जशपुर कलेक्टर ने पुरातत्व संग्रहालय का किया निरीक्षण, बाहर से आने वाले पर्यटकों को पुरातत्व संग्रहालय का अवलोकन जरूर करावाएं

जशपुर कलेक्टर ने पुरातत्व संग्रहालय का किया निरीक्षण, बाहर से आने वाले पर्यटकों को पुरातत्व संग्रहालय का अवलोकन जरूर करावाएं

December 7, 2022 Off By Samdarshi News

पुरातत्व और ऐतिहासिक चीजों को संरक्षित करके रखा गया है संग्रहालय में

समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, जशपुर

जशपुरनगर: कलेक्टर डॉ. रवि मित्तल ने आज जिला पुरातत्व संग्रहालय का निरीक्षण किया और संग्रहालय में रखे गये पुरातत्व चीजों की ली जानकारी। उन्होंने संग्राहलय को देखकर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि जिले में बहुत ही सुन्दर संग्रहालय बनाया गया है। इसका उपयोग होना जरूरी है। बाहर से आने वाले लोगों को इसकी जानकारी जरूर दे, ताकि वे आकर संग्रहालय का अवलोकन कर सकें और जशपुर जिले के पुरातत्व की जानकारी प्राप्त कर सके।

उल्लेखनीय है कि जिला प्रशासन के द्वारा जिले में अपने आप में अनूठा और आकर्षक पुरातत्व संग्रहालय जिला खनिज न्यास निधि संस्थान से 25 लाख 85 हजार की लागत से बनाया गया है। संग्रहालय का लाभ जशपुर जिले के आस-पास के विद्यार्थियों को मिल रहा है। पुरातात्विक ऐतिहासिक चीजों को बचाने एवं संरक्षित रखने हेतु अत्यंत लाभकारी सिद्ध हो रही है। संग्राहलय में 13 जनजाति बिरहोर, पहाड़ी कोरवा, असूर जनजाति, उरांव, नगेशिया, कवंर, गोंड, खैरवार, मुण्डा, खड़िया, भूईहर, अघरिया आदि जनजातियों की पुरानी चीजों को संग्रहित करके रखा गया है। संग्राहलय में तीन कमरा, एक गैलरी को मूर्त रूप दिया गया है।

संग्राहलय में लघु पाषाण उपकरण, नवपाषाण उपकरण, एतेहासिक उपकरणों को रखा गया है। साथ ही भारतीय सिक्के 1835 से 1940 के सिक्कों को संग्रहित करके रखा गया है। संग्रहालय में मृदभांड, कोरवा जनजाति के डेकी, आभूषण, तीर-धनुष, चेरी, तवा, डोटी, हरका, प्रागैतिहासिक काल के पुरातत्व अवशेष के शैलचित्र को भी रखा गया है। साथ ही जशपुर में पाए गए शैल चित्र के फोटोग्राफ्स को भी रखा गया है। अनुसूचित जनजाति के सिंगार के सामान चंदवा, माला, ठोसामाला, करंजफूल, हसली, बहुटा, पैरी, बेराहाथ आदि को भी संरक्षित किया गया है। संग्राहलय में चिम्टा, झटिया, चुना रखने के लिए गझुआ, खड़रू, धान रखने के लिए, नमक रखने के लिए बटला, और खटंनशी नगेड़ा, प्राचीन उपकरणों ब्लेड, स्क्रेपर, पाईट, सेल्ट, रिंगस्टोन रखा गया है।

संग्राहलय को सुंदर आकर्षक रूप देने में पुरातत्वविद् अंशुमाला तिर्की, बालेश्वर कुमार बेसरा, अक्षय घुमे ने संग्राहलय को अनुठा और आकर्षक बनाने में विशेष सहयोग प्रदान किया गया है। संग्रहालय की सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि जशपुर की ऐतिहासिक काल की चीजों को संग्रहित करने का कार्य किया गया है। जशपुर संग्रहालय इन क्षेत्रों में खरा उतर रहा है।