जशपुर: मछली पालन से कमल स्व-सहायता समूह की महिलाएं आर्थिक उन्नति की ओर हो रही अग्रसर

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समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, जशपुर

जशपुरनगर : छत्तीसगढ़ शासन द्वारा संचालित योजनाओं से लाभ उठाकर मछली पालन का कार्य करने वाली समूह की महिलाएं आर्थिक संपन्नता की ओर अग्रसर हो रहे हैं, वे स्वयं तो आत्मनिर्भर हो रहे हैं, साथ ही अन्य लोगों को भी रोजगार उपलब्ध करा रहे हैं। अपने पैरों पर खड़े हाने एवं अपने घर, परिवार की आर्थिक स्थिति को मजबूत बनाने की की सोच रखने वाली ये ग्रामीण महिलाएं अब स्वावलंबन की राह पर बढ़ रही है। उन्होंने मछली पालन को अपने आय का जरिया बनाया। जिसमें न केवल उन्होंने सफलता प्राप्त की है बल्कि अब वे अपने इस काम को नई ऊंचाईयां दे रही है। स्थानीय स्तर पर ग्रामीणों महिलाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध करवाने के छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा जिले के गौठानों में स्थित तालाबों में मत्स्य पालन को बढ़ावा दिया जा रहा है।

विकासखण्ड मनोरा के ग्राम भभरी में कमल स्व सहायता समूह की महिलाओं द्वारा विभागीय योजनाओं से जुड़कर मछली पालन का कार्य किया जा रहा है। समूह की ये महिलाएं जो कि घरेलू कार्यों में संलग्न होने के कारण अन्य आर्थिक गतिविधियों में भाग लेने से कतराती थी, उन्हें मछली पालन विभाग द्वारा आवश्यक मछुआ प्रशिक्षण एवं मार्गदर्शन देकर मछली पालन के लिए प्रेरित किया गया।  जिससे कमल स्व सहायता समूह की 11 महिलाआंे ने इस कार्य में संलग्न होकर भभरी गौठान स्थित तालाब में मछली पालन का काम प्रारंभ किया।  समूह की महिलाओं को विभाग की मत्स्य पालन प्रसार योजना से लाभान्वित करते हुए मत्स्य बीज संवर्धन हेतु 25 लाख स्पान, एक नग चटजाल तथा आईस बॉक्स प्रदाय किया गया है। साथ ही उन्हें समय-समय पर आवश्यक प्रशिक्षण भी प्रदान किया गया। समूह की महिलाएं मत्स्य बीज एवं जाल पाकर काफी उत्साहित हुई तथा मत्स्य पालन के प्रति रूचि लेने लगी। इसका सकारात्मक परिणाम अब देखने को मिल रहा है। अब महिलाएं घरेलू काम काज करने के साथ-साथ मत्स्य पालन का भी कार्य जिम्मेदारी पूर्वक कर रही है। उनके द्वारा तालाब की साफ-सफाई, तालाब में मत्स्य आहर देना के साथ ही नियमित रूप से तालाब की देखरेख किया जा रहा है। महिलाओं के द्वारा अभी तक लगभग पन्द्रह हजार का नकद मत्स्य बीज विक्रय किया गया है एवं आधे बीज को अन्य तालाबों में शिफ्ट कर मत्स्य पालन किया जा रहा हैं। जिससे समूह को आगामी एक दो माह के अंतर्गत लगभग 50 हजार से अधिक का फायदा होगा। समूह की अध्यक्ष श्रीमती पतरसिया खलखो एवं सचिव श्रीमती लिली पुष्पा के साथ-साथ समूह की अन्य महिलाएं अब इस कार्य के लिए उत्साहित नजर आ रही हैं। समूह की महिलाओं ने नियमित रूप से मछली पालन से जोड़कर रोजगार दिलाने एवं  आर्थिक रूप से सशक्त बनाने हेतु जिला प्रशासन एवं छत्तीसगढ़ सरकार को धन्यवाद ज्ञापित किया है।

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