43 में पीडिता जब सुबह टहलने के उपरांत वापस आ रही थी तब आरोपी के द्वारा पीड़िता को अकेला पाकर जमीन में पटक दिया और मारपीट करते हुए छेड़छाड़ कर उसके साथ दुष्कर्म करने का प्रयास किया। पीड़िता के चिल्लाये जाने पर उसके मुंह को दबा दिया, जिससे उसके होठ में चोट लगी तथा उसके गला को दबाया तथा उसके बालों को पकड़ कर खींचा तथा खींचकर ले जाने में उसके बांये पैर में चोट लगा ।

यह थी घटना

मामले का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि दिनांक 12.07.2018 को पीड़िता / अभियोक्त्री ने पुलिस थाना कुनकुरी में लिखित शिकायत प्रस्तुत किया कि दिनांक 12.07.2018 के सुबह यह मार्निंग वॉक के लिए निकली थी और अपने घर से नेशनल हाईवे छभ्-43 में टहल कर वापस घर आ रही थी कि सुबह लगभग 05:10 बजे एक व्यक्ति अचानक इसके हाथ को पकड़ लिया और इसे जमीन पर पटक कर छेड़खानी करने लगा तब यह बचाओ-बचाओ कह कर चिल्लाने लगी तो वह व्यक्ति, इसे खींचते हुए पेड के पास ले गया और इसका गला को दबा दिया बलात्कार करने का प्रयास किया।  पीड़िता के चिल्लाने की आवाज सुनकर गांव के लोग बाहर आए गांव वालों को आते देखकर वह व्यक्ति वहीं पर ट्रक क्रमांक सी.जी. 15 व्क्-0354 को चालू कर भागने लगा, जिसे गांव वाले गाड़ी से दौड़ाने लगे तो वह व्यक्ति ट्रक को छोड़कर भाग गया। पीड़िता, उस व्यक्ति को देखकर पहचान लेगी।

आरोपी पर अपराध के अन्तर्गत लगी धाराएं

आरोपी अर्जुन यादव पर धारा 354 (क) (प), 323, 376/511 भारतीय दण्ड संहिता के तहत आरोप लगने के बाद पीड़िता के प्रत्यक्ष साक्ष्य एवं साक्षियों के साक्ष्य एवं चिकित्सकीय परीक्षण में पीड़िता के शरीर पर आये चोटों की उपस्थिति, पीड़िता के वस्त्रों का फटा होना एवं पीड़िता के साक्ष्य, प्रतिपरीक्षण में स्थिर होना आदि समग्र तथ्यों पर विचार करते हुए न्यायालय एकमात्र इसी निष्कर्ष पर आती है कि आरोपी के द्वारा ही पीड़िता के साथ लैंगिक उत्पीड़न करते हुए बलात्संग का प्रयास किया गया था एवं पीड़िता को बलपूर्वक खींचकर स्वेच्छया सामान्य उपहति कारित की गयी थी।

न्यायालय ने सुनाई आरोपी को यह सजा

आरोपी अर्जुन यादव के विरूद्ध विचाराधीन आरोप अंतर्गत धारा 354 (क) (1), 323, 376/511 भारतीय दण्ड संहिता का आरोप प्रमाणित पाया जाकर आरोपी अर्जुन यादव को धारा 354 (क) (प), 323, 376/511 भारतीय दण्ड संहिता के आरोप में दोषी पाकर दोषसिद्ध ठहराया जाकर आरोपी अर्जुन यादव को धारा 354 (क) (प) भारतीय दण्ड संहिता के अपराध में 03 (तीन) वर्ष के कठोर कारावास एवं 1,000/- (एक हजार) रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया जाता है। अर्थदण्ड की राशि अदा न किये जाने पर आरोपी को 01 (एक) वर्ष के सामान्य कारावास भुगताया जावे। धारा 323 भारतीय दण्ड संहिता के अपराध में 01 (एक) वर्ष के कठोर कारावास एवं 5,00/- (पांच सौ) रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया जाता है। अर्थदण्ड की राशि अदा न किये जाने पर आरोपी को 03 (तीन) माह के सामान्य कारावास भुगताया जावे। धारा 376/511 भारतीय दण्ड संहिता के अपराध में 06 (छः) वर्ष के कठोर कारावास एवं 2,000/ (दो हजार रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया जाता है। अर्थदण्ड की राशि अदा न किये जाने पर आरोपी को 01 (एक) वर्ष के सामान्य कारावास भुगताया जावे। सभी सजायें साथ-साथ भुगतायी जावे।।

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