जशपुर जिले के 24 जनजातीय बच्चे सीखेंगे स्क्रीन एक्टिंग, जनजातीय बच्चों को अभिनय के क्षेत्र में आगे बढ़ाने हेतु जिला प्रशासन द्वारा की जा रही सार्थक प्रयास: विधायक की ने लाईवलीहुड कॉलेज में 10 दिवसीय बेसिक कोर्स इन स्क्रीन एक्टिंग प्रशिक्षण का शुभारंभ
December 12, 2022ज्ञानी व्यक्ति के पास कुछ देर बैठकर ज्ञान प्राप्त किया जा सकता है- विनय भगत
प्रशिक्षण उपरांत प्रतिभागी बच्चे अभिनय के क्षेत्र में आगे बढ़ने का करें सतत प्रयास- कलेक्टर
समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, जशपुर
जशपुरनगर : जिला प्रशासन की पहल पर जनजातीय बच्चों को अभिनय के क्षेत्र में आगे बढ़ाने के लिए बेसिक कोर्स इन स्क्रीन एक्टिंग का प्रशिक्षण आयोजित कराया जा रहा है। विधायक जशपुर श्री विनय भगत की उपस्थिति में आज लाईवलीहुड कॉलेज में 10 दिवसीय बेसिक कोर्स इन स्क्रीन एक्टिंग प्रशिक्षण के उद्घाटन समारोह आयोजित हुआ। इस अवसर पर कलेक्टर डॉ. रवि मित्तल, एफ.टी.आई.आई. पुणे से आये एक्टर, एक्टिंग कोच तथा फिल्म निर्देशक संजय मोरे, सीईओ जिला पंचायत श्री जितेंद्र यादव, लाईवलीहुड महाविद्यालय के प्राचार्य श्री अमरनाथ धमगया, सूरज चौरसिया अन्य जनप्रतिनिधि, अधिकारी कर्मचारी सहित सभी प्रतिभागी उपस्थित थे।
कार्यक्रम में प्रशिक्षक के रूप में उपस्थित भारतीय फिल्म एवं टेलीविजन संस्थान पुणे के पूर्व सहायक प्राध्यापक डायरेक्टर, एक्टर श्री संजय मोरे ने प्रशिक्षण की गतिविधियों का विस्तृत जानकारी उपस्थित लोगों को दी। जिले के 24 जनजातीय बच्चों को स्क्रीन एक्टिंग का प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
समारोह को संबोधित करते हुए विधायक जशपुर श्री भगत ने जिला प्रशासन की यह पहल सराहनीय है। उन्होंने कहा कि जिले के ग्रामीण क्षेत्र में काफी प्रतिभाएं हैं। पर उन्हें अपनी प्रतिभा को निखारने के लिए उचित मंच नहीं मिल पाता है। उन्होंने कहा कि प्रकृति की गोद में बसे जशपुर को सजाने संवारने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि किसी भी ज्ञानी व्यक्ति के पास कुछ देर बैठ कर ज्ञान प्राप्त किया जा सकता है। जिले के लोगों के लिए बेसिक कोर्स इन स्क्रीन एक्टिंग का प्रशिक्षण आयोजित कराया जाना निश्चित ही लाभकारी साबित होगा। श्री भगत ने कहा कि लोगों को अपनी सोंच बदलने की आवश्यकता है, कि वे भी इस कार्य को कर सकते हैं। बच्चों में किसी भी कार्य को करने का जज्बा होना चाहिए, जिले के बच्चों में प्रतिभा की कमी नहीं है, सिर्फ उन्हें तरासने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि एफ.टी.आई.आई. पुणे से आये एक्टर, एक्टिंग कोच तथा फिल्म निर्देशक संजय मोरे एक शिल्पकार के रूप में आये हैं। इनके ज्ञान एवं प्रतिभा का बच्चे पूरा लाभ लें। साथ ही इस अवसर को अपने कैरियर के रूप में बदलें।
कलेक्टर डॉ. मित्तल ने अपने संबोधन में कहा कि प्रशिक्षण में सम्मिलित प्रतिभागी अपनी सोंच को इस प्रशिक्षण तक सीमित न रखें। प्रशिक्षण उपरांत इस क्षेत्र में आगे बढ़ने का सतत प्रयास करें। जिला प्रशासन हर संभव मदद उपलब्ध कराने के लिए तत्पर हैं। उन्होंने कहा कि बच्चों को यह सोचना चाहिए कि वे इस प्रशिक्षण के बाद फिल्म एक्टिंग के किसी संस्थान में प्रवेश लेकर इस क्षेत्र में अपना स्थान बनाएंगे। डॉ मित्तल ने कहा कि किसी भी चीज को हासिल करने में हमें संघर्ष करना पड़ता है, पर इस संघर्ष का महत्व होता है, जो हमें सफलता दिलाता है। यह संघर्ष हमारे जीवन की दशा एवं दिशा को बदलता है।
सीईओ जिला पंचायत श्री यादव ने कहा कि हम किसी भी चीज का प्रतिदिन अभ्यास करते हैं तो हम उस कार्य को अच्छी तरह सीख सकते हैं। किसी भी प्रशिक्षण के पहले दिन चुनौती महसूस होती है, पर अंतिम दिन वह बिल्कुल सहज लगने लगता है। कार्यक्रम में उपस्थित सभी अतिथियों ने बच्चों का मार्गदर्शन करते हुए उन्हें प्रशिक्षण का बेहतर लाभ लेने हेतु प्रोत्साहित किया।