भा.प्र.सं रायपुर द्वारा डिजिटल इकोनॉमी (आईसीडीइ) 2022 पर पांचवे अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का किया गया आयोजन
December 4, 2022समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, रायपुर
भा.प्र.सं रायपुर द्वारा, एआईएस इंडिया चेप्टर के साथ मिलकर, 2 और 3 दिसंबर, 2022 को डिजिटल इकॉनमी पर अपने पांचवे अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन – आईसीडीइ 2022 का आयोजन किया गया। सम्मेलन में ‘एक अनुकूल डिजिटल इकोनॉमी का निर्माण: नए युग की डिजिटल तकनीकों को बढ़ावा देना’ विषय पर ज्ञानपूर्ण व्याख्यान और पैनल चर्चा की गई जिसमें प्रा. अमानी एलबन्ना, रॉयल होलोवे यूनिवर्सिटी ऑफ लंडन, श्री संजुल भाकरी, वीपी (कोर प्रोग्राम्स), मेधा, भा.प्र.सं कलकत्ता, श्री मनदीप अत्री, डीएक्ससी टेक्नोलॉजी, श्री एएम परियल, क्रॉपवे, छत्तीसगढ़, श्री रूपेश शर्मा, टेकमेंट टेक्नोलॉजी, छत्तीसगढ़ और प्रा. जंग बहादुर सिंह, भा.प्र.सं तिरुचिरापल्ली के साथ-साथ प्रा. राम कुमार काकानी, निदेशक, भा.प्र.सं रायपुर, प्रा. सुमीत गुप्ता, अध्यक्ष – एक्सटर्नल और ईआरपी, भा.प्र.सं रायपुर, और प्रा. प्रिया सीतारमन, अध्यक्ष, आईएनएआईएस, इस आयोजन की संचालक, इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे।
पहले दिन की शुरुआत प्रा. सौर्य जॉय डे, सम्मलेन के सह-अध्यक्ष (आईसीडीई) ने आईसीडीई का परिचय देते हुए की और प्रा. प्रिया सीतारमन ने सभी का स्वागत करते हुए और एसोसिएशन ऑफ इंफॉर्मेशन सिस्टम्स – इंडिया चैप्टर (आईएनएआईएस) के बारे में बताते हुए कार्यक्रम की शुरुआत की। बाद में उन्होंने, आगे के प्रक्रिया के निर्धारण में विचारों की अभिव्यक्ति को बढ़ावा देकर शोध पत्रों में पियर-नेटवर्क और लोगो के महत्व पर ज़ोर डाला। उनके व्याख्यान के बाद प्रा. रामकुमार काकानी ने एक बेहतरीन स्वागत भाषण दिया।
प्रा. अमानी एलबन्ना ने कार्यक्रम की शुरुआत में व्याख्यान देते हुए डिजिटल फेनोमेनन के अनुभवों पर अपना ज्ञान साझा किया, साथ ही उन्होंने बताया की कैसे डिजिटल फेनोमेनन, वेस्टर्न थेओराइज़ेशन से अलग हो सकता है और साथ ही वेस्टर्न प्रेकारिटी, डिजिटल लिमिनैलिटी, एआई चैटबॉट्स और कई अन्य के साथ प्रतिस्पर्धा कर सकता है। श्री संजुल भाकरी ने प्रौद्योगिकी के उपयोग और प्रौद्योगिकी के माध्यम से हल की जा सकने वाली समस्याओं पर दूसरा मुख्य व्याख्यान दिया।
सत्र के दूसरे भाग में प्रा. प्रिया सीतारमन द्वारा संचालित ‘डिजिटल युग में प्रौद्योगिकी उद्यमिता को बढ़ावा देना’ विषय पर एक पैनल चर्चा की गई। श्री एएम परियाल ने ग्राहकों, प्रौद्योगिकियों, प्रतिस्पर्धियों, गो-टू मार्किट और विनियमों के साथ-साथ उद्यमशीलता के विचार के विकास और उपयोगिता की जांच के संबंध में भविष्य के बारे में बात की। श्री रुपेश शर्मा ने डिजिटल प्रौद्योगिकी की मदद से स्टार्ट-अप के विकास के बारे में बात की। अपने सफर से जो वो सीखें, उसमे नयापन और अनुकूलन क्षमता थी। श्री मनदीप अत्री ने व्यवसाय ‘सही प्रश्न पूछना’ की आवश्यकता पर ज़ोर डाला और उन सवालों को हल करने के तरीकों के बारे में बताया। पहले दिन का समापन पेपर प्रेजेंटेशन इवेंट के बाद कॉन्फ्रेंस डिनर के साथ हुआ।
दिन 2 की शुरुआत सिंगापुर के राष्ट्रीय विश्वविद्यालय के प्राध्यापक मार्क गोह द्वारा “स्वास्थ्य सेवा में डिजिटलीकरण” पर मुख्य व्याख्यान के साथ हुई। इसके बाद प्राध्यापक अमित प्रकाश, भा.प्रौ.सं बैंगलोर द्वारा संचालित “सूचना प्रणाली क्षेत्र से भारतीय आईटी पारिस्थितिकी तंत्र और इसकी अपेक्षाओं को बदलना” पर पैनल चर्चा हुई। श्री बिल थीस, एवरवेल के सह-संस्थापक और तकनीकी सलाहकार ने बताया कि कैसे एवरवेल, प्रौद्योगिकी के माध्यम से स्वास्थ्य देखभाल कार्यक्रमों में योगदान दे रहा है। उन्होंने बताया की भारत काम करने के लिए सबसे अच्छी जगह है, जहां काम करने के लिए सर्वोत्तम प्रयोगशालाओं के साथ-साथ प्रौद्योगिकी और लोगों दोनों का मेल है।
सीजीनेट स्वरा के संस्थापक श्री शुभ्रांशु चौधरी ने विस्तारपूर्वक बताया कि कैसे बिल द्वारा बनाए गए मंच ने लोगों को उनकी समस्याओं को बताने में और कैसे जर्नलिज्म के डिजाइन में एक सामान्य बदलाव ने उन्हें हल करने में मदद की है। श्री वी. नमसिवयम, केरल राज्य योजना बोर्ड, वर्चुअल रूप से चर्चा में शामिल हुए, उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि नागरिकों तक इसे पहुंचने के लिए टेक्नोलॉजी एक्सेस पॉइंट्स का ध्यान रखा जाना चाहिए। सत्र का समापन ज्ञानपूर्ण प्रश्न और उत्तर सत्र के साथ हुआ। पैनल चर्चा के बाद, भा.प्र.सं त्रिची के सह-प्राध्यापक, प्रा. जंग बहादुर सिंह द्वारा गुणात्मक तरीकों पर वर्कशॉप का आयोजन किया गया।
दोपहर के भोजन के बाद, पेपर प्रेजेंटेशन कार्यक्रम आयोजित किए गए और इस दो दिवसीय सम्मेलन को, दुनिया भर के विभिन्न प्रतिष्ठित लोगो ने अपना ज्ञान साझा करने के साथ समाप्त किया। भा.प्र.सं रायपुर ने सम्मेलन के सह-अध्यक्ष – प्रा. सुमीत गुप्ता, प्रा. मनोजित चट्टोपाध्याय, प्रा. सौर्या जोई डे, प्रा. प्रिया सीतारमन, अतिथियों और प्रतिभागियों को इसे इतना शानदार आयोजन करने के लिए आभार व्यक्त किया।