बीज निगम के पास रबी फसलों के 1,83,032 क्विंटल बीज उपलब्ध, सहकारी समितियों एवं निजी क्षेत्र में 47302 क्विंटल बीज भण्डारित, किसानों ने किया 7369 क्विंटल बीज का उठाव

Advertisements
Advertisements

किसानों को रबी के लिए 35 हजार 29 मेट्रिक टन खाद का वितरण

समदर्शी न्यूज़ ब्यूरो,

रायपुर, राज्य में रबी फसलों की बुआई का सिलसिला शुरू हो गया है। कृषि विभाग एवं छत्तीसगढ़ राज्य बीज एवं कृषि विकास निगम द्वारा रबी फसलों के बीज का भण्डारण सहकारी समितियों में लगातार किया जा रहा है। अब तक सहकारी समितियों, कृषि विभाग, बीज उत्पादन कार्यक्रम एवं निजी क्षेत्र में रबी की विभिन्न फसलों के 47 हजार 302 क्विंटल बीज उपलब्ध हैं। जिनका वितरण भी किसानों को किया जा रहा है। कृषकों द्वारा अब तक 7369 क्विंटल बीज का उठाव किया गया है।

छत्तीसगढ़ राज्य बीज एवं विकास निगम द्वारा राज्य में किसानों की मांग के अनुसार रबी फसलों के प्रमाणित बीज की उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है। इस साल रबी सीजन में दो लाख 90 हजार क्विंटल रबी बीज की डिमांड है। कृषि विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार रबी सीजन 2021-22 में एक लाख 55 हजार क्विंटल गेहूं, 96 हजार 900 क्विंटल चना, 15 हजार क्विंटल मटर, 4 हजार क्विंटल सरसों तथा 59 हजार 100 क्विंटल अन्य रबी फसलों के बीज इस प्रकार कुल 2 लाख 90 हजार क्विंटल प्रमाणित बीज वितरण का लक्ष्य है। वर्तमान में बीज निगम के पास एक लाख 83 हजार 32 क्विंटल बीज उपलब्ध है, जिसमें गेहूं बीज एक लाख 770 क्विंटल, चना 65020 क्विंटल, मटर 1525 क्विंटल, सरसो 1150 क्विंटल तथा अन्य रबी फसलों के 14 हजार 567 क्विंटल बीज उपलब्ध है, जिनका भण्डारण समितियों में कराया जा रहा है।

कृषि विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार किसानों को अब तक सहकारी समितियों, कृषि विभाग के मिनीकिट एवं अन्य प्रदर्शन, उत्पादन कार्यक्रम तथा निजी क्षेत्र के माध्यम से 2221 क्विंटल गेहूं बीज, 3492 क्विंटल चना बीज, 76 क्विंटल मटर बीज, 1072 क्विंटल सरसो तथा 508 क्विंटल अन्य रबी फसलों के बीज इस प्रकार कुल 7369 क्विंटल बीज का वितरण किया जा चुका है, जो कि भण्डारण का 16 प्रतिशत है।

किसानों को रबी के लिए 35 हजार 29 मेट्रिक टन खाद का वितरण

रबी सीजन 2021-22 के लिए विभिन्न प्रकार के रासायनिक उर्वरकों का सहकारी समितियों एवं निजी क्षेत्र में भण्डारण के साथ-साथ इसका किसानों को वितरण शुरू कर दिया गया है। इस साल रबी सीजन में 4 लाख 11 हजार मीट्रिक टन उर्वरक वितरण के लक्ष्य के विरूद्ध अब तक सहकारी समितियों में 70 हजार 806 तथा निजी क्षेत्रों में एक लाख 36 हजार 556 मीट्रिक टन इस प्रकार कुल एक लाख 93 हजार 422 मीट्रिक टन उर्वरक उपलब्ध है, जो कि रबी सीजन के लिए निर्धारित लक्ष्य का 47 प्रतिशत है।

किसानों द्वारा सहकारी समितियों एवं निजी क्षेत्रों में उपलब्ध रासायनिक उर्वरकों का उठाव शुरू कर दिया गया है। कृषि विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार किसानों ने अब तक 35029 मीट्रिक टन खाद का उठाव किया है, जिसमें 19247 टन यूरिया, 5733 टन डीएपी, 2691 टन एनपीके, 3285 टन पोटाश तथा 4073 टन सुपरफास्टेक उर्वरक का उठाव किया है, जो कि भण्डारित उर्वरक का 18 प्रतिशत है। सोसायटियों एवं निजी क्षेत्र में वर्तमान में विभिन्न प्रकार के कुल एक लाख 58 हजार 512 मेट्रिक टन उर्वरक उपलब्ध हैं।

किसान अब 10 नवम्बर तक करा सकेंगे खरीफ फसलों का पंजीयन, मुख्यमंत्री की घोषणा

राजीव गांधी किसान न्याय योजना के अंतर्गत समर्थन मूल्य पर धान बेचने तथा खरीफ फसलों की खेती के लिए योजना के तहत आदान सहायता राशि का लाभ लेने के लिए राज्य के किसान भाई एकीकृत किसान पोर्टल में अब 10 नवम्बर 2021 तक पंजीयन करा सकेंगे। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने मंत्रीगणों, जनप्रतिनिधियों एवं किसान संगठनों की मांग के मद्देनजर राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत पंजीयन कराने की अंतिम तिथि 31 अक्टूबर 2021 से बढ़ाकर अब 10 नवम्बर 2021 तक किए जाने की घोषणा की है। मुख्यमंत्री की घोषणा के परिपालन में किसान पोर्टल में 10 नवम्बर तक पंजीयन जारी रहेगा।

पूर्व में मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में आयोजित केबिनेट की बैठक में खरीफ सीजन की सभी फसलों एवं उद्यानिकी फसलों को राजीव गांधी किसान न्याय योजना में शामिल करने का निर्णय लिया गया था। केबिनेट के इस निर्णय को ध्यान में रखते हुए किसानों की सहूलियत के लिए पंजीयन की अवधि में एक माह की बढ़ोत्तरी करते हुए 31 अक्टूबर 2021 कर दिया गया है। गौरतलब है कि राज्य के किसान की सहूलियत और पंजीयन की प्रक्रिया को आसान करने के उद्देश्य से शासन द्वारा एकीकृत किसान पोर्टल http://kisan.cg.nic.in बनाया गया है। एकीकृत किसान पोर्टल में राजीव गांधी किसान न्याय योजना समर्थन मूल्य पर धान खरीदी, मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना, कोदो-कुटकी, रागी उपार्जन योजना तथा उद्यानिकी फसलों के उत्पादक किसानों को लाभ लेने के लिए एक बार पंजीयन कराना होगा।

राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत खरीफ मौसम में कृषि एवं उद्यानिकी फसल उत्पादक कृषकों को प्रति वर्ष 9 हजार रूपए प्रति एकड़ की दर से आदान सहायता राशि दिए जाने का प्रावधान है। खरीफ वर्ष 2020-21 में जिस रकबे में किसान द्वारा धान की खेती एवं न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान विक्रय किया गया था, यदि वह किसान धान के बदले सुगंधित धान, फोर्टिफाइड धान, अन्य अनाज, दलहन, तिलहन, उद्यानिकी फसल अथवा वृक्षारोपण करता है, तो उसे प्रति एकड़ 10 हजार रूपए की अनुदान सहायता दी जाएगी। वृक्षारोपण करने वाले किसानों को आदान सहायता राशि आगामी तीन वर्षों तक देय होगी।

Advertisements
Advertisements
error: Content is protected !!