विश्व स्ट्रोक दिवस पर विशेष : संतुलित जीवन-शैली को अपनाकर स्ट्रोक से कर सकते हैं बचाव !

October 27, 2022 Off By Samdarshi News

संतुलित जीवन-शैली को अपनाकर स्ट्रोक जैसी गंभीर समस्या से बचा जा सकता है

समदर्शी न्यूज ब्यूरो, रायपुर

हृदयघात के समान ही स्ट्रोक या मस्तिष्क घात भी एक गंभीर बीमारी है। भागम-भाग भरी जीवन शैली और स्वास्थ्य के प्रति लापरवाही से मस्तिष्क घात के मरीजों की संख्या बढ़ रही है। बुजुर्गों के साथ-साथ अब युवाओं में भी यह समस्या देखने को मिल रही है। इसलिए ही प्रतिवर्ष स्ट्रोक के खतरे को कम करने के लिए एवं इसके प्रति जनजागरूकता बढ़ाने के लिए 29 अक्टूबर को विश्व स्ट्रोक दिवस’ (World Stroke Day) मनाया जाता है। इस दिन लोगों को स्ट्रोक के बारे में जागरूक कर स्ट्रोक से पीड़ित मरीजों को समय पर यथाशीघ्र उपचार कराने के लिए प्रेरित किया जाता है।

इस वर्ष विश्व स्ट्रोक दिवस की थीम Save Precioustime” “कीमती समय बचाएं” है, जिसका आशय स्ट्रोक आने के बाद समय रहते उसको पहचाने और बिना देरी किए चिकित्सकीय सुविधा उपलब्ध कराना हैI स्ट्रोक दिवस पर जागरूकता कार्यक्रम के द्वारा लोगों को इसके प्रति जागरूक किया जाएगा। इस संबंध में एनपीसीडीसीएस (नेशनल प्रोग्राम फॉर प्रिवेंशन एंड कन्ट्रोल ऑफ कैंसर, डायबिटीज, कार्डियोवैस्कुलर डिसीसेस एंड स्ट्रोक) के उप संचालक डॉ. महेंद्र सिंह ने बताया “देश में हर वर्ष 28 प्रतिशत लोगों की मृत्यु अनियमित जीवनशैली और खान-पान की वजह से होने वाली गैर संचारी बीमारियों के कारण होती है। इनमें हृदय रोग के समान ही स्ट्रोक या मस्तिष्क-घात भी एक है। स्ट्रोक एक आपातकालीन चिकित्सकीय स्थिति है। स्ट्रोक, मस्तिष्क में रक्त की आपूर्ति की बाधा के कारण होता है। इससे स्ट्रोक ग्रसित व्यक्ति की बोलने, देखने और शारीरिक गतिविधियां प्रभावित होती हैं। स्ट्रोक किसी भी उम्र के व्यक्ति को किसी भी समय हो सकता है। अधिकतर लोग स्ट्रोक के  लक्षणों को पहचानने में सक्षम नहीं हैं, इसकी वजह से स्ट्रोक के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। स्ट्रोक होने पर मरीज को यदि चार घंटे की समयावधि में अस्पताल पहुंचा दिया जाए और तुरंत इलाज शुरू करके उसकी जिंदगी को बचाया जा सकता है।“ उन्होंने आगे बताया – “धूम्रपान, तंबाकू का सेवन, संतुलित खान-पान के प्रति गंभीर नहीं होना, मोटापा, शराब या अन्य नशा का सेवन करने से उच्च रक्तचाप, मधुमेह, हृदय रोग, दिमाग में जा रही धमनियों में कोलेस्ट्रोल के जमा होने से स्ट्रोक का खतरा बढ़ सकता है। इसलिए संतुलित जीवन-शैली को अपनाकर स्ट्रोक जैसी गंभीर समस्या से बचा जा सकता है। इसी के मद्देनजर जिला स्तर पर सभी स्वास्थ्य केन्द्रों में जागरूकता कार्यक्रम होंगे। जिसमें स्ट्रोक क्यों होता है तथा इसके बचाव और उपचार के बारे में लोगों को विस्तृत जानकारी प्रदान की जाएगी।“

लक्षण – चेहरे का किसी एक तरफ मुड़ने लगना, किसी एक बांह में दर्द का होना, आवाज लड़खड़ाने लगना या बोलने में तकलीफ होना, सिरदर्द, चलने में परेशानी, आंखों से देखने में परेशानी होना इत्यादि। यदि ऐसे लक्षण दिखाई दें तब तुरंत चिकित्सकीय सलाह लेनी चाहिए।

बचाव के उपाय– रक्त दबाव को नियंत्रित रखें। अत्यधिक मोटापा को कम करें व शरीर में वसा या चर्बी जमा नहीं होनें दें। नियमित व्यायाम करें। धूम्रपान एवं शराब या अन्य नशा सेवन से से दूर रहें। संतुलित आहार लें। अत्यधिक वसा वाले खाने से दूर रहें। लक्षण दिखाई देने पर तत्काल चिकित्सकीय परामर्श लेंI