सड़क दुर्घटना होने पर एसडीएम- एसडीओपी करेंगे मौका मुआयना, सेफ्टी संबंधी क्या मानवीय अथवा तकनीकी त्रुटि रह गई, इस पर देंगे रिपोर्ट, सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में लिया गया निर्णय
November 11, 2022सड़कों की होगी सेफ्टी आडिट, निर्माण एजेंसी, पुलिस और राजस्व विभाग के अधिकारियों का दल निरीक्षण कर सुझाएगा सुरक्षा उपाय
समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, दुर्ग
सड़क दुर्घटना होने पर एसडीएम और एसडीओपी घटनास्थल का मुआयना करेंगे। दुर्घटना किस परिस्थिति में हुई इसकी बारीक पड़ताल करेंगे और अपनी रिपोर्ट देंगे ताकि समीक्षा कर दुर्घटना के लिए जिम्मेदार मानवीय अथवा तकनीकी त्रुटि को चिन्हांकित किया जा सके और इसे ठीक करने के उपाय किये जा सकें। संबंधित थानेदार और ट्रैफिक से संबंधित अधिकारी भी इसमें शामिल रहेंगे। यह निर्देश कलेक्टर श्री पुष्पेंद्र कुमार मीणा ने अधिकारियों को दिये। बैठक में एसपी डा. अभिषेक पल्लव भी मौजूद थे।
एसपी ने अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि 59 बिन्दुओं का जा प्रतिवेदन दुर्घटना के बाद दिया जाता है वो अति महत्वपूर्ण होता है इन प्रतिवेदनों की समीक्षा से यह जानने में मदद मिलती है कि दुर्घटना किस वजह से अधिक हो रही है और इसे ठीक करने के लिए क्या किया जा सकता है। कलेक्टर-एसपी ने हर महीने दुर्घटना में होने वाली मृत्यु के कारणों की गहन समीक्षा के लिए प्रत्येक प्रकरण में केसस्टडी बनाने के निर्देश दिये ताकि इस पर गहन विचार कर त्रुटियों को सुधारा जा सके।
बैठक में अपर कलेक्टर श्री अरविंद एक्का, एसडीएम श्री विपुल गुप्ता, श्री मुकेश रावटे, ट्रैफिक डीएसपी श्री सतीश ठाकुर, डिप्टी कलेक्टर श्री लवकेश ध्रुव, सीएमएचओ डा. जेपी मेश्राम, पीडब्ल्यूडी ईई श्री अशोक श्रीवास, आरटीओ अधिकारी श्री अनुभव शर्मा एवं अन्य अधिकारी मौजूद रहे।
सेफ्टी आडिट से जुड़े अधिकारियों की ट्रेनिंग होगी- कलेक्टर ने कहा कि सेफ्टी आडिट के माध्यम से ऐसी जगहों को चिन्हांकित किया जाएगा जहां दुर्घटना की आशंका अधिक होती है। सेफ्टी आडिट टीम में निर्माण एजेंसी से जुड़े अधिकारी, पुलिस एवं रेवेन्यू के अधिकारी होंगे। सेफ्टी आडिट टीम की ट्रेनिंग होगी और उन्हें सड़क सुरक्षा से संबंधित उपकरणों के बारे में विशेष रूप से बताया जाएगा। साथ ही सड़क सुरक्षा को लेकर जुड़े तकनीकी बिन्दुओं से भी अवगत कराया जाएगा। मौके पर टीम के अधिकारी पहुंचकर रिफ्लेक्टर, ब्लिंकर्स आदि के संबंध में सुझाव देंगे। जहां ब्रेकर, रंबल स्ट्रिप आदि की जरूरत है उसके बारे में भी बताया जाएगा। कलेक्टर ने कहा कि स्कूल जैसे सार्वजनिक जगहों के पूर्व अनिवार्य रूप से स्पीड को लेकर चेतावनी बोर्ड होने चाहिए। जहां अंधा मोड़ है वहां पीडब्ल्यूडी और अन्य संबंधित निर्माण एजेंसी के अधिकारी इसे ठीक करने के लिए आवश्यक उपाय कर लें। ब्लैक स्पाट एवं ग्रे स्पाट के साथ ही उन क्षेत्रों को भी चिन्हांकित किया जाएगा जहां दुर्घटनाओं की संख्या अन्य जगहों से अधिक है और इसके लिए सुधारात्मक कार्य किया जाएगा।
रिस्पांस टाइम पर भी होगी नजर– अधिकारी द्वय ने कहा कि दुर्घटना होने के बाद रिस्पांस टाइम भी अहम है। दुर्घटना के कितने समय के बाद एंबुलेंस आई। अस्पताल में इलाज कब आरंभ हुआ। रिफर कब किया गया। इस तरह से हर स्तर पर गहन समीक्षा की जाएगी ताकि किसी भी बिन्दु पर किसी तरह की त्रुटि न छूट जाए। नशे में गाड़ी चलाने वाले वाहनचालकों की भी नियमित मानिटरिंग के निर्देश दिये गये। ब्रेथ एनालाइजर के माध्यम से सघन जांच के निर्देश दिये गये। बीएसपी टाउनशिप में चिन्हांकित 6 ग्रे स्पाट्स में आवश्यक सुधारात्मक कार्य करने बीएसपी प्रबंधन को सूचित करने के लिए भी बैठक में निर्णय लिया गया।