जशपुर: जिला स्तरीय युवा उत्सव का आयोजन 01 दिसंबर को रणजीता स्टेडियम में, उत्सव में प्रतिभागी विभिन्न विधाओं में अपनी कला का करेंगे प्रदर्शन
November 28, 2022लोक नृत्य, लोकगीत, सितार वाद्यन, वासुरी वाद्यन, तबला अन्य कला में भी युवा ले सकते हैं भाग
समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, जशपुर
जशपुरनगर : छत्तीसगढ़ शासन के निर्देशानुसार प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी राज्य के युवाओं को सांस्कृतिक गतिविधियों से जोड़ने एवं उनकी प्रतिभा को निखारने के उद्देश्य से युवा उत्सव 2022-23 का आयोजन किया जा रहा है, प्रथम चरण में युवा उत्सव का आयोजन सभी विकासखण्डों में संपन्न होने के पश्चात् द्वितीय चरण में जिला स्तरीय युवा उत्सव का आयोजन 01 दिसम्बर 2022 को रणजीता स्टेडियम में किया जाएगा। जिला स्तरीय युवा उत्सव के आयोजन में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले प्रतिभागियों को संभाग स्तरीय युवा उत्सव में अपनी कला का प्रदर्शन करने का मौका मिलेगा।
खेल एवं युवा कल्याण विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार युवा उत्सव का आयोजन दो आयु वर्ग 15 से 40 वर्ष एवं 40 वर्ष से अधिक आयु वर्ग में किया जाएगा। साथ ही जिला स्तरीय युवा उत्सव के सफल आयोजन हेतु कुल 46 निर्णायकों की ड्यूटी लगायी गयी है। युवा उत्सव में 18 विधाओं में प्रतियोगिता आयोजित होंगी। जिसके अंतर्गत लोकनृत्य, लोकगीत, एकांकी नाटक (हिन्दी, अंग्रेजी भाषा, छत्तीसगढ़ी) शास्त्रीय गायन (हिन्दुस्तानी शैली), शास्त्रीय गायन (कर्नाटक शैली), सितार वादन, बांसुरी वादन, तबला वादन, वीणा वादन, मृदंगम वादन, हारमोनियम वादन (सुगम), गिटार वादन (भारतीय एवं पाश्चत्य संगीत), मणीपुरी (शास्त्रीय नृत्य), ओडिसी (शास्त्रीय नृत्य), भरतनाट्यम (शास्त्रीय नृत्य), कत्थक (शास्त्रीय नृत्य), कुचीपुड़ी(शास्त्रीय नृत्य), वक्तृत्व कला (तात्कालिक भाषण) आदि शामिल है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार जिला स्तरीय युवा उत्सव में अन्य गतिविधियां भी सम्मिलित होंगी जिनमें सुआ नृत्य, पंथी नृत्य, करमा नाचा, सरहुल नाचा, बस्तरिहा लोकनृत्य, राउत नाचा, फुगड़ी, भौंरा, गेड़ी दौड़, रॉक बैण्ड (सीधे राज्य पर सम्मिलित किया जायेगा), पारंपरिक वेशभूषा (विविध वेशभूषा) प्रतियोगिता आयोजित होगी। साथ ही छत्तीसगढ़ी व्यंजनों के आधार पर प्रतियोगिता, चित्रकला प्रतियोगिता, छत्तीसगढ़ के लोक संस्कृति के चित्रण के आधार पर, कबड्डी, खो-खो, कुश्ती, मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के द्वारा की गई घोषणानुसार राज्य के लोक साहित्य को भी शामिल किया गया है, जिसमें जिला स्तर पर स्थानीय लोक कला पेंटिंग, हैण्डीकाफ्ट, भित्तीचित्र एवं अन्य शामिल है। लोक भाषा साहित्य के तहत गोंडी, हल्बी, कुडूक आदि एवं अन्य सभी लोक भाषा के भी लोक कलाकार जो छत्तीसगढ़ की संस्कृति का प्रतिनिधित्व करते हों, वे सभी जिला स्तरीय प्रतियोगिता में अपनी प्रस्तुति दे सकते है। इसी प्रकार बौद्धिक श्रेणी में वाद-विवाद, तात्कालिक भाषण एवं समसमायिक विषयक पर आधारित, क्विज, निबंध आदि प्रतियोगिताएं भी आयोजित होंगी।