पुराना घर-जमीन विवाद में अपने सगे बड़े भाई की टांगी से वारकर हत्या कर फरार रहने वाले आरोपी को दुलदुला पुलिस ने सिमडेगा (झारखंड) क्षेत्र से किया गिरफ्तार, भेजा गया न्यायिक अभिरक्षा में जेल.

पुराना घर-जमीन विवाद में अपने सगे बड़े भाई की टांगी से वारकर हत्या कर फरार रहने वाले आरोपी को दुलदुला पुलिस ने सिमडेगा (झारखंड) क्षेत्र से किया गिरफ्तार, भेजा गया न्यायिक अभिरक्षा में जेल.

November 24, 2022 Off By Samdarshi News

थाना दुलदुला में आरोपी सूरजन राम के विरूद्ध अपराध क्रमांक 81/22 धारा 302 भा.द.वि. का अपराध पंजीबद्ध

आरोपी सूरजन राम के कब्जे से घटना में प्रयुक्त टांगी जप्त. 

समदर्शी न्यूज ब्यूरो, जशपुर

प्रकरण के संबंध में मिली जानकारी के अनुसार मामले का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि प्रार्थी गिरधारी यादव उम्र 27 साल निवासी डोभ ने दिनांक 17 सितंबर 2022 को थाना दुलदुला में रिपोर्ट दर्ज कराया था कि उक्त दिनांक की रात्रि लगभग 09:00 बजे उसके गांव का समरू राम एवं सूरजन राम के मध्य पुराना घर-जमीन की बात को लेकर विवाद हो रहा था। उसी दौरान सूरजन राम ने झगड़ा-विवाद कर घर के अंदर गया और टांगी लेकर आया। उक्त टांगी से सूरजन राम ने अपने बड़े भाई के बांया चेहरा, मुंह के पास मारा जिससे समरू राम उम्र 50 साल जमीन में गिर गया। सूरजन राम घटना घटित कर वहां से भाग गया। समरू राम की पुत्री ने अपने पिता को घायल अवस्था में उठाकर खाट में सुलाई थी। कुछ देर बाद समरू राम की मृत्यू हो गई। घटना की रिपार्ट पर आरोपी के विरूद्ध धारा 302 भा.द.वि. का अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया।

प्रकरण की विवेचना के दौरान मुखबीर से सूचना प्राप्त हुई कि फरार आरोपी सूरजन राम सिमडेगा (झारखंड) क्षेत्र के ग्राम परसा में रहता है, इस सूचना पर तत्काल थाना दुलदुला से पुलिस टीम ने मौके पर जाकर दबिश देकर आरोपी को अभिरक्षा में थाना लाया। पूछताछ में आरोपी ने पुराने घर एवं जमीन का बात को लेकर हमेशा अपने बड़े भाई से विवाद होता था, तो वह गुस्से में आकर अपने बड़े भाई की हत्या करना बताया। आरोपी के कब्जे से घटना में प्रयुक्त टांगी को जप्त किया गया है। आरोपी सूरजन राम उम्र 45 साल निवासी डोभ थाना दुलदुला के विरूद्ध अपराध सबूत पाये जाने पर उसे दिनांक 24 नवंबर 2022 को गिरफ्तार कर न्यायिक अभिरक्षा में भेजा गया है। प्रकरण की विवेचना कार्यवाही एवं आरोपी की गिरफ्तारी में निरीक्षक रामसाय पैंकरा, हायक निरीक्षक हीरालाल बाघव, प्रधान आरक्षक 241 निर्मल बड़ा, आरक्षक 506 आनंद खलखो, आरक्षक 476 रिमझियुस खलखो, आरक्षक 674 शैलेन्द्र सिंह का सराहनीय योगदान रहा।