जशपुर: जन सूचना अधिकारी एवं प्रथम अपीलीय अधिकारियों की एक दिवसीय कार्यशाला संपन्न, प्रश्नोत्तरी के माध्यम से अधिकारियों की जिज्ञासाओं का हुआ समाधान
December 16, 2022समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, जशपुर
जशपुरनगर : सूचना के अधिकार अधिनियम 2005 के अंतर्गत जन सूचना अधिकारियों एवं प्रथम अपीलीय अधिकारियों की एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन आज जिला पंचायत के सभागार में किया गया। इस अवसर पर पूर्व राज्य सूचना आयुक्त श्री अशोक अग्रवाल, राज्य सूचना आयुक्त श्री मनोज कुमार त्रिवेदी एवं श्री धनवेन्द्र जायसवाल, कलेक्टर डॉ रवि मित्तल, अपर कलेक्टर श्री आई.एल. ठाकुर सहित जिले के सभी जनसूचना अधिकारी एवं प्रथम अपीलीय अधिकारीगण उपस्थित थे।
कार्यशाला में राज्य सूचना आयुक्तों ने सूचना के अधिकार अधिनियम के उद्देश्यों तथा अधिनियम के बारिकियों के साथ-साथ जन सूचना अधिकारियों एवं प्रथम अपीलीय अधिकारियों के कार्यों एवं दायित्वों के संबंध में विस्तार पूर्वक जानकारियां दी।
पूर्व राज्य सूचना आयुक्त श्री अग्रवाल एवं आयुक्तगणो द्वारा सूचना के अधिकार अधिनियम के उद्देश्यों के संबंध में विस्तृत जानकारी दी गई। उन्होंने कहा कि लोकतांत्रिक शासन में सरकार और सरकारी मशीनरी जनता के प्रति जवाबदेह हो तथा सरकारी मशीनरी के क्रियान्वयन में पारदर्शिता हो सके तथा जिम्मेदारी सूनिश्चित करने के लिए सूचना का अधिनियम लागू की गई है। इस अधिनियम के माध्यम से ऐसी व्यवस्था सुनिश्चित की गई है जिसके अंतर्गत कोई भी नागरिक लोक प्राधिकारी के कार्यकलापो के संबंध में सूचना प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने लोक प्राधिकारी की परिभाषा देते हुए बताया कि इसमें न केवल प्रशासनिक तंत्र के संबंध में कोई भी नागरिक जानकारी प्राप्त कर सकता है। उन्होंने बताया कि इस अधिनियम में यह व्यवस्था भी की गई है की लोक सूचना अधिकारी द्वारा आवेदक को समय-सीमा पर जानकारी उपलब्ध नहीं कराई जाती है तो ऐसे अधिकारियों को राज्य सरकार द्वारा गठित सूचना अयोग द्वारा दंडित भी किया जा सकता हैं। इस अवसर पर विभिन्न विभागों के अधिकारियों से सूचना का अधिकार अधिनियम के अंतर्गत प्राप्त आवेदनों के निराकरण हेतु किए गए कार्यवाही के संबंध में भी जानकारी भी ली गई।
श्री अग्रवाल ने जन सूचना अधिकारियों एवं प्रथम अपीलीय अधिकारियों को इस अधिनियम के क्रियान्वयन के संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि आवेदक के द्वारा जानकारी मांगे जाने पर न्यायालयीन प्रकरणों की भी जानकारी देना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि इसके अंतर्गत उस दस्तावेज में शामिल ऐसी जानकारियां जो देना आवश्यक नहीं है उसे विलोपित किया जा सकता है। पूर्व सूचना आयुक्त श्री अग्रवाल ने कहा कि आवेदक को आवेदन पत्र में उल्लेखित तिथि तक की ही जानकारी उपलब्ध कराई जाए। उन्होंने निर्धारित समय अवधि तक जानकारी प्रदान नहीं करने पर संबधित अधिकारी के विरूद्ध वसूली की कार्रवाई किये जाने की भी जानकारी दी। श्री अग्रवाल ने प्रथम अपीलीय अधिकारियों को प्राप्त आवेदनों का निराकरण करते समय अपना नाम और पद का उल्लेख अनिवार्य रूप से करने के निर्देश भी दिए। इस अवसर पर सूचना आयुक्तगण श्री मनोज त्रिवेदी एवं श्री धनवेन्द्र जायसवाल ने भी जन सूचना अधिकारियों एवं प्रथम अपीलीय अधिकारियों को उनके कार्यों एवं दायित्वों के संबंधों में महत्वपूर्ण जानकारियां प्रदान की।
श्री त्रिवेदी ने बताया कि सूचना का अधिकार अधिनियम में जनसूचना अधिकारी की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण होती है। जनसूचना अधिकारी और अपीलीय अधिकारियों को सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 की धाराओं का अच्छी तरह अध्ययन करना चाहिए। जन सूचना अधिकारियों को अधिनियम के तहत प्राप्त आवेदनों का समय पर आवेदक को जानकारी देना चाहिए। आवेदन प्राप्त होने पर 30 दिवस के भीतर जानकारी देने का प्रावधान है। आवेदक द्वारा यदि विस्तृत जानकारी मांगी गई है, तो उन्हें अधिनियम के प्रावधानों के तहत संबंधित दस्तावेज के अवलोकन के लिए कार्यालय में बुलाया जा सकता है। कार्यशाला में श्री जायसवाल ने अधिनियमों के उद्देश्यों पर विस्तृत प्रकाश डाला। साथ ही अधिनियम की विभिन्न धाराओं के बारे में बताते हुए कार्य के दौरान आने वाले व्यवहारिक समस्याओं एवं उनके निराकरण हेतु अपने अनुभवों को साझा किया।
कलेक्टर डॉ मित्तल ने कार्यशाला के बारे में व्यवहारिक जानकारी देते हुए कहा कि इस अधिनियम का उद्देश्य शासन-प्रशासन के कार्याे में पारदर्शिता के साथ जिम्मेदारी तय करना है। निश्चित रूप से इस अधिकार से आम जनता के प्रति जवाबदेही बढे़गी। उन्होंने उपस्थित सभी जनसूचना एवं अपीलीय अधिकारियों को कार्यशाला का लाभ उठाने एवं प्रश्नोत्तरी के माध्यम से अपनी जिज्ञासाओं का समाधान करने के लिए प्रेरित किया। डॉ मित्तल ने सभी सूचना आयुक्तगणो का कार्यशाला में अपनी बहुमूल्य उपस्थिति प्रदान करने के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया।