कुनकुरी नगर में सूर्योपासना के महापर्व छठ पूजा की तैयारियां अंतिम चरण में, छठ पूजा के लिये घाट एवं मार्ग हो रहे तैयार, साफ सफाई में जुटा प्रशासन

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खरना का प्रसाद आज ग्रहण करेंगें श्रद्धालु

नहाय खाय विधि के साथ व्रत प्रारंभ

गली गली गूंज रहे छठ माईं के गीत

समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, कुनकुरी/जशपुर

कुनकुरी. भगवान भास्कर की आराधना के महापर्व छठ पर्व के आयोजन के लिये स्थानीय जलाशय पर साफ सफाई का कार्य नगर पंचायत एवं स्थानीय छठ पूजा समिति के कार्यकर्ताओं द्वारा कराया जा रहा है. छठ पर्व का मुख्य आयोजन स्थानीय डेम में किया जाता है। डेम जाने के मार्ग के साथ घाटों की सफाई का कार्य जारी है। जलकुंभियों एवं गाद की सफाई की जा रही है। साफ सफाई के बाद घाट को गोबर से लीपाई भी की जायेगी।

सूर्यषष्ठी को आयोजित होने वाले आयोजन के अन्तर्गत अस्ताचलगामी भगवान सूर्य को एवं दूसरे दिन उदित होते सूर्यदेव को अर्घ्य देने के लिये एवं दर्शन पूजन के लिये व्रतियों के साथ श्रद्धालु भारी संख्या में सम्मिलित होते है. व्रतियों एवं श्रद्धालुओं की सुविधा के लिये स्थानीय जलाशय के घाटों एवं मार्गो की साफ सफाई के साथ रोशनी एवं सजावट आदि का व्यापक प्रबंध किया जा रहा है. जिससे श्रद्धालु इस आयोजन को सुविधापूर्वक सम्पन्न कर सकें.

अंचल के साथ नगर में छठ पूजा महापर्व की तैयारियां घर घर में प्रारंभ हो गई है और गली गली में छठ माई के गीत गूंज रहे है. भगवान भास्कर की आराधना के इस महापर्व का शुभारंभ इस वर्ष व्रतियों द्वारा नहाय खाय की विधि पूर्ण कर पवित्रता के साथ प्रारंभ किया गया। इसमें व्रतियों द्वारा नहा धोकर पवित्र होकर चूल्हे में लकड़ी की आग पर लौकी की सब्जी, चनादाल, भात का प्रसाद बनाकर ग्रहण किया गया.

दूसरे दिन व्रत के अन्तर्गत खरना की विधि सम्पन्न की जायेगी जिसमें गुड़ चावल से बनी खीर का प्रसाद पहले व्रती ग्रहण करेगें फिर परिजन एवं मिलने जुलने वाले इस प्रसाद को प्राप्त करेंगें. रविवार को व्रतधारी दिन भर उपवास रखकर सायं अस्ताचलगामी सूर्यदेव को अर्घ्य देंगें. सोमवार को प्रातः उगते सूर्यदेव को अर्घ्य देते हुए पूजन दर्शन के साथ व्रत सम्पन्न करते हुए ठकुआ, मौसमी फल आदि का प्रसाद श्रद्धालुओं को वितरित किया जायेगा.

परिवार की कुशलता एवं मन्नतो की पूर्ति के लिये किये जाने वाले इस व्रत एवं महापर्व के प्रति श्रद्धालुओं की अपार श्रद्धा है तथा इस व्रत के पालन में पवित्रता का विशेष ध्यान रखा जाता है.

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