तंबाकू मुक्त जिला बनाने के लिए चयनित 10 ग्राम पंचायतों को दिया गया प्रशिक्षण : कोटपा अधिनियम के प्रावधान एवं राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत लागू की गई नीतियों की सरपंचों और मितानिन ने सीखी बारीकियां

तंबाकू मुक्त जिला बनाने के लिए चयनित 10 ग्राम पंचायतों को दिया गया प्रशिक्षण : कोटपा अधिनियम के प्रावधान एवं राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत लागू की गई नीतियों की सरपंचों और मितानिन ने सीखी बारीकियां

December 26, 2022 Off By Samdarshi News

समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो, मुंगेली

राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम अंतर्गत मुंगेली जिले को तंबाकू मुक्त बनाए जाने का लगातार प्रयास किया जा रहा है। इसी कड़ी में जिला स्तरीय ग्राम पंचायतों का प्रशिक्षण आयोजित किया गया, जिसमें जिले की10 ग्राम पंचायत के सरपंच एवं सचिव तथा मितानिन प्रशिक्षकों को  ग्राम स्तर पर तंबाकू मुक्ति परिवेश बनाए जाने हेतु कोटपा अधिनियम 2003 के प्रावधानों एवं राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम अंतर्गत लागू की गई नीतियां जैसे कि धूम्रपान निषेध क्षेत्र तंबाकू मुक्त शैक्षणिक संस्थान तंबाकू मुक्त कार्यालय जैसे प्रावधानों के बारे में जानकारी दी गई ।

विगत अक्टूबर माह में राज्य में तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के बेहतर क्रियान्वयन हेतु राज्य द्वारा प्रथम बार ग्राम सभा के झंडे में तंबाकू मुक्त ग्राम पंचायत विषय को शामिल किया गया। साथ ही समस्त ग्राम पंचायतों में तंबाकू नियंत्रण किए जाने हेतु कोटपा अधिनियम 2003 के विषय पर चर्चा आयोजित की गई। वहीं जिले में भी इसका क्रियान्वयन सुनिश्चित करने हेतु जिले की चयनित 10 ग्राम पंचायतों को प्रशिक्षित किया गया। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. देवेंद्र पैकरा के निर्देशन में जिला नोडल अधिकारी डॉ. कमलेश खैरवार व जिला कार्यक्रम प्रबंधक गिरीश कुर्रे के मार्गदर्शनन में आयोजित प्रशिक्षण के दौरान मितानिन, ग्राम सरपंच एवं सचिवों को तंबाकू उत्पाद नियंत्रण करने, स्कूलों और सार्वजिन स्थानों पर तंबाकू खरीद-बिक्री निषेध होने, तंबाकू उत्पादों के प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष विज्ञापन के प्रतिबंधित होने के संबंध में विस्तार से बताया गया। इस संबंध में जानकारी देते हुए जिला नोडल अधिकारी डॉ. कमलेश खैरवार ने बताया: “जिले को तंबाकू मुक्त बनाने का लगातार प्रयास किया जा रहा है। इसके लिए शैक्षणिक संस्थानों एवं शासकीय कार्यालयों को तंबाकू मुक्त बनाने पर जोर दिया जा रहा है। इसके साथ-साथ गांवों को भी तंबाकू मुक्त बनाने पर फोकस किया जा रहा है। चयनित और प्रशिक्षण प्राप्त इन ग्राम पंचायतों के द्वारा कोटपा अधिनियम 2003 के प्रावधानों को लागू किया जाएगा । साथ ही  राज्य द्वारा निर्धारित नीतियों जैसे कि तंबाकू मुक्त शैक्षणिक संस्थान, तंबाकू मुक्त शासकीय कार्यालय के प्रावधानों को लागू किया जाएगा और उनकी निगरानी की जाएगी।“

उन्होंने आगे बताया: “तंबाकू का उपयोग एक व्यवहारिक समस्या है जिसे समुदाय की भागीदारी के माध्यम से दूर किया जा सकता है और इनसे होने वाली मृत्यु को भी रोकने का प्रयास किया जा सकता है । इसके लिए समुदाय स्तर पर मितानिन के माध्यम से इस पर जीत हासिल की जा सकती है।  इसी को ध्यान रखते हुए आज के प्रशिक्षण में मितानिन प्रशिक्षकों को ग्रामीण स्तर पर तंबाकू उपयोग का नियंत्रण किए जाने एवं उनके द्वारा किए जाने वाले कार्यों की जानकारी दी गई व लोगों में जन जागरूकता लाए जाने हेतु उपलब्ध अवसरों के बारे में जानकारी दी गई।  साथ ही गांव में अन्य समुदाय स्तर पर कार्य कर रहे विभाग एवं संगठन जैसे कि समाज कल्याण विभाग की तरफ से भारत माता वाहिनी बिहान कार्यक्रम के अंतर्गत स्व सहायता समूह की महिलाओं का सहयोग लेते हुए व्यापक प्रचार-प्रसार करने की जानकारी प्रदान की गई I” इस दौरान ग्राम पंचायत से उपस्थित सरपंच सचिव व मितानिन प्रशिक्षकों को कोटपा अधिनियम से संबंधित धूम्रपान निषेध क्षेत्र के बोर्ड भी प्रदान किए गए|  प्रशिक्षण का संचालन राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम अंतर्गत जिला अस्पताल में संचालित तंबाकू नशा मुक्ति केंद्र के साइकोलॉजिस्ट ओम प्रकाश साहू एवं तकनीकी सहयोगी संस्था द यूनियन के संभागीय सलाहकार के द्वारा  किया गया|

दिए गए सुझाव- प्रशिक्षण के दौरान कुछ सुझाव भी दिए गए । इनमें मुख्य रूप से ग्राम स्तर पर तंबाकू नियंत्रण को प्रभावी बनाने हेतु सरपंच द्वारा सुझाव स्वरूप स्वयं से इसकी शुरुआत करने की बात कही गई। यह बताया गया कि सर्वप्रथम सरपंच अपने घर से तंबाकू उपयोग को बंद करें, तथा उनका यदि व्यापार करते हैं तो कोटपा अधिनियम का अनुपालन सुनिश्चित करते हुए उसका व्यापार सुनिश्चित करें ,जिससे ग्राम स्तर पर एक उदाहरण प्रस्तुत हो सके।  समस्त शासकीय कार्यालयों को सर्वप्रथम तंबाकू मुक्त घोषित किया जाए जिससे जन समुदाय में इसके प्रति गंभीरता जाहिर होगी जैसे सुझाव प्रस्तुत किए गए|

यह है निषेध- डॉ. खैरवार ने बताया: “सिगरेट एवं अन्य तंबाकू उत्पाद अधिनियम 2003 के तहत ग्राम पंचायत के सरपंच एवं सचिव दोनों ही अधिकृत हैं ,जिसके तहत कोटपा अधिनियम की धारा 4 यानि सार्वजनिक स्थान पर धूम्रपान पर प्रतिषेध व धारा 6 यानि 18 वर्ष से कम उम्र के व्यक्ति के द्वारा तंबाकू उत्पाद को बेचना या विक्रय करना तथा शैक्षणिक संस्थान के 100 गज के दायरे पर तंबाकू उत्पाद की बिक्री के उल्लंघन होने पर कार्यवाही की जा सकेगी ।“