विश्व स्ट्रोक दिवस पर विशेष : बेहतर जीवन-शैली और नशापान से दूरी बनाकर, स्ट्रोक से कर सकते हैं बचाव !

विश्व स्ट्रोक दिवस पर विशेष : बेहतर जीवन-शैली और नशापान से दूरी बनाकर, स्ट्रोक से कर सकते हैं बचाव !

October 28, 2022 Off By Samdarshi News

स्वास्थ्य के प्रति दें ध्यान, स्ट्रोक होने पर मरीज को चार घंटे के भीतर पहुंचाएं अस्पताल

समदर्शी न्यूज ब्यूरो, बिलासपुर

हृदयाघात के समान ही स्ट्रोक या मस्तिष्क घात भी एक गंभीर बीमारी है। भागम-भाग भरी जीवन शैली और स्वास्थ्य के प्रति लापरवाही से मस्तिष्क घात के मरीजों की संख्या बढ़ रही है। बुजुर्गों के साथ-साथ अब युवाओं में भी यह समस्या देखने को मिल रही है। इसलिए ही प्रतिवर्ष स्ट्रोक के खतरे को कम करने के लिए एवं इसके प्रति जनजागरूकता बढ़ाने के लिए 29 अक्टूबर को ‘विश्व स्ट्रोक दिवस’ (World Stroke Day) मनाया जाता है। इस दिन लोगों को स्ट्रोक के बारे में जागरूक कर स्ट्रोक से पीड़ित मरीजों को समय पर यथाशीघ्र उपचार कराने के लिए प्रेरित किया जाता है।

इस वर्ष विश्व स्ट्रोक दिवस की थीम “Save Precioustime” “कीमती समय बचाएं” है, जिसका आशय स्ट्रोक आने के बाद समय रहते उसको पहचाने और बिना देरी किए चिकित्सकीय सुविधा उपलब्ध कराना हैI स्ट्रोक दिवस पर जागरूकता कार्यक्रम के जरिए लोगों को इसके प्रति जागरूक किया जाएगा। इस संबंध में खंड चिकित्सा अधिकारी एवं जीरियाट्रिक मेडिसीन विशेषज्ञ बिलासपुर, डॉ. सुनील हंसराज ने बताया: “स्ट्रोक किसी भी उम्र के व्यक्ति को किसी भी समय हो सकता है। यदि समय पर इससे पीड़ित व्यक्ति की पहचान कर ली जाए तो व्यक्ति की जान बचाने के साथ-साथ उसकी शारीरिक विकलांगता की संभावना को भी कम किया जा सकता है। व्यक्ति किसी तरह अपने रक्त संचार को नियंत्रित कर ले तो इस बीमारी से बचा जा सकता है। इसके लिए खान-पान में विशेष ध्यान देना चाहिए। धूम्रपान, तंबाकू का सेवन, संतुलित खान-पान के प्रति गंभीर नहीं होना, मोटापा, शराब या अन्य नशा का सेवन करने से उच्च रक्तचाप, मधुमेह, हृदय रोग, दिमाग में जा रही धमनियों में कोलेस्ट्रोल के जमा होने से स्ट्रोक का खतरा बढ़ सकता है। जिससे पैरालिसिस एवं गंभीर स्थिति में मृत्यु भी हो सकती है। इसलिए संतुलित जीवन-शैली को अपनाकर स्ट्रोक जैसी गंभीर समस्या से बचा जा सकता है।“

मिला विशेष प्रशिक्षण– डॉ. हंसराज ने बताया: “ज्यादातर उम्रदराज लोगों को स्ट्रोक की समस्या होती थी, परंतु आजकल युवा भी इससे ग्रसित हो रहे हैं। स्ट्रोक के लक्षण, उपचार और शीघ्र इलाज शुरू करवाने के लिए स्वास्थ्य अधिकारियों को बीएचयू ( बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय) द्वारा विशेष रूप से प्रशिक्षित किया गया है। जिससे जीरियाट्रिक मेडिसीन विशेषज्ञ के रूप में चिकित्सक जिले में सेवाएं दे सकें।“

लक्षण – चेहरे का किसी एक तरफ मुड़ने लगना, किसी एक बांह में दर्द का होना, आवाज लड़खड़ाने लगना या बोलने में तकलीफ होना, सिरदर्द, चलने में परेशानी, आंखों से देखने में परेशानी होना इत्यादि। यदि ऐसे लक्षण दिखाई दें तब तुरंत चिकित्सकीय सलाह लेनी चाहिए।

बचाव के उपाय– डॉ. हंसराज के अनुसार रक्त दबाव को नियंत्रित रखें। अत्यधिक मोटापा को कम करें व शरीर में वसा या चर्बी जमा नहीं होनें दें। नियमित व्यायाम करें। धूम्र -पान एवं शराब सेवन से परहेज करें। अत्यधिक वसा वाले खाने से दूर रहें। लक्षण दिखाई देने पर, तत्काल चिकित्सकीय सलाह लेंI