कांग्रेस सरकार के गौरव दिवस को लेकर पूर्व मंत्री व विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने प्रदेश सरकार पर बोला हमला, भूपेश सरकार  ने अपराधियों व माफियाओं को संरक्षण दे-देकर यहां की कानून व्यवस्था को खत्म कर दिया – बृजमोहन अग्रवाल

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नाबालिग अपराध मामलों में छत्तीसगढ़ को पहला स्थान मिला है, क्या ये भूपेश बघेल के लिए गौरव की बात है ?

पूरे प्रदेश के लिए पिछले चार साल बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है, सीएम भूपेश ने प्रदेश को बर्बाद करने का काम किया है

समदर्शी न्यूज ब्यूरो, रायपुर

रायपुर : छत्तीसगढ़ सरकार के 4 साल पूरे होने पर गौरव दिवस को लेकर पूर्व मंत्री व विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने प्रदेश सरकार पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि पूरा प्रदेश आज भय और भ्रष्टाचार के साये में जीने को मजबूर हो गया है। छत्तीसगढ़ की जनता हताश और निराश हो चुकी है और यह सरकार छत्तीसगढ़ को लूटकर अपनी खुशहाली के 4 साल मना रही है।

बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि भूपेश सरकार अपराधियों व माफियाओं को संरक्षण दे-देकर यहां की कानून व्यवस्था को खत्म कर दिया है। कानून के पैरों की धमक अब अपराधियों में नाम मात्र की भी नहीं बची है। उन्होंने कहा कि इससे शर्मनाक और क्या हो सकता है कि नाबालिग अपराध मामलों में छत्तीसगढ़ को पहला स्थान मिला है। क्या ये भूपेश बघेल जी के लिए गौरव की बात है ?

बृजमोहन अग्रवाल ने ये भी कहा कि जिस उम्र में बच्चों के हाथों में किताबें होनी चाहिए, वो हत्या, चाकूबाजी, दुष्कर्म, चोरी की वारदातों को अंजाम दे रहे हैं। साल 2019 से 2021 तक नाबालिग 5 हजार 761 वारदातों को अंजाम दे चुके हैं। पिछले साल ही 43 मर्डर, 49 मर्डर की कोशिश, 748 मारपीट, 106 दुष्कर्म सहित 1054 क्राइम में नाबालिग सम्मिलित रहे। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी की और कांग्रेस सरकार की नाकामी का ये परिणाम है। इस सरकार ने प्रदेश के भविष्य को अपराधी बनाने का काम किया, छत्तीसगढ़ की जनता इन्हें कभी माफ नहीं करेगी।

बृजमोहन अग्रवाल ने मुख्यमंत्री से सीधा सवाल करते हुए कहा कि  मुख्यमंत्री जी किस बात के लिए गौरव दिवस मना रहे हैं…? वादाखिलाफी और जमकर भ्रष्टाचार के लिए..?  बहन-बेटियों के साथ दुराचार, हत्या के लिए..? या फिर रोजगार की तलाश में ग्रामीणों को पलायन करने पर मजबूर करने के लिए ..? अनियमित कर्मचारियों की मांगे पूरी नहीं करते हुए उन्हें बार बार धरना प्रदर्शन पर मजबूर करने के लिए…? यह दिन पूरे प्रदेश के लिए बेहद दुर्भाग्यपूर्ण दिन है, इसे बेशर्मी दिवस या छत्तीसगढ़ कुशासन दिवस के रूप में मनाया जाना चाहिए।

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