बच्चों और किशोरों में मानसिक समस्याओं और उपचार संबंधी दी गई जानकारी !

Advertisements
Advertisements

मानसिक समस्या होने पर हेल्प लाइन नंबर 18005990019 तथा 104 पर करें संपर्क

समदर्शी न्यूज ब्यूरो,

अंबिकापुर :  जनमानस को शारीरिक स्वास्थ्य समस्याओं के समान ही मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं के लिए जागरूक करने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा लगातार प्रयास किया जा रहा है। विविध कार्यक्रम आयोजित कर लोगों में मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं के प्रति जागरूकता लाने का कार्य किया जा रहा है। इसी क्रम में बच्चों एवं किशोरों में होने वाली मनोवैज्ञानिक समस्याओं पर 6 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम (25 नवंबर से 30 नवंबर तक) डाइट अंबिकापुर में संपन्न हुआl डीएमएचपी (जिला मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम) की  टीम द्वारा प्रशिक्षण कार्यक्रम में 40 के करीब शिक्षक एवं शिक्षिकाओं को बच्चों और किशोरों में 4 तरह की दिव्यांगता (मानसिक समस्याओं से संबंधित बीमारी) के बारे में प्रशिक्षित किया गया।

इस दौरान मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जनजागरूकता संबंधित सामग्री भी वितरित की गई। जिसमें मानसिक समस्याओं की पहचान कैसे करें ? मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं क्या हैं ? इस बारे में जानकारी दी गई थी। इस अवसर पर क्लीनिकल साइकोलोजिस्ट डॉ. सुमन कुमार ने बच्चों और किशोरों में होने वाली मनोवैज्ञानिक समस्याएं जैसे – बौद्धिक विकलांगता, स्वलीनता, शिक्षण विकलांगता, नोमोफोबिआ, व्यावहारिक समस्याओं पर भी विस्तारपूर्वक जानकारी दी। इस अवसर पर डॉ. कुमार ने इन रोगों की पहचान करने,  स्क्रीनिंग करने, मनोवैज्ञानिक टूल्स लगाए जाने, कारण एवं प्रबंधन करने के संबंध में बताया, साथ ही क्लीनिकल साइकोलोजिस्ट ने मानसिक रोग के जाँच एवं इलाज सुविधा जो की नवापारा शहरी स्वास्थ्य केंद्र एवं जिला चिकित्सालय (डी. इ. आई. सी.) में नि:शुल्क उपलब्ध है, के बारे में  विस्तारपूर्वक जानकारी देकर अध्यापकों को प्रशिक्षित किया। इस अवसर पर डॉ. सुमन ने बताया – “शारीरिक स्वास्थ्य के समान ही मानसिक स्वास्थ्य के प्रति भी लोगों में जागरूकता की जरूरत है। व्यक्ति को किसी तरह की मानसिक दिक्कत होती है तो उसे नजर अंदाज करने की बजाए उन्हें उसके उपचार के बारे में सोचना चाहिए। उन्होंने अध्यापकों को आटिज्म एवं लर्निंग डिसेबिलिटी वाले बच्चों और किशोरों की पहचान कर उन बच्चों के माता-पिता को उन बच्चों की मानसिक अस्वस्थता के बारे में बताकर जल्द से जल्द उसका उपचार शुरू कराने की अपील की, ताकि जल्द ऐसे बच्चों का उपचार और मनोवैज्ञानिक थैरेपी शुरू होने से उन बच्चों की मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं पर काफी हद तक काबू पाया जा सके।“

वहीं कम्युनिटी नर्स मनोज कुमार द्वारा निशुल्क आटिज्म (स्वलीनता) एवं बौद्धिक विकलांगता (इंटेलेक्चुअल डिसेबिलिटी) का दिव्यांगता प्रमाण-पत्र भी क्लीनिकल साइकोलोजिस्ट एवं मेडिकल बोर्ड द्वारा बनाया जाता है,  के बारे में भी शिक्षकों एवं शिक्षिकाओं को बताया गयाl  साथ ही सभी को मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं के उपचार के लिए स्थापित स्पर्श क्लिनिक एवं वहां उपलब्ध इलाज की सुविधा के बारे में बताया गया। साथ ही मानसिक समस्या होने पर हेल्प लाइन नंबर 18005990019 तथा 104 नंबर पर संपर्क करने की जानकारी भी प्रदान की गई।

कम्युनिटी नर्स मनोज कुमार ने कहा – “मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं का उपचार एवं परामर्श सभी स्वास्थ्य केन्द्रों में निःशुल्क दिया जाता है। इसलिए मानसिक स्वास्थ्य समस्या होने पर घबराएं नहीं बल्कि नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र या मनोचिकित्सक से संपर्क कर इसका उपचार कराएं।“  इस दौरान सभी अध्यापकों  एवं अध्यापिकाओं को तनाव प्रबंधन अवसाद एवं तनाव के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी देकर इनका परीक्षण करने की जानकारी दी गई। कार्यक्रम के अंत में मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं की पहचान, लक्षण और उपचार संबंधी जानकारी देकर इससे संबंधित सामग्री उपस्थित लोगों को बांटे गए। उपरोक्त कार्यक्रम मुख्य रूप से सीएमएचओ डॉ. पी. एस. सिसोदिया के आदेशानुसार एवं जिला नोडल अधिकारी मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम डॉ. युगल किशोर किंडो, जिला कार्यक्रम प्रबंधक डॉ पुष्पेंद्र राम के मार्गदर्शन में किया गया। कार्यक्रम में डॉ. रितेश सिंह, एनसीडी एवं मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम में पदस्थ अधिकारियों का विशेष सहयोग रहा।

इनका रहा विशेष सहयोग- प्रशिक्षण कार्यक्रम को सफल बनाने में विकासखंड श्रोत समन्वयक संजू भर्ती, अध्यापिका संध्या तिवारी, अवंतिका गजोरिया, शिक्षक राकेश श्रीवास, निरंजन विश्वास, वीरेश वैरागी एवं अन्य स्टाफ ने सहयोग दिया।

Advertisements
Advertisements
error: Content is protected !!