चंदूलाल चंद्राकर मेडिकल कॉलेज अधिग्रहण प्रकरण : भ्रष्टाचार के लिए कांग्रेस सरकार ने 139 करोड़ ज्यादा लागत में खरीदा कालेज, कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ के युवाओं का भविष्य चढ़ाया भ्रष्टाचार की भेंट – भाजपा

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दोगुने दाम में कालेज अधिग्रहित करने के बावजूद आज तक मेडिकल कॉलेज चालू क्यों नहीं ? – देवलाल ठाकुर

इस वर्ष भी चंदूलाल चंद्राकर मेडिकल कॉलेज को नहीं मिली मान्यता

विधवा महिलाओं को 10 हजार की अनुकंपा नियुक्ति तक हीं

समदर्शी न्यूज ब्यूरो, रायपुर

छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार में चंदूलाल चंद्राकर मेडिकल कॉलेज की मूल्यांकित राशि 139 करोड़ से डबल राशि 278 करोड़ प्रदाय करने पर पुनः सवाल उठाते हुए आज प्रेस वार्ता के दौरान भाजपा प्रदेश प्रवक्ता देवलाल ठाकुर ने कहा छत्तीसगढ़ सरकार के स्वास्थ्य मंत्री ने अधिग्रहण विधेयक में सदन को गलत जानकारी दी, कि चंदूलाल चंद्राकर मेडिकल कॉलेज चालू स्थिति में है, जबकि मेडिकल काउंसिल ने 2017 में ही इस कॉलेज को अमान्य कर दिया था, तब से अधिग्रहण करने तक अमान्य ही है।

छत्तीसगढ़ सरकार अधिग्रहण पश्चात निर्धारित समय पर कॉलेज का निरीक्षण नहीं करा पाई, जिसके कारण इस वर्ष भी  चंदूलाल चंद्राकर मेडिकल कॉलेज को मान्यता नहीं मिल सकी, इस वर्ष भी कॉलेज पढ़ाई के लिए मान्य नहीं है। जबकि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री कालेज के अधिग्रहण को लेकर प्रचारित करते रहे हैं कि कालेज को पढ़ाई के लिए अनुमति मिल गया है। भेंट मुलाकात में अपनी पीठ थपथपाते रहे, वास्तविकता यह है 4 वर्षों से यह कालेज 0 ईयर घोषित है और आज भी 0 ईयर घोषित हो गया है।

मुख्यमंत्री ने कॉलेज के अपने करीबी संचालकों को अनुचित लाभ देने के लिए जल्दबाजी में अधिग्रहण कर लिया। ज्ञात रहे संचालकों ने नियम विपरीत शासकीय भूमि को बंधक रखकर लगभग 150 करोड से भी ज्यादा राशि का लोन ले लिया था। उक्त ऋण प्रकरण मैं एनसीएलटी ने कार्यवाही करते हुए चंदूलाल चंद्राकर मेडिकल कॉलेज की सारी संपत्ति कुर्क करने के आदेश दे दिए हैं। सरकार ने ऋण की जानकारी होने के बावजूद बिना बैंक ऋण अदा किए कॉलेज का अधिग्रहण कर लिया। मूल्यांकनकर्त्ता अधिकारियों ने इस पर निजी ऋण होने का उल्लेख भी किया था तथा प्रबंधन की देनदारियों का 245 करोड़ मूल्यांकन था। सारी जानकारी एमसीआई से भी छुपाई गई, शायद संचालकों एवं सरकार में गुप्त करार हो। बहरहाल छत्तीसगढ़ को बड़ा नुकसान हो गया, देश में केंद्र परिवर्तित मेडिकल कॉलेज योजना केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा संचालित है, जिसमें राज्य को मात्र 25% राज्यांश देना है, परंतु इसमें प्रमुख शर्त यह है कि जिन जिलों में मेडिकल कॉलेज नहीं है, उन्हें प्राथमिकता दी जानी है, राज्य के साथ दुर्ग जिले को बड़ा नुकसान हुआ है।

वार्ता में कहा गया मेडिकल कालेज की कुर्की के लिए बैंक ने रेट 141 करोड़ रखा था तथा रूंगटा प्रबंधन ने इसे लगभग 165 करोड़ में खरीदने का अनुबंध किया था, जिसमें लगभग 70 करोड़ का भुगतान भी हो चुका था। तो इसे 278 करोड़ में  खरीदा जाना निश्चित ही बड़ा भ्रष्टाचार है। प्रेस वार्ता में भाजपा मीडिया प्रभारी अमित चिमनानी, प्रदेश प्रवक्ता संदीप शर्मा, केदारनाथ गुप्ता, दीपक म्हस्के मौजूद रहे।

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