भाजपा नहीं चाहती आरक्षण संशोधन विधेयक पर राज्यपाल हस्ताक्षर करें, आरक्षण विधेयक पर भाजपा को बेनकाब करने कांग्रेस जनता के बीच जायेगी – मोहन मरकाम

भाजपा नहीं चाहती आरक्षण संशोधन विधेयक पर राज्यपाल हस्ताक्षर करें, आरक्षण विधेयक पर भाजपा को बेनकाब करने कांग्रेस जनता के बीच जायेगी – मोहन मरकाम

December 20, 2022 Off By Samdarshi News

भाजपाई कांग्रेस सरकार को श्रेय न मिले इसलिये राजभवन में विधेयक रोके रखने का दबाव बना रहे

समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, रायपुर

आरक्षण संशोधन विधेयक पर कांग्रेस भाजपा को बेनकाब करने जनता के बीच जायेगी। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि भाजपा के दबाव के कारण ही राजभवन में आरक्षण संशोधन विधेयक रुका है। यह विधेयक पूरी तरह से संवैधानिक है। विधानसभा में सर्वसम्मति से पारित है। इस विधेयक में राज्य के सभी वर्गो के हितों का ख्याल रखा गया है। कांग्रेस सरकार को आरक्षण लागू करने का श्रेय न मिले इसलिये भाजपाई आरक्षण संशोधन विधेयक को राजभवन में रोकवाये रखना चाहते है।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि आरक्षण के मामले में भाजपा बेनकाब हो गयी है। भाजपा नहीं चाहती कि राज्य में आरक्षण लागू हो इसीलिये भाजपा के नेता आरक्षण बिल पर हस्ताक्षर नहीं होने देने का षड़यंत्र कर रहे है। भाजपा नेताओं का जो बयान आ रहा है उससे लग रहा भारतीय जनता पार्टी राजभवन की आड़ में राजनीति कर रही है। आरक्षण संशोधन विधेयक में विलंब भाजपा का साफ षडयंत्र लग रहा है। विधानसभा में पारित होने के बाद विधेयक राजभवन हस्ताक्षर होने गया है। वहां क्यों रुका है? किसके कहने पर रुका है? यह सभी जानते है और समझते है। राजभवन राजनीति का अखाड़ा नहीं बनना चाहिये। यदि लोगों के अधिकारों पर राजनीति होगी तो कांग्रेस चुप नहीं रहेगी। जनता को हकीकत बतायेंगे। भाजपा को बेनकाब करेंगे। कांग्रेस भाजपा के आरक्षण विरोधी चरित्र को जनता के सामने बेनकाब करेगी, आंदोलन किया जायेगा। जनता को भाजपा की हकीकत बताया जायेगा।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि यह विधेयक राज्य के सभी वर्गों के हितों को ध्यान में रखकर बनाया गया है। इस विधेयक में सभी वर्ग के लोगों को उनकी आबादी के अनुपात में तथा उनके सामाजिक और आर्थिक हालात के अनुसार भागीदारी सुनिश्चित करने का काम किया गया है। राज्यपाल यदि आरक्षण विधेयक के किसी प्रावधान से असहमत है अथवा उसमें उनको किसी प्रकार की आशंका है तो उन प्रश्नों को विधेयक के साथ राज्य सरकार को वापस भेज देना चाहिए ताकि राज्य सरकार राज्यपाल के प्रश्नों का समाधान करे।