प्रकृति को समझकर कर्म प्रकृति के साथ सामान्य जीवन जीना चाहिए – आचार्य विशुद्ध सागर जी महाराज
November 18, 2022ज्ञान कल्याणक पूजन के साथ पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महामहोत्सव में भक्तों ने किया पूजन
शनिवार 19 नवंबर को मोक्ष कल्याणक, रथयात्रा, प्रतिष्ठित प्रतिमाओं का महामष्तकाभिषेक होगा
समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, भिलाई
श्रीमद जिनेन्द्र पंचकल्याणक प्रतिष्ठा एवं विश्वशांति महायज्ञ में आज ज्ञान कल्याणक पूजन के अवसर पर भक्तों ने आचार्य श्री विशुद्ध सागर महाराज जी के अमृत वचनों से मंगल अभिषेक एवं शांतिधारा किये जहां आचार्य श्री ने प्रतिष्ठित होने जा रही प्रतिमाओं पर ससंघ सूर्यमंत्रोंच्चार प्रतिष्ठाचार्य पं. पवन दीवान सागर जी के साथ धर्मक्रिया इन्द्रों के साथ पंडाल स्थल पर कराये। इस अवसर पर प्रचार प्रसार प्रमुख प्रदीप जैन बाकलीवाल ने बताया कि आज आचार्यश्री से आशीर्वाद लेने कार्यक्रम के प्रमुख अतिथि सांसद विजय बघेल पहुचे और आचार्यश्री को श्रीफल अर्पण कर भक्तों के साथ आशीर्वाद प्राप्त किये। जहां सांसद श्री बघेल का पंचकल्याणक समिति के डॉ. प्रमोद विनायके, राकेश जेैन, प्रदीप जैन बाकलीवाल, कमलेश जैन, भागचंद जैन, अमित जैन, विमल जैन, बबलु जैन, विनय जैन, पुनित जैन आदि ने सांसद विजय बघेल को चांदी का कलश प्रदान कर स्वागत किये। प्रकाश मोदी का भी सम्मान दिनेश जैन अध्यक्ष एवं प्रशांत जैन ने किया। मंच संचालक मुख्य संयोजक प्रशांत जैन ने किया।आचार्य श्री विशुद्ध सागर महाराज के पाद प्रच्छालन एवं आचार्यश्री को शास्त्र भेंट करने का सौभाग्य संतोष जैन, रजनीश जैन एवं परिवार को मिला।
आचार्यश्री विशुद्ध सागर महाराज जी:- ने अपने अमृत वचन में कहा कि आहारचर्या पर विस्तार से जानकारी देते हुए कहा कि जैन मुनिगण भोजन लेने आहारचर्या हेतु जैन भक्तों के घर घर जाते हैं। इसलिए स्वस्थ्य रहते हैं। आहार के साथ साथ विहार भी जरूरी है जिससे स्वस्थ रहते हैं। बैल एक बार बैठ गया तो दुबारा उठ नही पाता यही स्थिति व्हीआईपी लोगों की है। मैं व्हीआईपी उसे मानता हूं जो मोहमाया छोड़ कर दीन दुखियों की सेवा करते हैं। जो विशेष बनना चाहते हंै, उन्हें अपने कार्य के प्रति पागल होना पड़ता है। मेरे पास जो व्हीआईपी बनकर आता है मैं उनकी पोल खोल देता हूं। आप सामान्य जीवन जीना चाहते हैं, या व्हीआईपी बनकर, इस पर उन्होंने डॉक्टर एवं कुछ प्रतिष्ठि लोगों से धर्मसभा में पूछा तो डॉक्टर बंधु ने कहा कि हम सामान्य जीवन के साथ लोगों की सेवा करना चाहते हैं। सभा में आचानक आचार्यश्री ने पूछा कि यह प्रदीप बाकलीवाल सामान्य है या विशेष तो लोगों ने कहा कि विशेष जो अपने कार्य के प्रति सजग है। उन्होंने उपस्थित श्रद्धालुओं पर कटाक्ष करते हुए कहा कि जब तक आप लोग सोते रहते हैं तब तक मैं दस किलोमीटर की यात्रा कर लेता हूं। मैं पैदल ही पूरा देश घूम चुका हूं लेकिन यहां आकर देखता हूं कि आप लोग यही के यहीं हैं। अपने सार्थक विचार प्रदान करते हुए कहा कि जिस तरह सागर नदी का जल सभी पशु,पक्षियों, मनुष्यों के लिए है वैसे ही मॉ जिनवाणी का प्रवचन सबके लिए होता हैं। उन्होंने व्यक्ति को पीला वस्त्र पहनने की सलाह दी। आचार्य प्रवर ने कहा कि जब मैं यहां मंडप पहुंचा तब मंडप सो रहा था ओर जब मंडप पहुंचा तो पूरा मंडप हंसन लगा। महापुरूष जहां पहुंचते हैं उनके आने से लोग मुस्कुराने लगते है और जाने के बाद रोने लगते हैं।
महाराज जी के पाद प्रच्छालन हेतु लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। आज आदिकुमार भगवान के मंगल आहारचर्या इन्द्र, इन्द्राणियों सहित सैकड़ों महिलाओ, एवं पुरूष वर्गों ने आचार्य श्री के ससंघ सानिध्य में ज्ञान कल्याणक दिवस पर पंडाल स्थल में आहारचर्या इच्छुरस के साथ कराया। दोपहर में समोसरण स्थल का उदघाटन डॉ. प्रमोद विनायके एवं कमलेश जैन ने किया। ज्ञान कल्याणक और भगवान की केवल ज्ञान प्राप्ति पर आचार्यश्री विशुद्ध सागर महाराज जी ने भगवान के समोसरण से धर्म क्रिया कराते हुए मंगल प्रवचन दिये।भक्तों के साथ कराया।
शनिवार 19 नवंबर को प्रात: 6.30 बजे मोक्ष कल्याणक, दोपहर दो बजे रथयात्रा, प्रतिष्ठित प्रतिमाओं का महामष्तिकाभिषेक होगा। तत्पश्चात आचार्यश्री के आशीष वचन होगा।
शनिवार 19 नवंबर को आचार्यश्री विशुद्ध सागर महाराज जी का ससंघ का रिसाली से मंगल विहार यात्रा यथा संभव संध्या 4 बजे के बाद श्री त्रिवेणी जैन तीर्थ सेक्टर 6 में डीपीएस चौक से ग्लोब चौक होते हुए मंगल प्रवेश जैन भवन में होगा।